Tuesday, May 31, 2016

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वेतन निर्धारण नियम का आदेश जारी

जि‍ला/जनपद पंचायत में कार्यरत अध्‍यापक संवर्ग को दि‍नांक 01/01/2016 से छटवां वेतनमान स्‍वीकृत कि‍ये जाने हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वेतन  निर्धारण नियम पोर्टल पर जारी।
आदेश पीडीएफ में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें 









राज्य अध्यापक संघ को आज जारी आदेश स्वीकार्य नहीं है , आदेश की प्रतियो की होली जलाएंगे :- जगदीश यादव

राज्य अध्यापक संघ को  आज जारी आदेश कतई  स्वीकार्य नहीं  है ,राज्य अध्यापक संघ कल सम्पूर्ण प्रदेश में इस नियमावली  की होली  जलाएगा ।  यह आदेश अपूर्ण है , न तो समान वेतन मान है न ,ही छठा । वेतन निर्धारण के उदाहरण कें लिये जारी परिशिष्ट से स्पष्ट है की सहायक अध्यापक का न्यूनतम वेतन 7440 +2400 से प्रारम्भ होना चाहिए था । वरिष्ठ अध्यापक का न्यूनतम वेतन 10230+3600 से प्रारम्भ होना चाहिए था । लेकिन आदेश में 5200+2400 और 9300 +3600 का  उल्लेख है।  सेवा की गणाना 1 अप्रैल 2007 की स्थिति में की जाकर 1998 में नियुक्त अध्यापक संवर्ग को अतिरिक्त वेतन वृर्द्धि का कोई उल्लेख नहीं है । पदोन्नति में सेवा की गणानां पदोन्नति दिंनाक से करने पर उस अध्यापक को भारी नुकसान होगा जो , पदोन्नति में वरिष्ठ पद का न्यूनतम वेतन से अधिक प्राप्त कर रहा हैं ,वह न्यूनतम पर आजायेगा । क्रमोन्नति के लिए कोई वेतन नहीं बताया गया है । अभी भी वेतन निर्धारण पत्रक जारी नहीं किया गया है । वही पत्रक सेवा पुस्तिका में लगेगा ,वही वरिष्ठ कार्यालय जाएगा । राज्य अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदीश यादव ने कल सम्पूर्ण प्रदेश में इस आदेश की प्रतियो की होली   जलाने का आव्हान किया है । इस के बाद आगामी रणनीति तय की जायेगी। 

कर्मचारियों का छह फीसदी बढ़ेगा डीए, कैबिनेट में आज लगेगी मुहर



प्रदेश के साढ़े चार लाख से ज्यादा अधिकारियों-कर्मचारियों व् स्थानीय निकायों के अध्यापक संवर्ग  का महंगाई भत्ता (डीए) छह फीसदी बढ़ेगा। मंगलवार शाम पांच बजे मंत्रालय में होने वाली कैबिनेट बैठक में वित्त विभाग डीए बढ़ाने का प्रस्ताव लाएगा। इसके पारित होने के बाद  कर्मचारियों को जनवरी से 125 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिलेगा।
कैबिनेट में इसके अलावा सिंचाई के लिए अस्थाई बिजली कनेक्शन की जगह स्थायी कनेक्शन की योजना पर विचार होगा। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में करीब एक दर्जन प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। इसमें कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाना प्रमुख है। जानकारी के अनुसार जनवरी से मार्च तक का महंगाई भत्ता जीपीएफ में जमा कराया जाएगा, अध्यापक संवर्ग को इस अवधि का लाभ नगद  मिलेगा ।

इसके बाद का भुगतान वेतन में जुड़कर होगा। इससे खजाने पर करीब 300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि घोड़ाडोंगरी विस क्षेत्र में उपचुनाव की आचार संहिता के चलते सरकार डीए पर कोई फैसला नहीं कर पा रही थी। सोमवार को वहां मतदान हो गया।

इसके अलावा सिंचाई के लिए अस्थायी बिजली कनेक्शन लेने में होने वाली परेशानी और अनियमितता की शिकायतों को देखते हुए इस व्यवस्था को बंद कर स्थाई पंप कनेक्शन देने की योजना पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा बैठक में सिंहस्थ के दौरान हुए वैचारिक महाकुंभ में भोजन आपूर्ति की एजेंसी के अनुमोदन के साथ सहायक जनसंपर्क अधिकारी के सीधी भर्ती के पदों को पदोन्न्ति के माध्यम से भरने के प्रस्ताव पर विचार होगा।


बीएड ,डीएड के संबंध में न्यायालयिन आदेश और पालन प्रतिवेदन

RTE ,2009 के नियमो और संविद शाला शिक्षक भर्ती नियम 2005 के अंतर्गत BEd करने वाले अभ्यर्थी संविदा शाळा शिक्षक वर्ग 3 के लिए पात्र नहीं है।न्यायलय के आदेश का पालन प्रतिवेदन।
न्यायलय के आदेश का पालन प्रतिवेदन 01 अगस्त 2014 PDF में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें



 RTE ,2009 के नियमो और संविदा  शाला शिक्षक भर्ती नियम 2005 के अंतर्गत निशक्त   अभ्यर्थी को संविदा शाळा शिक्षक पद पर बिना पात्रता परीक्षा और प्रशिक्षण के वाक् इन इंटरव्यू के आधार पर भर्ती नहीं किया जा सकता। अवमानना प्रकरण का  निराकरण 30 जुलाई 2014
न्यायलय के आदेश का पालन प्रतिवेदन 30 जुलाई 2014 PDF में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें

 भारतीय शिक्षा परिषद लखनऊ की बीएड ,डीएड को अमान्य  करने का आदेश और न्ययालय के निर्णय का पालन प्रतिवेदन दिनाक 18 दिसंबर 2014 न्यायलय के आदेश का पालन प्रतिवेदन18 दिसम्बर 2014 PDF में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें



अध्यापक संवर्ग को 2001 से वेतनमान (3000 ,4000,5000 ) नहीं मिल सकता

    अध्यापक संवर्ग को 2001 से वेतनमान (3000 ,4000,5000 )  देने के लिए याचिकाएं उच्च न्यायलय में दाखिल की गयी थी। परन्तु शासन ने उक्त याचिकाओं का का निराकरण करते हुए लाभ प्रदान करने से इंकार कर दिया है। और जिन्हे  लाभ प्रदान  किया गया है उन से वसूली के आदेश भी जारी  किये  है। 

न्यायलय के आदेश का पालन प्रतिवेदन PDF में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें 

लोक शिक्षण संचलनालय का आदेश PDF में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें 






स्थांतरण निति के संबंध में लगाई गयी याचिका के आदेश पर ,राज्य शासन का पालन प्रतिवेदन।

अध्यापक संवर्ग के लिए जारी की गयी पुरानी स्थांतरण  निति के संबंध में लगाई गयी याचिका के आदेश पर ,राज्य शासन  का पालन प्रतिवेदन। आदेश PDF में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें 





Monday, May 30, 2016

अतिथि शिक्षक के संबंध में न्यायलय के आदेशों का पालन प्रतिवेदन

अतिथि शिक्षक साथियो के संबंध में अखबारों में समाचार प्रकाशित किये जाते हैं की अथिति शिक्षकों को गुरूजी के समान लाभ प्रादन किया जाये। लेकिन सरकार के पास न्यायलय का आदेश जाता है तो सरकार अपना पालन प्रतिवेदन इस प्रकार देती है देखिये। शासन  का कहना है की अतिथि शिक्षक  को हम अनुभव के अंक और आयुसिमा  में छूट प्रदान कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त कोई  लाभ प्रदान नहीं किया जा सकता है।  साथियो कृपया इन  आदेशों को देख कर ही न्ययालय की शरण लेवें। 
आदेश PDF में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें




स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रारम्भ की वन स्टेप-अप योजना क्या है ? :-सुरेश यादव रतलाम



मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय भोपाल ने वन स्टेप-अप योजना शुरू की है, जिसके आदेश  जिलों में भेजे गए हैं। इस योजना के द्वारा  हर जिले में पदस्थ  सहायक अध्यापक  जो 12 वि तक पढ़े हुए हैं उन्हें स्नातक और  जो अध्यापक  स्नातक है ,उन्हें  स्नातकोत्तर कराया जाएगा। इसमें एडमिशन ,परीक्षा ,प्रयोगिक सभी का  पूरा खर्च शासन उठाएगी (नामांकन ,माइग्रेशन पूरक और ATKT को छोड़कर) ।

 साथ ही पढ़ाई जारी रहने तक शिक्षकों को हर माह वेतन दिया जाएगा। योजना अंतर्गत  प्रथम चरण  में  2016-17 में प्रवेश दिया जाएगा। राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिलों को आदेश जारी किए हैं। साथ ही इच्छुक शिक्षकों की  सूचि उच्च शिक्षा विभाग में भेजने के निर्देश दिए गए हैं। 

   स्नातक स्तर पर प्रवेश के प्रथम चरण के लिए पंजीयन 20 मई से 13 जून तक और स्नातकोत्तर स्तर पर पंजीयन 1 से 16 जून तक किया जाना है। वन स्टेप-अप योजना में चयनित शिक्षकों की सूचि जिला स्तर से  उच्च शिक्षा विभाग को भेजना है।

प्रवेश के लिए यह होंगी अर्हताएं
 
अभ्यार्थी, स्कूल शिक्षा, आदिम जाति विकास विभाग, नगरीय निकाय या पंचायत विभाग द्वारा अधिशासित किसी विद्यालय में नियमित अध्यापक या सहायक आध्यापक के रूप में पदस्थ हो।( संविदा शिक्षक , गुरूजी ,शिक्षक संवर्ग पात्र नहीं है )
 
 प्रवेश के समय अभ्यार्थी की आयु 45 वर्ष से अधिक नहीं होगी। अनुसूचित जाति, जन जाति, पिछड़ा वर्ग व महिलाओं के लिए अधिकतम 47 वर्ष होगी।

जिन शिक्षकों की आयु 1 जुलाई 2015 को 45 वर्ष से अधिक होगी तथा सेवाकाल 15 वर्ष से अधिक होगा, वे इस योजना में सहभागिता नहीं कर सकेंगे। चयन वरिष्ठता के आधार  पर होगा।

स्नातक में    BA    10 पद  (अंग्रेजी साहित्य के साथ )
स्नातक में    BSc  10 पद  (5 गणित, 5 जिव विज्ञान )
स्नात्कोत्तर MA    10 पद  ( अंग्रेजी , गणित )
स्नात्कोत्तर MSc  10 पद  (4 गणित ,2 रसायन ,2 भौतिक ,1 बॉटनी ,1 जूलॉजी )

व्यवसायिक योग्यता के रूप में सामान्यतः डीए या बीएड परीक्षा उर्त्तीण होना अनिवार्य है।

जिन शिक्षकों द्वारा शासकीय सेवा में आने के बाद अपने व्यय पर स्नातक या स्नातकोत्तर परीक्षा उन विषयों या विषय समूहों में उर्त्तीण की हो, जो कि विद्यालयीन विषय नहीं है (मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र आदि) वे भी इस कार्यक्रम के तहत अंग्रेजी, गणित व विज्ञान विषय में संबंधित पाठयक्रम में प्रवेश के लिए पात्र होंगे।प्रत्येक जिले में स्नातक  के लिए 20 सिट और सनत्कोत्तर के लिए 20 सिट निर्धारित की गयी है।

अनुतीर्ण होने या नकल आदि के प्रकरण में  अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी और एक वेतन वृद्धि रोकी जायेगी

यह कार्यक्रम उन सभी शिक्षकों के लिए बंधनकारी होगा, जो निर्धारित आयु, सेवा अवधि व शैक्षणिक योग्यता के अनुसार पात्रता रखते हैं या जिन शिक्षकों की सेवा 1 जुलाई 2015 तक 15 वर्ष नहीं हुए हैं।

अध्ययन के दौरान अध्यापकों की सेवा पुस्तिका जिला शिक्षा अधिकारी के नियंत्रण में रहेगी वे ही अध्यापकों से संबंधित समस्त प्रशासकीय व वित्तीय  निर्णय ले सकेंगे। महाविद्यालय से प्राप्त उपस्थिति के आधार पर वेतन भुगतान किया जाएगा। अध्यापक अपने सभी  प्रकार के अवकाश के हकदार होंगे ,परन्तु पाठ्यक्रम  के उपस्थिति नियमों का पालन करना होगा ।

शासकीय सेवा का भरना होगा बॉन्ड
   
जो शिक्षक इस योजना के तहत किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेंगे, उनको महाविद्यालय में प्रवेश लेने के एक माह अंदर, पाठ्यक्रम पूरा होने की तिथि से 5 वर्ष तक शासकीय विद्यालयों में  सेवा करने संबंधी शासन द्वारा निर्धारित बॉन्ड  भरना होगा। यह बॉन्ड मप्र के संबंधित विभागीय नियमों के अनुसार शासन द्वारा निर्धारित किए गए प्रपत्र में किया जाएगा। ऐसे समस्त बॉन्ड  जिला शिक्षा अधिकारी के पास जमा होंगे।  बॉन्ड   में उल्लेखित नियमों का उल्लंघन करने पर जिला शिक्षा अधिकारी महाविद्यालय में प्रवेश निरस्त कर अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा ।


निर्धारित पदों से अधिक आवेदन आने पर जिलाधिश  की अध्यक्षता में गठित समिति वरिष्ठ का चयन करेगी ,जिला शीक्षा अधिकारी समिति का सचिव होगा। यह समिति  योजना से जुड़े  सभी विवादो का  जिला स्तर पर निपटारा  करेगी ।  
सुरेश यादव कार्यकारी जिलाध्यक्ष राज्य अध्यापक ,जिला रतलाम 

जून माह में अध्यापकों के लिए नई तबादला नीति जारी की जा रही है :- जगदीश यादव

 शिवपुरी 
18 साल से तबादलों का इंतजार कर रहे अध्यापकों के लिए एक अच्छी खबर है। अब पुरुष अध्यापक जून माह से अपनी मन चाही जगह पर पदस्थापना ले सकेंगे। इसके लिए जून माह में नई तबादला नीति जारी की जा रही है। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो 31 मई को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में पुरुष तबादला नीति को फाइनल कर दिया जाएगा। राज्य अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष जगदीश  यादव का कहना है कि इसके लिए अध्यापकों की नियुक्ति करने वाले पंचायत एवं नगरीय प्रशासन विभाग भी सहमत हो गए। 
प्रदेशाध्यक्ष जगदीश यादव का कहना है कि 24 मई को प्रमुख सचिवों के साथ शिक्षा मंत्री पारस जैन की अध्यापक तबादला नीति को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। मंत्रालय में तीन घंटे तक चली बैठक में अध्यापक संविलयन नीति से संबंधित पहलुओं पर चर्चा हुई। शिक्षा मंत्री का कहना था कि नई संविलयन नीति का मसौदा लंबे समय से बनकर तैयार है। अब जून माह आने वाला है। इस कारण कोशिश की जा रही है कि नए शिक्षण सत्र में पुरुष अध्यापकों को भी तबादला नीति का लाभ मिले। इसके लिए संबंधित विभाग के प्रमुख सचिवों ने सहमति दे दी है। जून माह से ऑनलाइन आवेदन कर नई तबादला नीति का लाभ लिया जा सकेगा। 

अब साल भर होंगे बीमार अध्यापकों के तबादले :

नई संविलियन नीति के तहत गंभीर रूप से अध्यापकों के 12 माह तबादले होंगे राहत की बात यह है कि गंभीर बीमारी में अगर तबादला करवाना है तो इनके लिए ऑनलाइन आवेदन की जरूरत नहीं होगी। ऑफ लाइन आधार पर ही सक्षम अधिकारी इनके तबादले कर सकेंगे। लेकिन यह लाभ महज उन बीमार अध्यापकों को मिल सकेगा जो कि मेडिकल बोर्ड का प्रमाणपत्र जिला शिक्षा अधिकारी से अनुमोदित कर पेश करेंगे। 

बगैर एनओसी के होंगे तबादले 
प्रदेशाध्यक्ष का कहना है कि बकौल शिक्षा मंत्री इस नई तबादला नीति में अध्यापकों को एनओसी लेने की झंझट से मुक्ति मिलेगी। इस नीति में अध्यापकों को तबादलों के लिए जनपद और नगरीय निकायों के एनओसी के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के ही अध्यापकों के तबादले होंगे। जिसमें एक निकाय से दूसरे निकाय में तबादले हो सकेंगे। अभी तक सिर्फ महिला एवं विकलांग अध्यापकों के लिए तबादले का प्रावधान था। अब पुरुषों को भी यह लाभ मिलेगा। 

बैन खुलते ही होंगे तबादले 

 " शिक्षा मंत्री पारस जैन के साथ मंगलवार को प्रमुख सचिवों की बैठक में पुरुष स्थानांतरण नीति पर सहमति बन चुकी है। 31 मई को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इसके आदेश जारी कर दिए जाएंगे और बगैर एनओसी के अध्यापकों के तबादले होंगे जैसे ही बैन खुलेंगे। " जगदीश यादव, प्रदेशाध्यक्ष राज्य अध्यापक संगठन 
 " 5 जून तक नई तबादला नीति जारी हो जाएगी। इसके लिए 31 मई को कैबिनेट बैठक में फायनल कर दिया जाएगा। इसमें एनओसी का कोई बंधन नहीं रहेगा। " स्नेह सिंह रघुवंशी, जिलाध्यक्ष राज्य अध्यापक संगठन शिवपुरी। 

 




Sunday, May 29, 2016

इस वित्त वर्ष में अपना वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करें : वसीम अहमद

         अगर इस पैसे को ठीक से खर्च किया जाए और सही जगह निवेश किया जाए तो आप कई गुना रिटर्न कमा सकते हैं।  एक्सपर्ट की नजर से देखें कि इस  अप्रैल से अगले  अप्रैल  तक टैक्स ,शेयर बाजार, कमोडिटी, रियल एस्टेट और प्रॉपर्टी जगत में क्या हलचल होने वाली है और ये आपको कैसे प्रभावित कर सकती है। अपने वित्तीय जीवन को सुधारने के लिए कड़े फैसलों की जरूरत होती है तो  इस अप्रैल आप इसमें बदलाव का संकल्प लें।  

        इस वित्त वर्ष में  आप अपने पर्सनल फाइनेंस से जुड़े फैसलें लें और अगले मार्च से पहले ही उससे मिलने वाले लाभ उठाएं। कई बार हम अपनी वित्तीय जरूरतों से जुड़े फैसले लेने में हिचकते हैं। निवेश के लिए सोना या दूसरी चीजें खरीदते हैं। इस बार थोड़ा बदलाव करें और वित्तीय लक्ष्यों के लिए निवेश शुरू करें।


इस अप्रैल यह फैसले लें 


अपने ऊपर खर्च करें

पर्सनल फाइनेंस के लेख में ये थोड़ा अजीब लगेगा। हर सलाहकार आपको कम खर्च और ज्यादा बचाने की सलाह देता है। लेकिन मैं आपको ज्यादा खर्च के लिए कह रहा  हूं , हॉं खर्च करने के लिए और अपने ऊपर खर्च करने के लिए। खर्च करें नए अनुभव के लिए, नई चीजें सीखने के लिए, अपने को संतुष्ट करने के लिए और अच्छे से जीने के लिए।


इस वर्ष  अपने खर्च को इस तरह मैनेज करें। अपनी आय को 100 फीसदी मानकर इस तरह खर्च करें


आय का 55 फीसदी -जीवन की जरूरतें पूरी करने के लिए (खाना, कपड़ा, लोन,मनोरंजन ,छुट्टी ,गिफ्ट,स्वयं की शिक्षा )आय का 40  फीसदी- अपने जीवन के लक्ष्य पूरे करने के लिए (बच्चों के भविष्य, बिमा ,मेडीलक्लेम और घर के लिए)आय का 5 फीसदी - समाज को वापस (अच्छे काम या चेरिटी पर)रिटायरमेंट   - आप अध्यापक हैं आप का NPS कट रहा है और 10 फीसदी आप के वेतन से और 10 फीसदी सरकार मिला रही हैं। 

बेसिक इंश्योरेंस खरीदें


अपने परिवार के लिए सबसे बड़ी दौलत आप हैं। अपनी हेल्थ और जीवन को रिस्क से सुरक्षित करें। कई अच्छे परिवारों को भी बुरे दिन देखने पड़ते हैं क्योंकि उन्होंने इमरजेंसी के लिए कोई योजना नहीं बनाई होती है। कम से कम ये इंश्योरेंस जरूर करवा लेंटर्म इंश्योरेंस- आपकी वार्षिक आय का 10 गुना कवर हो ( ध्यान रखें बिमा निवेश के लिए नहीं होता )हेल्थ इंश्योरेंस- कम से कम 3 से 5 लाख का फैमिली फ्लोटर प्लान पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस- 2 साल की आय के बराबरहोम इंश्योरेंस- घर की कीमत के मुताबिक

ज्यादा ब्याज का लोन चुका दें


अगर आपके पास ऐसा कोई लोन है जिस पर 12 फीसदी ब्याज चुका रहे हैं तो उसे जल्द से जल्द चुकता कर दें। अपने बोनस या अपनी रेगुलर आय से कुछ रकम बचाकर इस लोन को चुकता करने की कोशिश करें। ब्याज आपकी आय खा जाता है। ब्याज से आप नहीं जिसे ब्याज दे रहे हैं वो अमीर होता है।

अपने लक्ष्यों के लिए निवेश करें


निवेश की शुरूआत कर दें। निवेश हमेशा किसी लक्ष्य को लेकर करें। आपको अपनी बेटी की शिक्षा के लिए निवेश करें। नए घर की डाउनपेमेंट के लिए निवेश करें। अपने रिटायरमेंट के लिए  एनपीएस में पैसा लगाएं जो हो ही रहा हैं ।हमेशा निवेश का अपने लक्ष्य को देखते हुए करें। अपने दोस्तों को देखकर कभी निवेश न करें। इस साल निवेश की शुरूआत कर दें।

अपनी वसीयत लिख दें


आपको ये लगता है कि ये जरूरी नहीं है तो पहले इन सवालों का जवाब देंक्या आपके पास बैंक या निवेश किया हुआ कोई पैसा है?क्या आपको प्यार करने वाले लोग हैं?क्या आपको लगता है कि आपका पैसा आपके परिवार को मिले?अगर आपका जवाब हां में है तो आपको वसीयत जरूर बनानी चाहिए।जीवन अनिश्चित है। आपके परिवार को पता चलना चाहिए कि आप उनके लिए क्या कर रहे हो। कम से कम वो सुरक्षित रहें। उन्हें इस बात का पता होना चाहिए कि आपने जो उनके लिए बचाया है वो उन्हें कैसे मिलेगा।                                   

अपना वित्तीय लक्ष्य कैसे तय करें 

आप नौकरी कर रहे सरकारी कर्मचारी है ,आप की आय सिमित है ,ध्यान रखें कभी कर्ज न लें । आप जानते है की आप को  पैसो की जरुरत कब पड़ेगी कुछ खर्च जैसे ,बिमा और बेडिक्लेम की किश्ते और बच्चों  की स्कुल फ़ीस ,यूनिफार्म किताबो का खर्च प्रत्येक वर्ष करना होता है। हमें मालूम होता है की कुछ खर्च 3 ,5 ,10 या 15 वर्ष बाद आने वाले है जैसे बच्चों की उच्च शिक्षा ,विवाह या उनके रोजगार के लिए। इन लक्ष्यों को तय कर के अपने पैसो  का निवेश करें।  इन समयावधियों के लिए बाजार में कई विकल्प उपलब्ध है जिसमे आप थोड़ा थोड़ा पैसा बचाकर लक्ष्य अर्जित कर  सकते हैं। जब आप 1 ,3 ,5,10 या 15 वर्ष के लक्ष्य तय करें तो इन वर्षो की महगाई वृद्धी  को ध्यान में रख कर लक्ष्य राशि के अनुसार निवेश करें । 1  वर्ष के लिए आप ,FD ,पोस्टऑफिस ,लिक्विड फंड (म्युचुअल फंड ) में निवेश करें , 3 से 5 वर्ष के लक्ष्य के लिए आप डेट और बेलेंस  (म्युचुअल फंड )  में निवेश करें वही  5 वर्ष से अधिक के निवेश पर आप इक्विटी म्युचुअल फंड  (इसमें आप को जमा राशि और अर्जित राशि दोनों पर आय कर में छूट प्राप्त होगी ) या  रियल स्टेट में  में निवेश करें । 

तो इस वित्त वर्ष की शुरूआत आप इन फैस
लों से करें।


लेखक  श्री  वसीम  अहमद  (  रतलाम  )  वित्तीय  प्रबंधन   के  जानकार  है  व   AMFI  प्रमाणित  वित्त   सलाहकार  हैं 

अध्यापक स्थांतरण (संविलियन) निति 2016-17 में बदलाव होगा ।

        राज्य अध्यापक संघ के संरक्षक  एवं विधायक मुरलीधर पाटीदार ने अध्यापक संवर्ग के संविलियन में पुरुष अध्यापको को महत्व देने का आग्रह स्कुल शिक्षा मंत्री से किया ,साथ ही एक इस बार स्वेच्छिक अध्यापक स्थानातरण निति  लागू करने की भी मांग की ।
       श्री पाटीदार ने पत्र में कहा की नियमो के कठिन होने के कारण गत वर्ष की निति में अध्यापको को लाभ प्राप्त नहीं हो पाया था । अतः नियमो में शिथिलता दी जाए ।
       शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन ने श्री पाटीदार का पत्र अपर मुख्य सचिव स्कुल शिक्षा को 
भेज कर  ,निर्देश दिए है की माननीय विधयाक की माँग के अनुसार निति में बदलाव किया जाने की कार्यवाही करें । आशा है इस सत्र में जारी होने वाली स्थांतरण (संविलियन) निति में ढील दी जायेगी और ,सभी को अपने परिजनों के निकट जाने का अवसर प्राप्त होगा ।

Saturday, May 28, 2016

सरकार नहीं चाहती अध्यापक एक हों :- रिजवान खान ( बैतूल )

शासन ने छठे वेतनमान आदेश के दोनों प्रारूपो के बीच लम्बा अंतराल रखा है......
क्या उनको पता था की इस देरी के बीच अध्यापक संघ आपस में लड़ेंगे ?
क्या उनको पता था की अध्यापक संघ एक दूसरे पर कीचड़ उछालेगे ?
क्या उनको पता था की संघो की वैमनस्यता इतनी बढ़ जायेगी की इनका आपस में पुनः एकता सूत्र में बंधना कठिन हो जायेगा ?
अगर शासन को यह सब मालूम था तो उक्त स्तिथियों को निर्मित करने में उसकी भी भूमिका होगी और उसका निर्वाह करने वाले हमारे बीच के कुछ लोग भी अवश्य होंगे. उपरोक्त विचार निकृष्ट है किन्तु आजकल सोशल मीडिया के माहौल में ऐसे ही विचार आते है.
रिजवान खान ( बैतूल ) यह लेखक के निजी विचार हैं। 



शिक्षा विभाग के अध्यापकों के वेतन की समस्या हल :-जगदीश यादव

          प्रदेश के कई  जिलो  में पिछले तीन माह से वेतन नहीं होने की      समस्या को लेकर कल लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल में राज्य अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष श्री जगदीश यादव के नेतृत्व में अपर संचालक (वित्त) एवम् बित्तीय सलाहकार स्कूल शिक्षा विभाग श्री मनोज श्रीवास्तव जी से मिलकर वेतन समस्या बंटन समस्या एवम् हेड की समस्या से अवगत कराया।  
   
          जिस पर उन्होंने कुछ जगह गलत हेड से दिए जा रहे वेतन पर      नाराजगी प्रकट की और संघ को आश्व्स्त  किया की सभी  DDO  एवम्    DEO  को आज ही पत्र जारी कर हेड को सपष्ट कर दिया जायेगा  और शीघ्र वेतन भुगतान कराया जायेगा । प्रतिनिधि मंडल में प्रदेशाध्यक्ष श्री जगदीश यादव के साथ प्रांतीय महासचिव श्री दर्शन सिंह चौधरी एवम् श्री रामनिवास जाट शामिल थे ।

     
      इस के सम्बन्ध में राज्य अध्यापक संघ के ज्ञापन का हवाला देते हुए DPI ने समस्त DEO को पत्र जारी कर दिया है । पत्र  में स्थिति को सपष्ट किया गया है की अध्यापकों का वेतन ,शीर्ष 74-2202-01-196-8403-42-9999-V-009 एवं 74-2202-02-196-8403-42-9999-V-009 में पर्याप्त वंटन उपलब्ध है। तथा शिक्षा विभाग के समस्त 2334 DDO की मेपिंग भी है। पत्र में कहा गया है की ,समीक्षा करने पर  पाया  गया  की  कई DDO ने अध्यापकों का वेतन संविदा शिक्षकों  के वेतन  शीर्ष  75-2202-01-196-8403-42-9999-V-009 एवं 75-2202-02-196-8403-42-9999-V-009 से  आहरित किया गया है जो वित्तीय नियमों के विपरीत है । अतः 10 दिवस में जानकारी उपलब्ध करवाएं। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है की  योजना क्रमांक 8403 में अध्यापक का वेतन व योजना क्रमांक 2669 संविदा शिक्षकों के लिए है और उसी से आहरित  किया जाए । 


Friday, May 27, 2016

सिर्फ गणना पत्रक को लेकर बेजा बेसब्री क्या ये कुछ ज्यादा नासमझी नहीं है ? : - डी के सिंगौर मंडला

सिर्फ गणना पत्रक को लेकर बेजा बेसब्री और उसको लेकर सोशल मीडिया में तरह तरह से टिप्पण , क्या ये कुछ ज्यादा नासमझी नहीं है ?  जबकि जनवरी 16  से  ही उस गणना पत्रक से लाभ मिलना तय है , कारण जो भी हो पर बताया तो गया था सिंहस्थ के बाद जारी होगा क्या सिहंस्थ समाप्त होने के 10 दिन तक शांत रहकर इन्तजार नही किया जा सकता।  इस दौरान चर्चा करके जारी कराने का प्रयास ज्यादा उचित नहीं होता।  सिर्फ गणना पत्रक जारी कराने के लिए सडको पर आना ठीक है ? जबकि हम ये जानते है कि उसमें विसंगति की आशंका  है और उसको लेकर अध्यापकों को फिर से सडकों पर आना होगा।  क्या हम अपनी उर्जा को बचा कर नही रख सकते थे जब विसंगति को लेकर फिर सडकों पर उतरेंगें तो पब्लिक क्या सोचेगी ये पहलू भी देखना क्या जरूरी नही है ?  इसमें संगठन के पदाधिकारियों से ज्यादा दोष एक आम अध्यापक का नजर नही आ रहा जो सोशल मीडिया का भरपूर दुरपयोग कर संगठन के लोगो पर गणना पत्रक जारी कराने का अनावश्यक प्रेशर  बना रहा है।  लोगों ने कविताएँ तक रच डाली आज एक जिम्मेदार अध्यापक की टिप्पण ने ,यह टिपण्णी   लिखने को मजबूर कर दिया जब उन्होंने  लिखा कि "श्रेय के चक्कर मॆ संघों की आपसी खींचातानी मॆ गणना पत्रक फटा ??  डा धर्मेन्द्र जैन अमोल ने बताया है कि विश्वस्त सूत्रों के अनुसार कल उस पर टेप आदि लगा कर जारी होने की सम्भावना है ।" मेरा विचार है कि अध्यापक को  अपनी  उर्जा का सही सदुपयोग करना  चाहिए क्योकि अभी  7 th  पे और शिक्षक बनने की लड़ाई बाकी है समान कार्य समान वेतन की लड़ाई तो 6 th  पे में पहले ही तब्दील हो चुकी है।
डी के सिंगौर मंडला
उक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं।

एक -एक पैसा बचाएँ ,जल्दी बचत करना प्रारम्भ करें :- वसीम अहमद

जल्द से जल्द एक-एक पैसा जोड़ने की आदत डाल लेना माली हालत मजबूत करने का सबसे उम्दा तरीका है। ज्यादातर लोग इस तरीके से उतना धन नहीं जोड़ पाते, जितना वास्तव में उनकी क्षमता होती है। मसलन, एक-एक पैसा सहेजकर धन इकठ्ठा करने में वैसे लोगों को ज्यादा सफलता मिलती है, जिनके जीवन में धन उपार्जन की लंबी अवधि बाकी होती है। इस लिहाज से आप जितने कम उम्र के होंगे, पैसे जोड़ने की क्षमता उतनी ही अधिक होगी। मशहूर वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन ने इसे दुनिया का आठवां अजूबा बताया था।

इरादे का पक्का होना पहली शर्त

ऐसे लोगों के लिए छोटी-छोटी बचत करके पैसे जुटाना समृद्धि का शानदार माध्यम साबित होता है, जो इरादों के पक्के होते हैं। ऐसी बचत मूल पूंजी के साथ-साथ उससे होने वाली आय को सहेजने के अलावा कुछ नहीं है। करियर की शुरुआत करने वाले ज्यादातर लोग बचत और निवेशक को लेकर कोताही बरतते हैं। असल में यह बिलकुल वैसा है कि जैसा कि हम युवावस्था में करते हैं। हर चीज में अनुशासन बरतना। माली हालत दुरूस्त रखने में भी इसकी खासी अहमियत होती है। हमें पक्के इरादे के साथ अपनी आय में से थोड़ी रकम बचानी चाहिए और भविष्य में फायदे के लिए उसका निवेश करना चाहिए।


जल्द शुरुआत से ज्यादा फायदा

सबसे अहम बात यह है कि एक-एक पैसा जोड़ने की आदत वैसे लोगों के ज्यादा काम आती है, जो इसकी शुरुआत जल्दी कर लेते है। इस मामले में देरी करने वाले नुकसान में रहते हैं। एक उदाहरण से समझें। मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने 65 वर्ष की उम्र तक हर महीने 1000 रुपए निवेश किया। इसका मतलब है कि यदि आप 25 वर्ष की उम्र से ऐसा करना शुरू करते हैं, तो आपके पास 40 साल का लंबा वक्त है। लेकिन यदि आप 35 वर्ष की उम्र से यह आदत डालते हैं, तो 30 वर्ष तक ही ऐसा कर पाएंगे। यदि आप 25 वर्ष की उम्र से हर महीने 1,000 रुपए निवेश करना शुरू करते हैं, तो 12 प्रतिशत सालाना ब्याज दर पर 65 साल की उम्र तक यह रकम 1.18 करोड़ रुपए हो जाएगी ,
जबकि आप ने पैसा बचाया है 4 लाख 80 हजार वाकई, यह 8वें अजूबे जैसा लगेगा ।यही आप 35 वर्ष की आयु से 1000 बचाएंगे और 12 प्रतिशत का रिटर्न होगा तब  आप के पास सिर्फ 35 लाख रूपये होंगे। 

बचत का निवेश, गैर-जरूरी खर्चों में कटौती जरूरी
अहमियत इस बात की है कि कुछ रकम बचाई जाए और फिर उसका निवेश किया जाए। सफल होने के लिए निवेश जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि बचत की अहमियत तभी है, जब वह भी आय का जरिया बन जाए। शुरुआती तौर पर वेतन मिलते ही उसके एक निश्चित हिस्से का निवेश करते जाएं। बचत की रकम पता करने के लिए बजट बनाएं, खास तौर पर खर्चों का। यह मुश्किल काम नजर आ सकता है, लेकिन 2-3 महीने ऐसा करने के बाद आपको पता चल जाएगा कि वेतन की रकम कहां खर्च हो रही है। अब गैर-जरूरी खर्चों में कटौती करें। इसे कम करके महीने में एक या दो मर्तबा किया जा सकता है।


कहां निवेश करें

सबसे जरूरी बात यह है कि आपको लंबी अवधि के निवेश की समझ होनी चाहिए। इनके विकल्पों पर गौर करें। बचत की रकम से वास्तबिक आय होनी चाहिए और इस मामले में इक्विटी को सबसे बेहतर माना जाता है। असल में इक्विटी ही निवेश का एकमात्र ऐसा जरिया है जहां फिक्स्ड रिटर्न वाले निवेश साधनों के मुकाबले रियल रिटर्न मिलता है। कारण यह है कि फिक्स्ड रिटर्न वाले निवेश के साधनों से होने वाली आय की तुलना यदि महंगाई की दर से की जाए तो ये नुकसान वाले जरिया नजर आने लगते हैं।
दरअसल, इक्विटी इन्वेस्टमेंट को सबसे ज्यादा रिटर्न वाला निवेश साधन माना जाता है। इसमें शेयर, डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड, सेक्टर इक्विटी फंड और इंडेक्स फंड जैसे माध्यम शामिल हैं। वर्ष 1990 से लेकर 2013 के बीच निफ्टी ने सालाना 17 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न दिया है। लेकिन इस मामले में यह भी ध्यान रखना होगा कि आय में उतार-चढ़ाव की गंुजाइश ज्यादा होती है। इसलिए कम जोखिम उठाने वाले निवेशकों के लिए बॉन्ड और डेट फंड भी हैं। सरकार और कंपनियों के बॉन्ड काफी अच्छे होते हैं। यह निवेश के सुरक्षित साधन होते हैं और इनमें पैसा लगाने से सालाना 8-12 प्रतिशत आय होती है। पीपीएफ, पीएफ और बैंक डिपॉजिट जैसे साधन सबसे अधिक सुरक्षित हैं, लेकिन इनसे कम रिटर्न मिलता है।


मजबूत बुनियाद

भविष्य में अपनी माली हालत ठीक रखने की योजना बनाना बहुत जरूरी है। अक्सर यह फाइनेंस से जुड़ा हुआ मामला होता है। योजना न बनाना विफल होने की तैयारी करने जैसा है। सबसे पहले हर महीने वेतन से कुछ रकम बचाएं और उसका निवेश करें। यदि आप नियमित तरीके से ऐसा नहीं कर सकते तो किसी म्युचुअल फंड का सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी सिप ले लें। ऐसा फंड लें, जिससे टैक्स में छूट मिलती हो। इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम यानी ईएलएसएस में पैसा लगाने से इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है। इस धारा के तहत किसी एक वित्त वर्ष में 1 लाख रुपए तक की बचत और निवेश पर टैक्स कटौती का लाभ मिलता है। याद रखें, शुरुआत बहुत जरूरी है। बचत और निवेश शुरू करें और पक्का करें कि इसमें कोताही नहीं बरतनी है, तभी लंबी अवधि में समृद्धि आएगी।

लेखक श्री वसीम अहमद ( रतलाम ) वित्तीय प्रबंधन  के जानकार है व  AMFI प्रमाणित वित्त  सलाहकार हैं .

Wednesday, May 25, 2016

पदोन्न्ति अब आरक्षण नियम के चक्कर में उलझ गई है।

 भोपाल मंत्रालय में सेक्शन ऑफिसर से लेकर अपर सचिव तक होने वाली पदोन्न्ति अब आरक्षण के चक्कर में उलझ गई है। 30 मई को अपर सचिव का एक पद खाली होगा। इनके स्थान पर पदोन्न्ति के लिए करीब एक माह पहले विभागीय पदोन्न्ति समिति की बैठक भी हो चुकी है, लेकिन पदोन्न्ति आदेश को लेकर असमंजस की स्थिति है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय में करीब 55 पदोन्न्तियां होनी हैं।

इसके लिए विभागीय पदोन्न्ति समिति की बैठक भी हो चुकी हैं। जिन लोगों को पदोन्न्त करने पर सहमति बनी है वे अब सामान्य प्रशासन विभाग के चक्कर लगा रहे हैं, पर ठोस जवाब नहीं मिल रहा है। विभाग ने महाधिवक्ता कार्यालय से पदोन्न्ति आदेश निकालने को लेकर सलाह मांगी है।

दरअसल, पदोन्न्ति में आरक्षण नियम को हाईकोर्ट द्वारा रद्द करने और सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति बनाए रखने के आदेश को लेकर असमंजस है। इसे साफ करने के लिए विभाग ने महाधिवक्ता कार्यालय से कानूनी राय मांगी है। सूत्रों का कहना है कि विधिक सलाह मिलने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग सभी के लिए दिशानिर्देश जारी कर सकता है

मप्र पदोन्न्ति नियम 2002 के तहत पिछले 14 साल में सभी वर्ग के लगभग ढाई लाख अधिकारी-कर्मचारी पदोन्नत हुए हैं। इनमें लगभग 45 हजार अधिकारी-कर्मचारी अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हैं, जो हाईकोर्ट के इस फैसले से प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि सरकार हाईकोर्ट के फैसले से पड़ने वाले असर के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट गई है।

पदोन्न्ति में आरक्षण के खिलाफ 28 अलग-अलग याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल को फैसला सुनाया है। जिसमें "मप्र पदोन्न्ति नियम 2002" के सेक्शन 5(1) को निरस्त कर दिया है। वहीं 2002 से अब तक इस नियम के तहत किए गए प्रमोशन निरस्त कर दिए हैं। यह फैसला आने के बाद कर्मचारी और अधिकारी संगठनों में खलबली मच गई है।


अध्यापक किस से लड़ रहा है ? सुरेश यादव रतलाम

       कहा जाता है राजनीती करने वाले वँहा से सोचना प्रारम्भ करते है, जंहाँ हम सोचना बंद कर देते हैं।
       

     प्रदेश के मुख्यमंत्री के  राजनेतिक चातुर्य और सत्तारूढ़ दल के प्रति अपनी निष्ठा के चलते आज ,अध्यापक न तो सरकार को  कोस पा रहा है  न अपने साथ हो रहे अन्याय को आम जन तक पहुँचा पा रहा है । प्रदेश का अध्यापक अपने संवर्ग की दुर्दशा के लिए अपने ही संगठनो और नेतृत्व पर सन्देह कर रहा है और आक्षेप लगा रहा है ।

       वह अपनी समस्याओं  के लिए जिम्मेदार सरकार ( विगत 13 वर्ष से एक ही ) के खिलाफ न तो एक शब्द कहना चाहता है न ही किसी के मुँह से  सरकार के विरुद्ध कुछ सुनना चाहता है। मेरा व्यक्तिगत मत है की आज की स्थिति में प्रदेश का 90 प्रतिशत अध्यापक अपनी वर्तमान समस्याओ के लिए सरकार को नहीं अध्यापक नेताओ और संगठनो को जिम्मेदार मानता है ।
जबकि होना इसके उलट चाहिए ।वर्तमान में अध्यापक और  पूर्व के शिक्षा कर्मी का शून्य से शिखर तक का सफ़र यदि आज पूर्ण हुआ है तो वह सरकार के पुरजोर विरोध के कारण ही हुआ है ।

    आप  तुलना कीजिये पंचायत सचिव ,आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, संविदा कर्मचारी अधिकारी (पंचायत की विभिन्न योजनाओ में कार्यरत),संविदा सवास्थय कर्मी , या राज्य के कर्मचारी जिन्होंने कई बढे-बढे अंदोलन किये लेकिन कोई विशेष लाभ अर्जित नहीं कर पाये ।
परंतु अध्यापक ने अपनी नोकरी बचाई,और फिर नोकरी में आये(1998 में ) ,अवकाश की लड़ाई,अनुकम्पा,अनुग्रह,ग्रीन कार्ड,बैंक लोन ,नविन पेशन योजना ,शून्य बजट पर वेतन, संविदा गुरूजी का एक सवर्ग में संविलियन और समान वेतन की लड़ाई भी जीती (कहने का आशय सिर्फ हासिल ही किया )। गुरूजी तो आरक्षण के नियमो को शिथिल कर के अध्यापक संवर्ग में आये यह कोई सामान्य उपलब्धि नहीं हैं ।

     साथियो इसका कारण सिर्फ यह है की ।हम सड़को पर उतर के सरकार को कोसते थे ।हमने सरकार से असली लड़ाई लड़ने का माद्दा दिखाया है ।
परन्तु जब से सोश्यल मिडिया का समय आया है ।नकारात्मकता  ने पैर पसारें हैं। कॉपी पेस्ट,हेश टेग, शेयर और लाइक का जमाना है ।  कई शूरवीर इस प्रकार उत्पन्न हुए है जिनका स्वयं का इन वर्षो में कोई योगदान नहीं लेकिन वे किसी पर भी उंगली उठा देतें है ।कई जिनको सेवा में आये ही 2-3 वर्ष हुए है 19 वर्षो का हिसाब मांग रहें हैं। सच कहें तो वे समीक्षक बन गए है ।समीक्षा भी कीजिये परन्तु कभी सरकार की भी समीक्षा कर लिया करें।  ये वही है जो अपनी निजी समस्याओ के समाधान के लिए संकुल के बाबू और प्राचार्य के सामने मुह नही खोल सकते परन्तु ,सत्तारुढ़ दल के प्रति अपनी निष्ठा के चलते वे अध्यापक के असली संघर्ष  की कमियां निकाल रहें हैं। जी हाँ लोकतंत्र है आप को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है ,लेंकिन सार्वजनिक जीवन की मर्यादाओ का उल्लंघन करने का अधिकार किसी को नहीं है । शोषयल मीडया पर कुछ लाइक और शेयर आप को समझदारी का या सफलता का प्रमाण नहीं है ।

          साथियों में फिर अपनी बात पर आऊँगा , यह राजनीती है अपना काम अवश्य करेगी ।और जँहा पर हम सोचना बंद करेंगे उसके आगे से सोचना शुरू करेगी ,इस लिए लड़ाई  लड़नी है सरकार से लड़ेे पुरजोर तरीके से लड़ें हमारे साथ होने वाले अन्याय को जनता तक पहुंचाएं , वंही से कुछ लाभ होगा ,आपस में लड़ कर कुछ हासिल नहीं होने वाला। धन्यवाद ।
सुरेश यादव रतलाम ( यह लेखक के निजी विचार हैं )

Tuesday, May 24, 2016

राज्य अध्यापक संघ के प्रतिनिधि मंडल ने की पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग प्रमुख सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय से चर्चा की

             24 मई 2016 को गणना पत्रक  जारी करने के सम्बन्ध में राज्य अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष जगदीश यादव के नेतृत्व मे प्रतिनिधिमण्डल ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग पंचायत एवम् ग्रामीण विकास विभाग प्रमुख सचिव श्रीमती  अलका उपाध्याय  से  चर्चा की श्री थेटे के बाद श्रीमती अलका उपाध्याय ने भी गणना पत्रक की फ़ाइल पर हस्तक्षर कर दिए हैं। इसके पूर्व प्रतिनिधि मण्डल ने विभाग सचिव रमेश श्री थेटे से मिलकर गणना पत्रक जारी करने की मांग की । इस पर श्री थेटे ने तत्काल गणना पत्रक की फाईल मंगाकर हस्ताक्षर किए एवं आदेश के लिए प्रमुख सचिव को फाईल भेजी  थी । इसके पहले  प्रतिनिधि मंडल ने कर्मचारी कल्याण समिति  के अध्यक्ष श्री रमेश चन्द्र शर्मा से भी मंत्रालय में मुलकात की  श्री जगदीश यादव ने  पुरुष अध्यापक के संविलियन (स्थांतरण) के लिए  श्री शर्मा को ज्ञापन सौंपा  श्री शर्मा ने त्वरित कार्यवाही करते हुए  एक नोटशीट स्कुल  शिक्षा मंत्री को लिख कर भेज दी है । प्रतिनिधिमण्डल मे  एच एन नरवरिया , रामनिवास जाट  (हरदा) भी सम्मिलित  थे । 






PRAN कार्ड की समस्या ,पुनः जारी करवाइये ,अपना पासवर्ड पुनः जारी करवाइये या अपनी जानकारियों में सुधार करवाएं सभी के लिए फार्म S 2 में जानकारी की पूर्ति कीजिये

       अंशदायी पेंशन प्रणाली की समस्या को सुलझाते सुलझाते कई नई  समस्याओं से रूबरू  हुआ हूँ। एक समस्या  सामने आई है  PRAN  कार्ड का गुम  हो जाना ,अथवा जारी ही नहीं होना ,अथवा प्रिन्टिग में गलती अथवा क्षतिग्रस्त हो जाना। इन समस्याओं का हल खोजने पर जानकारी मिली की फार्म S 2  हर समस्या  का हल है। आप PRAN कार्ड की  समस्या हल कीजिये या अपना पासवर्ड पुनः जारी करवाइये या अपनी जानकारियों में सुधार करवाएं  सभी के लिए फार्म S 2  में जानकारी की पूर्ति कीजिये और अपने नोडल अधिकारी (AC/DEO)  को भेज  दीजिये आगे की औपचारिकताएँ  वंही से पूर्ण की जाएंगी। नविन PRAN कार्ड  जारी करने और पासवर्ड बदलने के लिए 50 रूपये  का चालान जमा करना होगा।
     चालान ,लेखा शीर्ष 0070 - अन्य प्रशासनिक सेवायें ,60 - अन्य सेवायें ,800- अन्य प्राप्तियाँ ( 9099 PRAN रिकार्ड से संबंधित प्राप्तियां )   कोषालय से  संबद्ध  बैंक में जमा करना है। इसके बाद चालान की एक प्रति  फ़ार्म S 2 के साथ संलग्न कर के  नोडल अधिकारी को जमा करना है। आगे की औपचारिकता नोडल अधिकारी द्वारा पूर्ण की जायेगी। हस्ताक्षर और फोटो में परिवर्तन के लिए फ़ार्म S 7 में पूर्ति  जाए।
        फार्म S 2  के माध्यम  से  आप को जो भी सुधार करवाना है ,पहले पेज में DDO और PAO के उपयोग की जानकारी के निचे A,B,C,D  चार ब्लॉक है जिस जानकारी में भी सुधार करवाना है उसमे ( सही ) का निशाँन  लगाएं और  पूर्ति काले   पेन से करें ,सभी जानकारी अंग्रेजी के केपिटल अक्षरों में ही लिखें , ( * )  लगी जानकारी की पूर्ति अनिवार्य है। नामांकन ,पते में सुधार की जानकारियों मे संशोधन भी ईसी  फार्म के माध्यम से  करना है। पता बदलने के लिए सभी नए पते के दस्तावेज भी संलग्न करें।
फ़ार्म S 2 पीडीएफ में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें  

Monday, May 23, 2016

लोक शिक्षण संचालनालय (शिक्षा विभाग ) के अंतर्गत आहरण संवितरण अधिकारियो DDO का परिवर्तन

शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विकासखण्डों में ,आहरण संवितरण व्यवस्था (DDO) में परिवर्तन के निर्देश पुनः जारी किये गए हैं। अब विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी स्तर से आहरण संवितरण  किया जाएगा। अपर संचालक वित्त (आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय कार्यालय )  ने आज 23 मई 2016 को जारी आदेश में कहा है की  विभाग अंतर्गत  DDO का युक्तियुक्तकरण 2015-16 में ही किया जाना था। परन्तु संसाधनों की कमी के चलते 6 माह का समय प्रदान किया गया था अब  6 माह से अधिक का  समय व्यतीत हो या है। अभी तक यह कार्य सम्पन्न नहीं हो पाया है। अब चूँकि 2016-17 में  DDO का युक्तियुक्त करण  करना है अतः अभी तक की गयी कार्यवाही की जानकारी राज्य स्तर पर  माँगी गयी है। 
DDO परिवर्तन समबन्धी समस्त आदेश PDF मे प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करे।


Thursday, May 19, 2016

माध्यमिक विद्यालयों में नविन पद संरचना स्वीकृत करने का आदेश 16 जनवरी 2012

माध्यमिक विद्यालयों में नविन पद संरचना स्वीकृत करने का आदेश 2016

वन स्टेप योजना में आवेदन और बॉड का प्रारूप

वन स्टेप योजना में आवेदन और  बॉड का प्रारूप
सभी पत्र पीडीएफ में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें 






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Tuesday, May 31, 2016

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वेतन निर्धारण नियम का आदेश जारी

जि‍ला/जनपद पंचायत में कार्यरत अध्‍यापक संवर्ग को दि‍नांक 01/01/2016 से छटवां वेतनमान स्‍वीकृत कि‍ये जाने हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वेतन  निर्धारण नियम पोर्टल पर जारी।
आदेश पीडीएफ में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें 









राज्य अध्यापक संघ को आज जारी आदेश स्वीकार्य नहीं है , आदेश की प्रतियो की होली जलाएंगे :- जगदीश यादव

राज्य अध्यापक संघ को  आज जारी आदेश कतई  स्वीकार्य नहीं  है ,राज्य अध्यापक संघ कल सम्पूर्ण प्रदेश में इस नियमावली  की होली  जलाएगा ।  यह आदेश अपूर्ण है , न तो समान वेतन मान है न ,ही छठा । वेतन निर्धारण के उदाहरण कें लिये जारी परिशिष्ट से स्पष्ट है की सहायक अध्यापक का न्यूनतम वेतन 7440 +2400 से प्रारम्भ होना चाहिए था । वरिष्ठ अध्यापक का न्यूनतम वेतन 10230+3600 से प्रारम्भ होना चाहिए था । लेकिन आदेश में 5200+2400 और 9300 +3600 का  उल्लेख है।  सेवा की गणाना 1 अप्रैल 2007 की स्थिति में की जाकर 1998 में नियुक्त अध्यापक संवर्ग को अतिरिक्त वेतन वृर्द्धि का कोई उल्लेख नहीं है । पदोन्नति में सेवा की गणानां पदोन्नति दिंनाक से करने पर उस अध्यापक को भारी नुकसान होगा जो , पदोन्नति में वरिष्ठ पद का न्यूनतम वेतन से अधिक प्राप्त कर रहा हैं ,वह न्यूनतम पर आजायेगा । क्रमोन्नति के लिए कोई वेतन नहीं बताया गया है । अभी भी वेतन निर्धारण पत्रक जारी नहीं किया गया है । वही पत्रक सेवा पुस्तिका में लगेगा ,वही वरिष्ठ कार्यालय जाएगा । राज्य अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदीश यादव ने कल सम्पूर्ण प्रदेश में इस आदेश की प्रतियो की होली   जलाने का आव्हान किया है । इस के बाद आगामी रणनीति तय की जायेगी। 

कर्मचारियों का छह फीसदी बढ़ेगा डीए, कैबिनेट में आज लगेगी मुहर



प्रदेश के साढ़े चार लाख से ज्यादा अधिकारियों-कर्मचारियों व् स्थानीय निकायों के अध्यापक संवर्ग  का महंगाई भत्ता (डीए) छह फीसदी बढ़ेगा। मंगलवार शाम पांच बजे मंत्रालय में होने वाली कैबिनेट बैठक में वित्त विभाग डीए बढ़ाने का प्रस्ताव लाएगा। इसके पारित होने के बाद  कर्मचारियों को जनवरी से 125 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिलेगा।
कैबिनेट में इसके अलावा सिंचाई के लिए अस्थाई बिजली कनेक्शन की जगह स्थायी कनेक्शन की योजना पर विचार होगा। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में करीब एक दर्जन प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। इसमें कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाना प्रमुख है। जानकारी के अनुसार जनवरी से मार्च तक का महंगाई भत्ता जीपीएफ में जमा कराया जाएगा, अध्यापक संवर्ग को इस अवधि का लाभ नगद  मिलेगा ।

इसके बाद का भुगतान वेतन में जुड़कर होगा। इससे खजाने पर करीब 300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि घोड़ाडोंगरी विस क्षेत्र में उपचुनाव की आचार संहिता के चलते सरकार डीए पर कोई फैसला नहीं कर पा रही थी। सोमवार को वहां मतदान हो गया।

इसके अलावा सिंचाई के लिए अस्थायी बिजली कनेक्शन लेने में होने वाली परेशानी और अनियमितता की शिकायतों को देखते हुए इस व्यवस्था को बंद कर स्थाई पंप कनेक्शन देने की योजना पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा बैठक में सिंहस्थ के दौरान हुए वैचारिक महाकुंभ में भोजन आपूर्ति की एजेंसी के अनुमोदन के साथ सहायक जनसंपर्क अधिकारी के सीधी भर्ती के पदों को पदोन्न्ति के माध्यम से भरने के प्रस्ताव पर विचार होगा।


बीएड ,डीएड के संबंध में न्यायालयिन आदेश और पालन प्रतिवेदन

RTE ,2009 के नियमो और संविद शाला शिक्षक भर्ती नियम 2005 के अंतर्गत BEd करने वाले अभ्यर्थी संविदा शाळा शिक्षक वर्ग 3 के लिए पात्र नहीं है।न्यायलय के आदेश का पालन प्रतिवेदन।
न्यायलय के आदेश का पालन प्रतिवेदन 01 अगस्त 2014 PDF में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें



 RTE ,2009 के नियमो और संविदा  शाला शिक्षक भर्ती नियम 2005 के अंतर्गत निशक्त   अभ्यर्थी को संविदा शाळा शिक्षक पद पर बिना पात्रता परीक्षा और प्रशिक्षण के वाक् इन इंटरव्यू के आधार पर भर्ती नहीं किया जा सकता। अवमानना प्रकरण का  निराकरण 30 जुलाई 2014
न्यायलय के आदेश का पालन प्रतिवेदन 30 जुलाई 2014 PDF में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें

 भारतीय शिक्षा परिषद लखनऊ की बीएड ,डीएड को अमान्य  करने का आदेश और न्ययालय के निर्णय का पालन प्रतिवेदन दिनाक 18 दिसंबर 2014 न्यायलय के आदेश का पालन प्रतिवेदन18 दिसम्बर 2014 PDF में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें



अध्यापक संवर्ग को 2001 से वेतनमान (3000 ,4000,5000 ) नहीं मिल सकता

    अध्यापक संवर्ग को 2001 से वेतनमान (3000 ,4000,5000 )  देने के लिए याचिकाएं उच्च न्यायलय में दाखिल की गयी थी। परन्तु शासन ने उक्त याचिकाओं का का निराकरण करते हुए लाभ प्रदान करने से इंकार कर दिया है। और जिन्हे  लाभ प्रदान  किया गया है उन से वसूली के आदेश भी जारी  किये  है। 

न्यायलय के आदेश का पालन प्रतिवेदन PDF में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें 

लोक शिक्षण संचलनालय का आदेश PDF में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें 






स्थांतरण निति के संबंध में लगाई गयी याचिका के आदेश पर ,राज्य शासन का पालन प्रतिवेदन।

अध्यापक संवर्ग के लिए जारी की गयी पुरानी स्थांतरण  निति के संबंध में लगाई गयी याचिका के आदेश पर ,राज्य शासन  का पालन प्रतिवेदन। आदेश PDF में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें 





Monday, May 30, 2016

अतिथि शिक्षक के संबंध में न्यायलय के आदेशों का पालन प्रतिवेदन

अतिथि शिक्षक साथियो के संबंध में अखबारों में समाचार प्रकाशित किये जाते हैं की अथिति शिक्षकों को गुरूजी के समान लाभ प्रादन किया जाये। लेकिन सरकार के पास न्यायलय का आदेश जाता है तो सरकार अपना पालन प्रतिवेदन इस प्रकार देती है देखिये। शासन  का कहना है की अतिथि शिक्षक  को हम अनुभव के अंक और आयुसिमा  में छूट प्रदान कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त कोई  लाभ प्रदान नहीं किया जा सकता है।  साथियो कृपया इन  आदेशों को देख कर ही न्ययालय की शरण लेवें। 
आदेश PDF में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें




स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रारम्भ की वन स्टेप-अप योजना क्या है ? :-सुरेश यादव रतलाम



मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय भोपाल ने वन स्टेप-अप योजना शुरू की है, जिसके आदेश  जिलों में भेजे गए हैं। इस योजना के द्वारा  हर जिले में पदस्थ  सहायक अध्यापक  जो 12 वि तक पढ़े हुए हैं उन्हें स्नातक और  जो अध्यापक  स्नातक है ,उन्हें  स्नातकोत्तर कराया जाएगा। इसमें एडमिशन ,परीक्षा ,प्रयोगिक सभी का  पूरा खर्च शासन उठाएगी (नामांकन ,माइग्रेशन पूरक और ATKT को छोड़कर) ।

 साथ ही पढ़ाई जारी रहने तक शिक्षकों को हर माह वेतन दिया जाएगा। योजना अंतर्गत  प्रथम चरण  में  2016-17 में प्रवेश दिया जाएगा। राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिलों को आदेश जारी किए हैं। साथ ही इच्छुक शिक्षकों की  सूचि उच्च शिक्षा विभाग में भेजने के निर्देश दिए गए हैं। 

   स्नातक स्तर पर प्रवेश के प्रथम चरण के लिए पंजीयन 20 मई से 13 जून तक और स्नातकोत्तर स्तर पर पंजीयन 1 से 16 जून तक किया जाना है। वन स्टेप-अप योजना में चयनित शिक्षकों की सूचि जिला स्तर से  उच्च शिक्षा विभाग को भेजना है।

प्रवेश के लिए यह होंगी अर्हताएं
 
अभ्यार्थी, स्कूल शिक्षा, आदिम जाति विकास विभाग, नगरीय निकाय या पंचायत विभाग द्वारा अधिशासित किसी विद्यालय में नियमित अध्यापक या सहायक आध्यापक के रूप में पदस्थ हो।( संविदा शिक्षक , गुरूजी ,शिक्षक संवर्ग पात्र नहीं है )
 
 प्रवेश के समय अभ्यार्थी की आयु 45 वर्ष से अधिक नहीं होगी। अनुसूचित जाति, जन जाति, पिछड़ा वर्ग व महिलाओं के लिए अधिकतम 47 वर्ष होगी।

जिन शिक्षकों की आयु 1 जुलाई 2015 को 45 वर्ष से अधिक होगी तथा सेवाकाल 15 वर्ष से अधिक होगा, वे इस योजना में सहभागिता नहीं कर सकेंगे। चयन वरिष्ठता के आधार  पर होगा।

स्नातक में    BA    10 पद  (अंग्रेजी साहित्य के साथ )
स्नातक में    BSc  10 पद  (5 गणित, 5 जिव विज्ञान )
स्नात्कोत्तर MA    10 पद  ( अंग्रेजी , गणित )
स्नात्कोत्तर MSc  10 पद  (4 गणित ,2 रसायन ,2 भौतिक ,1 बॉटनी ,1 जूलॉजी )

व्यवसायिक योग्यता के रूप में सामान्यतः डीए या बीएड परीक्षा उर्त्तीण होना अनिवार्य है।

जिन शिक्षकों द्वारा शासकीय सेवा में आने के बाद अपने व्यय पर स्नातक या स्नातकोत्तर परीक्षा उन विषयों या विषय समूहों में उर्त्तीण की हो, जो कि विद्यालयीन विषय नहीं है (मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र आदि) वे भी इस कार्यक्रम के तहत अंग्रेजी, गणित व विज्ञान विषय में संबंधित पाठयक्रम में प्रवेश के लिए पात्र होंगे।प्रत्येक जिले में स्नातक  के लिए 20 सिट और सनत्कोत्तर के लिए 20 सिट निर्धारित की गयी है।

अनुतीर्ण होने या नकल आदि के प्रकरण में  अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी और एक वेतन वृद्धि रोकी जायेगी

यह कार्यक्रम उन सभी शिक्षकों के लिए बंधनकारी होगा, जो निर्धारित आयु, सेवा अवधि व शैक्षणिक योग्यता के अनुसार पात्रता रखते हैं या जिन शिक्षकों की सेवा 1 जुलाई 2015 तक 15 वर्ष नहीं हुए हैं।

अध्ययन के दौरान अध्यापकों की सेवा पुस्तिका जिला शिक्षा अधिकारी के नियंत्रण में रहेगी वे ही अध्यापकों से संबंधित समस्त प्रशासकीय व वित्तीय  निर्णय ले सकेंगे। महाविद्यालय से प्राप्त उपस्थिति के आधार पर वेतन भुगतान किया जाएगा। अध्यापक अपने सभी  प्रकार के अवकाश के हकदार होंगे ,परन्तु पाठ्यक्रम  के उपस्थिति नियमों का पालन करना होगा ।

शासकीय सेवा का भरना होगा बॉन्ड
   
जो शिक्षक इस योजना के तहत किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेंगे, उनको महाविद्यालय में प्रवेश लेने के एक माह अंदर, पाठ्यक्रम पूरा होने की तिथि से 5 वर्ष तक शासकीय विद्यालयों में  सेवा करने संबंधी शासन द्वारा निर्धारित बॉन्ड  भरना होगा। यह बॉन्ड मप्र के संबंधित विभागीय नियमों के अनुसार शासन द्वारा निर्धारित किए गए प्रपत्र में किया जाएगा। ऐसे समस्त बॉन्ड  जिला शिक्षा अधिकारी के पास जमा होंगे।  बॉन्ड   में उल्लेखित नियमों का उल्लंघन करने पर जिला शिक्षा अधिकारी महाविद्यालय में प्रवेश निरस्त कर अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा ।


निर्धारित पदों से अधिक आवेदन आने पर जिलाधिश  की अध्यक्षता में गठित समिति वरिष्ठ का चयन करेगी ,जिला शीक्षा अधिकारी समिति का सचिव होगा। यह समिति  योजना से जुड़े  सभी विवादो का  जिला स्तर पर निपटारा  करेगी ।  
सुरेश यादव कार्यकारी जिलाध्यक्ष राज्य अध्यापक ,जिला रतलाम 

जून माह में अध्यापकों के लिए नई तबादला नीति जारी की जा रही है :- जगदीश यादव

 शिवपुरी 
18 साल से तबादलों का इंतजार कर रहे अध्यापकों के लिए एक अच्छी खबर है। अब पुरुष अध्यापक जून माह से अपनी मन चाही जगह पर पदस्थापना ले सकेंगे। इसके लिए जून माह में नई तबादला नीति जारी की जा रही है। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो 31 मई को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में पुरुष तबादला नीति को फाइनल कर दिया जाएगा। राज्य अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष जगदीश  यादव का कहना है कि इसके लिए अध्यापकों की नियुक्ति करने वाले पंचायत एवं नगरीय प्रशासन विभाग भी सहमत हो गए। 
प्रदेशाध्यक्ष जगदीश यादव का कहना है कि 24 मई को प्रमुख सचिवों के साथ शिक्षा मंत्री पारस जैन की अध्यापक तबादला नीति को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। मंत्रालय में तीन घंटे तक चली बैठक में अध्यापक संविलयन नीति से संबंधित पहलुओं पर चर्चा हुई। शिक्षा मंत्री का कहना था कि नई संविलयन नीति का मसौदा लंबे समय से बनकर तैयार है। अब जून माह आने वाला है। इस कारण कोशिश की जा रही है कि नए शिक्षण सत्र में पुरुष अध्यापकों को भी तबादला नीति का लाभ मिले। इसके लिए संबंधित विभाग के प्रमुख सचिवों ने सहमति दे दी है। जून माह से ऑनलाइन आवेदन कर नई तबादला नीति का लाभ लिया जा सकेगा। 

अब साल भर होंगे बीमार अध्यापकों के तबादले :

नई संविलियन नीति के तहत गंभीर रूप से अध्यापकों के 12 माह तबादले होंगे राहत की बात यह है कि गंभीर बीमारी में अगर तबादला करवाना है तो इनके लिए ऑनलाइन आवेदन की जरूरत नहीं होगी। ऑफ लाइन आधार पर ही सक्षम अधिकारी इनके तबादले कर सकेंगे। लेकिन यह लाभ महज उन बीमार अध्यापकों को मिल सकेगा जो कि मेडिकल बोर्ड का प्रमाणपत्र जिला शिक्षा अधिकारी से अनुमोदित कर पेश करेंगे। 

बगैर एनओसी के होंगे तबादले 
प्रदेशाध्यक्ष का कहना है कि बकौल शिक्षा मंत्री इस नई तबादला नीति में अध्यापकों को एनओसी लेने की झंझट से मुक्ति मिलेगी। इस नीति में अध्यापकों को तबादलों के लिए जनपद और नगरीय निकायों के एनओसी के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के ही अध्यापकों के तबादले होंगे। जिसमें एक निकाय से दूसरे निकाय में तबादले हो सकेंगे। अभी तक सिर्फ महिला एवं विकलांग अध्यापकों के लिए तबादले का प्रावधान था। अब पुरुषों को भी यह लाभ मिलेगा। 

बैन खुलते ही होंगे तबादले 

 " शिक्षा मंत्री पारस जैन के साथ मंगलवार को प्रमुख सचिवों की बैठक में पुरुष स्थानांतरण नीति पर सहमति बन चुकी है। 31 मई को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इसके आदेश जारी कर दिए जाएंगे और बगैर एनओसी के अध्यापकों के तबादले होंगे जैसे ही बैन खुलेंगे। " जगदीश यादव, प्रदेशाध्यक्ष राज्य अध्यापक संगठन 
 " 5 जून तक नई तबादला नीति जारी हो जाएगी। इसके लिए 31 मई को कैबिनेट बैठक में फायनल कर दिया जाएगा। इसमें एनओसी का कोई बंधन नहीं रहेगा। " स्नेह सिंह रघुवंशी, जिलाध्यक्ष राज्य अध्यापक संगठन शिवपुरी। 

 




Sunday, May 29, 2016

इस वित्त वर्ष में अपना वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करें : वसीम अहमद

         अगर इस पैसे को ठीक से खर्च किया जाए और सही जगह निवेश किया जाए तो आप कई गुना रिटर्न कमा सकते हैं।  एक्सपर्ट की नजर से देखें कि इस  अप्रैल से अगले  अप्रैल  तक टैक्स ,शेयर बाजार, कमोडिटी, रियल एस्टेट और प्रॉपर्टी जगत में क्या हलचल होने वाली है और ये आपको कैसे प्रभावित कर सकती है। अपने वित्तीय जीवन को सुधारने के लिए कड़े फैसलों की जरूरत होती है तो  इस अप्रैल आप इसमें बदलाव का संकल्प लें।  

        इस वित्त वर्ष में  आप अपने पर्सनल फाइनेंस से जुड़े फैसलें लें और अगले मार्च से पहले ही उससे मिलने वाले लाभ उठाएं। कई बार हम अपनी वित्तीय जरूरतों से जुड़े फैसले लेने में हिचकते हैं। निवेश के लिए सोना या दूसरी चीजें खरीदते हैं। इस बार थोड़ा बदलाव करें और वित्तीय लक्ष्यों के लिए निवेश शुरू करें।


इस अप्रैल यह फैसले लें 


अपने ऊपर खर्च करें

पर्सनल फाइनेंस के लेख में ये थोड़ा अजीब लगेगा। हर सलाहकार आपको कम खर्च और ज्यादा बचाने की सलाह देता है। लेकिन मैं आपको ज्यादा खर्च के लिए कह रहा  हूं , हॉं खर्च करने के लिए और अपने ऊपर खर्च करने के लिए। खर्च करें नए अनुभव के लिए, नई चीजें सीखने के लिए, अपने को संतुष्ट करने के लिए और अच्छे से जीने के लिए।


इस वर्ष  अपने खर्च को इस तरह मैनेज करें। अपनी आय को 100 फीसदी मानकर इस तरह खर्च करें


आय का 55 फीसदी -जीवन की जरूरतें पूरी करने के लिए (खाना, कपड़ा, लोन,मनोरंजन ,छुट्टी ,गिफ्ट,स्वयं की शिक्षा )आय का 40  फीसदी- अपने जीवन के लक्ष्य पूरे करने के लिए (बच्चों के भविष्य, बिमा ,मेडीलक्लेम और घर के लिए)आय का 5 फीसदी - समाज को वापस (अच्छे काम या चेरिटी पर)रिटायरमेंट   - आप अध्यापक हैं आप का NPS कट रहा है और 10 फीसदी आप के वेतन से और 10 फीसदी सरकार मिला रही हैं। 

बेसिक इंश्योरेंस खरीदें


अपने परिवार के लिए सबसे बड़ी दौलत आप हैं। अपनी हेल्थ और जीवन को रिस्क से सुरक्षित करें। कई अच्छे परिवारों को भी बुरे दिन देखने पड़ते हैं क्योंकि उन्होंने इमरजेंसी के लिए कोई योजना नहीं बनाई होती है। कम से कम ये इंश्योरेंस जरूर करवा लेंटर्म इंश्योरेंस- आपकी वार्षिक आय का 10 गुना कवर हो ( ध्यान रखें बिमा निवेश के लिए नहीं होता )हेल्थ इंश्योरेंस- कम से कम 3 से 5 लाख का फैमिली फ्लोटर प्लान पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस- 2 साल की आय के बराबरहोम इंश्योरेंस- घर की कीमत के मुताबिक

ज्यादा ब्याज का लोन चुका दें


अगर आपके पास ऐसा कोई लोन है जिस पर 12 फीसदी ब्याज चुका रहे हैं तो उसे जल्द से जल्द चुकता कर दें। अपने बोनस या अपनी रेगुलर आय से कुछ रकम बचाकर इस लोन को चुकता करने की कोशिश करें। ब्याज आपकी आय खा जाता है। ब्याज से आप नहीं जिसे ब्याज दे रहे हैं वो अमीर होता है।

अपने लक्ष्यों के लिए निवेश करें


निवेश की शुरूआत कर दें। निवेश हमेशा किसी लक्ष्य को लेकर करें। आपको अपनी बेटी की शिक्षा के लिए निवेश करें। नए घर की डाउनपेमेंट के लिए निवेश करें। अपने रिटायरमेंट के लिए  एनपीएस में पैसा लगाएं जो हो ही रहा हैं ।हमेशा निवेश का अपने लक्ष्य को देखते हुए करें। अपने दोस्तों को देखकर कभी निवेश न करें। इस साल निवेश की शुरूआत कर दें।

अपनी वसीयत लिख दें


आपको ये लगता है कि ये जरूरी नहीं है तो पहले इन सवालों का जवाब देंक्या आपके पास बैंक या निवेश किया हुआ कोई पैसा है?क्या आपको प्यार करने वाले लोग हैं?क्या आपको लगता है कि आपका पैसा आपके परिवार को मिले?अगर आपका जवाब हां में है तो आपको वसीयत जरूर बनानी चाहिए।जीवन अनिश्चित है। आपके परिवार को पता चलना चाहिए कि आप उनके लिए क्या कर रहे हो। कम से कम वो सुरक्षित रहें। उन्हें इस बात का पता होना चाहिए कि आपने जो उनके लिए बचाया है वो उन्हें कैसे मिलेगा।                                   

अपना वित्तीय लक्ष्य कैसे तय करें 

आप नौकरी कर रहे सरकारी कर्मचारी है ,आप की आय सिमित है ,ध्यान रखें कभी कर्ज न लें । आप जानते है की आप को  पैसो की जरुरत कब पड़ेगी कुछ खर्च जैसे ,बिमा और बेडिक्लेम की किश्ते और बच्चों  की स्कुल फ़ीस ,यूनिफार्म किताबो का खर्च प्रत्येक वर्ष करना होता है। हमें मालूम होता है की कुछ खर्च 3 ,5 ,10 या 15 वर्ष बाद आने वाले है जैसे बच्चों की उच्च शिक्षा ,विवाह या उनके रोजगार के लिए। इन लक्ष्यों को तय कर के अपने पैसो  का निवेश करें।  इन समयावधियों के लिए बाजार में कई विकल्प उपलब्ध है जिसमे आप थोड़ा थोड़ा पैसा बचाकर लक्ष्य अर्जित कर  सकते हैं। जब आप 1 ,3 ,5,10 या 15 वर्ष के लक्ष्य तय करें तो इन वर्षो की महगाई वृद्धी  को ध्यान में रख कर लक्ष्य राशि के अनुसार निवेश करें । 1  वर्ष के लिए आप ,FD ,पोस्टऑफिस ,लिक्विड फंड (म्युचुअल फंड ) में निवेश करें , 3 से 5 वर्ष के लक्ष्य के लिए आप डेट और बेलेंस  (म्युचुअल फंड )  में निवेश करें वही  5 वर्ष से अधिक के निवेश पर आप इक्विटी म्युचुअल फंड  (इसमें आप को जमा राशि और अर्जित राशि दोनों पर आय कर में छूट प्राप्त होगी ) या  रियल स्टेट में  में निवेश करें । 

तो इस वित्त वर्ष की शुरूआत आप इन फैस
लों से करें।


लेखक  श्री  वसीम  अहमद  (  रतलाम  )  वित्तीय  प्रबंधन   के  जानकार  है  व   AMFI  प्रमाणित  वित्त   सलाहकार  हैं 

अध्यापक स्थांतरण (संविलियन) निति 2016-17 में बदलाव होगा ।

        राज्य अध्यापक संघ के संरक्षक  एवं विधायक मुरलीधर पाटीदार ने अध्यापक संवर्ग के संविलियन में पुरुष अध्यापको को महत्व देने का आग्रह स्कुल शिक्षा मंत्री से किया ,साथ ही एक इस बार स्वेच्छिक अध्यापक स्थानातरण निति  लागू करने की भी मांग की ।
       श्री पाटीदार ने पत्र में कहा की नियमो के कठिन होने के कारण गत वर्ष की निति में अध्यापको को लाभ प्राप्त नहीं हो पाया था । अतः नियमो में शिथिलता दी जाए ।
       शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन ने श्री पाटीदार का पत्र अपर मुख्य सचिव स्कुल शिक्षा को 
भेज कर  ,निर्देश दिए है की माननीय विधयाक की माँग के अनुसार निति में बदलाव किया जाने की कार्यवाही करें । आशा है इस सत्र में जारी होने वाली स्थांतरण (संविलियन) निति में ढील दी जायेगी और ,सभी को अपने परिजनों के निकट जाने का अवसर प्राप्त होगा ।

Saturday, May 28, 2016

सरकार नहीं चाहती अध्यापक एक हों :- रिजवान खान ( बैतूल )

शासन ने छठे वेतनमान आदेश के दोनों प्रारूपो के बीच लम्बा अंतराल रखा है......
क्या उनको पता था की इस देरी के बीच अध्यापक संघ आपस में लड़ेंगे ?
क्या उनको पता था की अध्यापक संघ एक दूसरे पर कीचड़ उछालेगे ?
क्या उनको पता था की संघो की वैमनस्यता इतनी बढ़ जायेगी की इनका आपस में पुनः एकता सूत्र में बंधना कठिन हो जायेगा ?
अगर शासन को यह सब मालूम था तो उक्त स्तिथियों को निर्मित करने में उसकी भी भूमिका होगी और उसका निर्वाह करने वाले हमारे बीच के कुछ लोग भी अवश्य होंगे. उपरोक्त विचार निकृष्ट है किन्तु आजकल सोशल मीडिया के माहौल में ऐसे ही विचार आते है.
रिजवान खान ( बैतूल ) यह लेखक के निजी विचार हैं। 



शिक्षा विभाग के अध्यापकों के वेतन की समस्या हल :-जगदीश यादव

          प्रदेश के कई  जिलो  में पिछले तीन माह से वेतन नहीं होने की      समस्या को लेकर कल लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल में राज्य अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष श्री जगदीश यादव के नेतृत्व में अपर संचालक (वित्त) एवम् बित्तीय सलाहकार स्कूल शिक्षा विभाग श्री मनोज श्रीवास्तव जी से मिलकर वेतन समस्या बंटन समस्या एवम् हेड की समस्या से अवगत कराया।  
   
          जिस पर उन्होंने कुछ जगह गलत हेड से दिए जा रहे वेतन पर      नाराजगी प्रकट की और संघ को आश्व्स्त  किया की सभी  DDO  एवम्    DEO  को आज ही पत्र जारी कर हेड को सपष्ट कर दिया जायेगा  और शीघ्र वेतन भुगतान कराया जायेगा । प्रतिनिधि मंडल में प्रदेशाध्यक्ष श्री जगदीश यादव के साथ प्रांतीय महासचिव श्री दर्शन सिंह चौधरी एवम् श्री रामनिवास जाट शामिल थे ।

     
      इस के सम्बन्ध में राज्य अध्यापक संघ के ज्ञापन का हवाला देते हुए DPI ने समस्त DEO को पत्र जारी कर दिया है । पत्र  में स्थिति को सपष्ट किया गया है की अध्यापकों का वेतन ,शीर्ष 74-2202-01-196-8403-42-9999-V-009 एवं 74-2202-02-196-8403-42-9999-V-009 में पर्याप्त वंटन उपलब्ध है। तथा शिक्षा विभाग के समस्त 2334 DDO की मेपिंग भी है। पत्र में कहा गया है की ,समीक्षा करने पर  पाया  गया  की  कई DDO ने अध्यापकों का वेतन संविदा शिक्षकों  के वेतन  शीर्ष  75-2202-01-196-8403-42-9999-V-009 एवं 75-2202-02-196-8403-42-9999-V-009 से  आहरित किया गया है जो वित्तीय नियमों के विपरीत है । अतः 10 दिवस में जानकारी उपलब्ध करवाएं। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है की  योजना क्रमांक 8403 में अध्यापक का वेतन व योजना क्रमांक 2669 संविदा शिक्षकों के लिए है और उसी से आहरित  किया जाए । 


Friday, May 27, 2016

सिर्फ गणना पत्रक को लेकर बेजा बेसब्री क्या ये कुछ ज्यादा नासमझी नहीं है ? : - डी के सिंगौर मंडला

सिर्फ गणना पत्रक को लेकर बेजा बेसब्री और उसको लेकर सोशल मीडिया में तरह तरह से टिप्पण , क्या ये कुछ ज्यादा नासमझी नहीं है ?  जबकि जनवरी 16  से  ही उस गणना पत्रक से लाभ मिलना तय है , कारण जो भी हो पर बताया तो गया था सिंहस्थ के बाद जारी होगा क्या सिहंस्थ समाप्त होने के 10 दिन तक शांत रहकर इन्तजार नही किया जा सकता।  इस दौरान चर्चा करके जारी कराने का प्रयास ज्यादा उचित नहीं होता।  सिर्फ गणना पत्रक जारी कराने के लिए सडको पर आना ठीक है ? जबकि हम ये जानते है कि उसमें विसंगति की आशंका  है और उसको लेकर अध्यापकों को फिर से सडकों पर आना होगा।  क्या हम अपनी उर्जा को बचा कर नही रख सकते थे जब विसंगति को लेकर फिर सडकों पर उतरेंगें तो पब्लिक क्या सोचेगी ये पहलू भी देखना क्या जरूरी नही है ?  इसमें संगठन के पदाधिकारियों से ज्यादा दोष एक आम अध्यापक का नजर नही आ रहा जो सोशल मीडिया का भरपूर दुरपयोग कर संगठन के लोगो पर गणना पत्रक जारी कराने का अनावश्यक प्रेशर  बना रहा है।  लोगों ने कविताएँ तक रच डाली आज एक जिम्मेदार अध्यापक की टिप्पण ने ,यह टिपण्णी   लिखने को मजबूर कर दिया जब उन्होंने  लिखा कि "श्रेय के चक्कर मॆ संघों की आपसी खींचातानी मॆ गणना पत्रक फटा ??  डा धर्मेन्द्र जैन अमोल ने बताया है कि विश्वस्त सूत्रों के अनुसार कल उस पर टेप आदि लगा कर जारी होने की सम्भावना है ।" मेरा विचार है कि अध्यापक को  अपनी  उर्जा का सही सदुपयोग करना  चाहिए क्योकि अभी  7 th  पे और शिक्षक बनने की लड़ाई बाकी है समान कार्य समान वेतन की लड़ाई तो 6 th  पे में पहले ही तब्दील हो चुकी है।
डी के सिंगौर मंडला
उक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं।

एक -एक पैसा बचाएँ ,जल्दी बचत करना प्रारम्भ करें :- वसीम अहमद

जल्द से जल्द एक-एक पैसा जोड़ने की आदत डाल लेना माली हालत मजबूत करने का सबसे उम्दा तरीका है। ज्यादातर लोग इस तरीके से उतना धन नहीं जोड़ पाते, जितना वास्तव में उनकी क्षमता होती है। मसलन, एक-एक पैसा सहेजकर धन इकठ्ठा करने में वैसे लोगों को ज्यादा सफलता मिलती है, जिनके जीवन में धन उपार्जन की लंबी अवधि बाकी होती है। इस लिहाज से आप जितने कम उम्र के होंगे, पैसे जोड़ने की क्षमता उतनी ही अधिक होगी। मशहूर वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन ने इसे दुनिया का आठवां अजूबा बताया था।

इरादे का पक्का होना पहली शर्त

ऐसे लोगों के लिए छोटी-छोटी बचत करके पैसे जुटाना समृद्धि का शानदार माध्यम साबित होता है, जो इरादों के पक्के होते हैं। ऐसी बचत मूल पूंजी के साथ-साथ उससे होने वाली आय को सहेजने के अलावा कुछ नहीं है। करियर की शुरुआत करने वाले ज्यादातर लोग बचत और निवेशक को लेकर कोताही बरतते हैं। असल में यह बिलकुल वैसा है कि जैसा कि हम युवावस्था में करते हैं। हर चीज में अनुशासन बरतना। माली हालत दुरूस्त रखने में भी इसकी खासी अहमियत होती है। हमें पक्के इरादे के साथ अपनी आय में से थोड़ी रकम बचानी चाहिए और भविष्य में फायदे के लिए उसका निवेश करना चाहिए।


जल्द शुरुआत से ज्यादा फायदा

सबसे अहम बात यह है कि एक-एक पैसा जोड़ने की आदत वैसे लोगों के ज्यादा काम आती है, जो इसकी शुरुआत जल्दी कर लेते है। इस मामले में देरी करने वाले नुकसान में रहते हैं। एक उदाहरण से समझें। मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने 65 वर्ष की उम्र तक हर महीने 1000 रुपए निवेश किया। इसका मतलब है कि यदि आप 25 वर्ष की उम्र से ऐसा करना शुरू करते हैं, तो आपके पास 40 साल का लंबा वक्त है। लेकिन यदि आप 35 वर्ष की उम्र से यह आदत डालते हैं, तो 30 वर्ष तक ही ऐसा कर पाएंगे। यदि आप 25 वर्ष की उम्र से हर महीने 1,000 रुपए निवेश करना शुरू करते हैं, तो 12 प्रतिशत सालाना ब्याज दर पर 65 साल की उम्र तक यह रकम 1.18 करोड़ रुपए हो जाएगी ,
जबकि आप ने पैसा बचाया है 4 लाख 80 हजार वाकई, यह 8वें अजूबे जैसा लगेगा ।यही आप 35 वर्ष की आयु से 1000 बचाएंगे और 12 प्रतिशत का रिटर्न होगा तब  आप के पास सिर्फ 35 लाख रूपये होंगे। 

बचत का निवेश, गैर-जरूरी खर्चों में कटौती जरूरी
अहमियत इस बात की है कि कुछ रकम बचाई जाए और फिर उसका निवेश किया जाए। सफल होने के लिए निवेश जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि बचत की अहमियत तभी है, जब वह भी आय का जरिया बन जाए। शुरुआती तौर पर वेतन मिलते ही उसके एक निश्चित हिस्से का निवेश करते जाएं। बचत की रकम पता करने के लिए बजट बनाएं, खास तौर पर खर्चों का। यह मुश्किल काम नजर आ सकता है, लेकिन 2-3 महीने ऐसा करने के बाद आपको पता चल जाएगा कि वेतन की रकम कहां खर्च हो रही है। अब गैर-जरूरी खर्चों में कटौती करें। इसे कम करके महीने में एक या दो मर्तबा किया जा सकता है।


कहां निवेश करें

सबसे जरूरी बात यह है कि आपको लंबी अवधि के निवेश की समझ होनी चाहिए। इनके विकल्पों पर गौर करें। बचत की रकम से वास्तबिक आय होनी चाहिए और इस मामले में इक्विटी को सबसे बेहतर माना जाता है। असल में इक्विटी ही निवेश का एकमात्र ऐसा जरिया है जहां फिक्स्ड रिटर्न वाले निवेश साधनों के मुकाबले रियल रिटर्न मिलता है। कारण यह है कि फिक्स्ड रिटर्न वाले निवेश के साधनों से होने वाली आय की तुलना यदि महंगाई की दर से की जाए तो ये नुकसान वाले जरिया नजर आने लगते हैं।
दरअसल, इक्विटी इन्वेस्टमेंट को सबसे ज्यादा रिटर्न वाला निवेश साधन माना जाता है। इसमें शेयर, डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड, सेक्टर इक्विटी फंड और इंडेक्स फंड जैसे माध्यम शामिल हैं। वर्ष 1990 से लेकर 2013 के बीच निफ्टी ने सालाना 17 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न दिया है। लेकिन इस मामले में यह भी ध्यान रखना होगा कि आय में उतार-चढ़ाव की गंुजाइश ज्यादा होती है। इसलिए कम जोखिम उठाने वाले निवेशकों के लिए बॉन्ड और डेट फंड भी हैं। सरकार और कंपनियों के बॉन्ड काफी अच्छे होते हैं। यह निवेश के सुरक्षित साधन होते हैं और इनमें पैसा लगाने से सालाना 8-12 प्रतिशत आय होती है। पीपीएफ, पीएफ और बैंक डिपॉजिट जैसे साधन सबसे अधिक सुरक्षित हैं, लेकिन इनसे कम रिटर्न मिलता है।


मजबूत बुनियाद

भविष्य में अपनी माली हालत ठीक रखने की योजना बनाना बहुत जरूरी है। अक्सर यह फाइनेंस से जुड़ा हुआ मामला होता है। योजना न बनाना विफल होने की तैयारी करने जैसा है। सबसे पहले हर महीने वेतन से कुछ रकम बचाएं और उसका निवेश करें। यदि आप नियमित तरीके से ऐसा नहीं कर सकते तो किसी म्युचुअल फंड का सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी सिप ले लें। ऐसा फंड लें, जिससे टैक्स में छूट मिलती हो। इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम यानी ईएलएसएस में पैसा लगाने से इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है। इस धारा के तहत किसी एक वित्त वर्ष में 1 लाख रुपए तक की बचत और निवेश पर टैक्स कटौती का लाभ मिलता है। याद रखें, शुरुआत बहुत जरूरी है। बचत और निवेश शुरू करें और पक्का करें कि इसमें कोताही नहीं बरतनी है, तभी लंबी अवधि में समृद्धि आएगी।

लेखक श्री वसीम अहमद ( रतलाम ) वित्तीय प्रबंधन  के जानकार है व  AMFI प्रमाणित वित्त  सलाहकार हैं .

Wednesday, May 25, 2016

पदोन्न्ति अब आरक्षण नियम के चक्कर में उलझ गई है।

 भोपाल मंत्रालय में सेक्शन ऑफिसर से लेकर अपर सचिव तक होने वाली पदोन्न्ति अब आरक्षण के चक्कर में उलझ गई है। 30 मई को अपर सचिव का एक पद खाली होगा। इनके स्थान पर पदोन्न्ति के लिए करीब एक माह पहले विभागीय पदोन्न्ति समिति की बैठक भी हो चुकी है, लेकिन पदोन्न्ति आदेश को लेकर असमंजस की स्थिति है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय में करीब 55 पदोन्न्तियां होनी हैं।

इसके लिए विभागीय पदोन्न्ति समिति की बैठक भी हो चुकी हैं। जिन लोगों को पदोन्न्त करने पर सहमति बनी है वे अब सामान्य प्रशासन विभाग के चक्कर लगा रहे हैं, पर ठोस जवाब नहीं मिल रहा है। विभाग ने महाधिवक्ता कार्यालय से पदोन्न्ति आदेश निकालने को लेकर सलाह मांगी है।

दरअसल, पदोन्न्ति में आरक्षण नियम को हाईकोर्ट द्वारा रद्द करने और सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति बनाए रखने के आदेश को लेकर असमंजस है। इसे साफ करने के लिए विभाग ने महाधिवक्ता कार्यालय से कानूनी राय मांगी है। सूत्रों का कहना है कि विधिक सलाह मिलने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग सभी के लिए दिशानिर्देश जारी कर सकता है

मप्र पदोन्न्ति नियम 2002 के तहत पिछले 14 साल में सभी वर्ग के लगभग ढाई लाख अधिकारी-कर्मचारी पदोन्नत हुए हैं। इनमें लगभग 45 हजार अधिकारी-कर्मचारी अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हैं, जो हाईकोर्ट के इस फैसले से प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि सरकार हाईकोर्ट के फैसले से पड़ने वाले असर के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट गई है।

पदोन्न्ति में आरक्षण के खिलाफ 28 अलग-अलग याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल को फैसला सुनाया है। जिसमें "मप्र पदोन्न्ति नियम 2002" के सेक्शन 5(1) को निरस्त कर दिया है। वहीं 2002 से अब तक इस नियम के तहत किए गए प्रमोशन निरस्त कर दिए हैं। यह फैसला आने के बाद कर्मचारी और अधिकारी संगठनों में खलबली मच गई है।


अध्यापक किस से लड़ रहा है ? सुरेश यादव रतलाम

       कहा जाता है राजनीती करने वाले वँहा से सोचना प्रारम्भ करते है, जंहाँ हम सोचना बंद कर देते हैं।
       

     प्रदेश के मुख्यमंत्री के  राजनेतिक चातुर्य और सत्तारूढ़ दल के प्रति अपनी निष्ठा के चलते आज ,अध्यापक न तो सरकार को  कोस पा रहा है  न अपने साथ हो रहे अन्याय को आम जन तक पहुँचा पा रहा है । प्रदेश का अध्यापक अपने संवर्ग की दुर्दशा के लिए अपने ही संगठनो और नेतृत्व पर सन्देह कर रहा है और आक्षेप लगा रहा है ।

       वह अपनी समस्याओं  के लिए जिम्मेदार सरकार ( विगत 13 वर्ष से एक ही ) के खिलाफ न तो एक शब्द कहना चाहता है न ही किसी के मुँह से  सरकार के विरुद्ध कुछ सुनना चाहता है। मेरा व्यक्तिगत मत है की आज की स्थिति में प्रदेश का 90 प्रतिशत अध्यापक अपनी वर्तमान समस्याओ के लिए सरकार को नहीं अध्यापक नेताओ और संगठनो को जिम्मेदार मानता है ।
जबकि होना इसके उलट चाहिए ।वर्तमान में अध्यापक और  पूर्व के शिक्षा कर्मी का शून्य से शिखर तक का सफ़र यदि आज पूर्ण हुआ है तो वह सरकार के पुरजोर विरोध के कारण ही हुआ है ।

    आप  तुलना कीजिये पंचायत सचिव ,आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, संविदा कर्मचारी अधिकारी (पंचायत की विभिन्न योजनाओ में कार्यरत),संविदा सवास्थय कर्मी , या राज्य के कर्मचारी जिन्होंने कई बढे-बढे अंदोलन किये लेकिन कोई विशेष लाभ अर्जित नहीं कर पाये ।
परंतु अध्यापक ने अपनी नोकरी बचाई,और फिर नोकरी में आये(1998 में ) ,अवकाश की लड़ाई,अनुकम्पा,अनुग्रह,ग्रीन कार्ड,बैंक लोन ,नविन पेशन योजना ,शून्य बजट पर वेतन, संविदा गुरूजी का एक सवर्ग में संविलियन और समान वेतन की लड़ाई भी जीती (कहने का आशय सिर्फ हासिल ही किया )। गुरूजी तो आरक्षण के नियमो को शिथिल कर के अध्यापक संवर्ग में आये यह कोई सामान्य उपलब्धि नहीं हैं ।

     साथियो इसका कारण सिर्फ यह है की ।हम सड़को पर उतर के सरकार को कोसते थे ।हमने सरकार से असली लड़ाई लड़ने का माद्दा दिखाया है ।
परन्तु जब से सोश्यल मिडिया का समय आया है ।नकारात्मकता  ने पैर पसारें हैं। कॉपी पेस्ट,हेश टेग, शेयर और लाइक का जमाना है ।  कई शूरवीर इस प्रकार उत्पन्न हुए है जिनका स्वयं का इन वर्षो में कोई योगदान नहीं लेकिन वे किसी पर भी उंगली उठा देतें है ।कई जिनको सेवा में आये ही 2-3 वर्ष हुए है 19 वर्षो का हिसाब मांग रहें हैं। सच कहें तो वे समीक्षक बन गए है ।समीक्षा भी कीजिये परन्तु कभी सरकार की भी समीक्षा कर लिया करें।  ये वही है जो अपनी निजी समस्याओ के समाधान के लिए संकुल के बाबू और प्राचार्य के सामने मुह नही खोल सकते परन्तु ,सत्तारुढ़ दल के प्रति अपनी निष्ठा के चलते वे अध्यापक के असली संघर्ष  की कमियां निकाल रहें हैं। जी हाँ लोकतंत्र है आप को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है ,लेंकिन सार्वजनिक जीवन की मर्यादाओ का उल्लंघन करने का अधिकार किसी को नहीं है । शोषयल मीडया पर कुछ लाइक और शेयर आप को समझदारी का या सफलता का प्रमाण नहीं है ।

          साथियों में फिर अपनी बात पर आऊँगा , यह राजनीती है अपना काम अवश्य करेगी ।और जँहा पर हम सोचना बंद करेंगे उसके आगे से सोचना शुरू करेगी ,इस लिए लड़ाई  लड़नी है सरकार से लड़ेे पुरजोर तरीके से लड़ें हमारे साथ होने वाले अन्याय को जनता तक पहुंचाएं , वंही से कुछ लाभ होगा ,आपस में लड़ कर कुछ हासिल नहीं होने वाला। धन्यवाद ।
सुरेश यादव रतलाम ( यह लेखक के निजी विचार हैं )

Tuesday, May 24, 2016

राज्य अध्यापक संघ के प्रतिनिधि मंडल ने की पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग प्रमुख सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय से चर्चा की

             24 मई 2016 को गणना पत्रक  जारी करने के सम्बन्ध में राज्य अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष जगदीश यादव के नेतृत्व मे प्रतिनिधिमण्डल ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग पंचायत एवम् ग्रामीण विकास विभाग प्रमुख सचिव श्रीमती  अलका उपाध्याय  से  चर्चा की श्री थेटे के बाद श्रीमती अलका उपाध्याय ने भी गणना पत्रक की फ़ाइल पर हस्तक्षर कर दिए हैं। इसके पूर्व प्रतिनिधि मण्डल ने विभाग सचिव रमेश श्री थेटे से मिलकर गणना पत्रक जारी करने की मांग की । इस पर श्री थेटे ने तत्काल गणना पत्रक की फाईल मंगाकर हस्ताक्षर किए एवं आदेश के लिए प्रमुख सचिव को फाईल भेजी  थी । इसके पहले  प्रतिनिधि मंडल ने कर्मचारी कल्याण समिति  के अध्यक्ष श्री रमेश चन्द्र शर्मा से भी मंत्रालय में मुलकात की  श्री जगदीश यादव ने  पुरुष अध्यापक के संविलियन (स्थांतरण) के लिए  श्री शर्मा को ज्ञापन सौंपा  श्री शर्मा ने त्वरित कार्यवाही करते हुए  एक नोटशीट स्कुल  शिक्षा मंत्री को लिख कर भेज दी है । प्रतिनिधिमण्डल मे  एच एन नरवरिया , रामनिवास जाट  (हरदा) भी सम्मिलित  थे । 






PRAN कार्ड की समस्या ,पुनः जारी करवाइये ,अपना पासवर्ड पुनः जारी करवाइये या अपनी जानकारियों में सुधार करवाएं सभी के लिए फार्म S 2 में जानकारी की पूर्ति कीजिये

       अंशदायी पेंशन प्रणाली की समस्या को सुलझाते सुलझाते कई नई  समस्याओं से रूबरू  हुआ हूँ। एक समस्या  सामने आई है  PRAN  कार्ड का गुम  हो जाना ,अथवा जारी ही नहीं होना ,अथवा प्रिन्टिग में गलती अथवा क्षतिग्रस्त हो जाना। इन समस्याओं का हल खोजने पर जानकारी मिली की फार्म S 2  हर समस्या  का हल है। आप PRAN कार्ड की  समस्या हल कीजिये या अपना पासवर्ड पुनः जारी करवाइये या अपनी जानकारियों में सुधार करवाएं  सभी के लिए फार्म S 2  में जानकारी की पूर्ति कीजिये और अपने नोडल अधिकारी (AC/DEO)  को भेज  दीजिये आगे की औपचारिकताएँ  वंही से पूर्ण की जाएंगी। नविन PRAN कार्ड  जारी करने और पासवर्ड बदलने के लिए 50 रूपये  का चालान जमा करना होगा।
     चालान ,लेखा शीर्ष 0070 - अन्य प्रशासनिक सेवायें ,60 - अन्य सेवायें ,800- अन्य प्राप्तियाँ ( 9099 PRAN रिकार्ड से संबंधित प्राप्तियां )   कोषालय से  संबद्ध  बैंक में जमा करना है। इसके बाद चालान की एक प्रति  फ़ार्म S 2 के साथ संलग्न कर के  नोडल अधिकारी को जमा करना है। आगे की औपचारिकता नोडल अधिकारी द्वारा पूर्ण की जायेगी। हस्ताक्षर और फोटो में परिवर्तन के लिए फ़ार्म S 7 में पूर्ति  जाए।
        फार्म S 2  के माध्यम  से  आप को जो भी सुधार करवाना है ,पहले पेज में DDO और PAO के उपयोग की जानकारी के निचे A,B,C,D  चार ब्लॉक है जिस जानकारी में भी सुधार करवाना है उसमे ( सही ) का निशाँन  लगाएं और  पूर्ति काले   पेन से करें ,सभी जानकारी अंग्रेजी के केपिटल अक्षरों में ही लिखें , ( * )  लगी जानकारी की पूर्ति अनिवार्य है। नामांकन ,पते में सुधार की जानकारियों मे संशोधन भी ईसी  फार्म के माध्यम से  करना है। पता बदलने के लिए सभी नए पते के दस्तावेज भी संलग्न करें।
फ़ार्म S 2 पीडीएफ में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें  

Monday, May 23, 2016

लोक शिक्षण संचालनालय (शिक्षा विभाग ) के अंतर्गत आहरण संवितरण अधिकारियो DDO का परिवर्तन

शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विकासखण्डों में ,आहरण संवितरण व्यवस्था (DDO) में परिवर्तन के निर्देश पुनः जारी किये गए हैं। अब विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी स्तर से आहरण संवितरण  किया जाएगा। अपर संचालक वित्त (आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय कार्यालय )  ने आज 23 मई 2016 को जारी आदेश में कहा है की  विभाग अंतर्गत  DDO का युक्तियुक्तकरण 2015-16 में ही किया जाना था। परन्तु संसाधनों की कमी के चलते 6 माह का समय प्रदान किया गया था अब  6 माह से अधिक का  समय व्यतीत हो या है। अभी तक यह कार्य सम्पन्न नहीं हो पाया है। अब चूँकि 2016-17 में  DDO का युक्तियुक्त करण  करना है अतः अभी तक की गयी कार्यवाही की जानकारी राज्य स्तर पर  माँगी गयी है। 
DDO परिवर्तन समबन्धी समस्त आदेश PDF मे प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करे।


Thursday, May 19, 2016

माध्यमिक विद्यालयों में नविन पद संरचना स्वीकृत करने का आदेश 16 जनवरी 2012

माध्यमिक विद्यालयों में नविन पद संरचना स्वीकृत करने का आदेश 2016

वन स्टेप योजना में आवेदन और बॉड का प्रारूप

वन स्टेप योजना में आवेदन और  बॉड का प्रारूप
सभी पत्र पीडीएफ में प्राप्त करने के लिए इस लिंक को ओपन करें