Monday, May 30, 2016

स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रारम्भ की वन स्टेप-अप योजना क्या है ? :-सुरेश यादव रतलाम



मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय भोपाल ने वन स्टेप-अप योजना शुरू की है, जिसके आदेश  जिलों में भेजे गए हैं। इस योजना के द्वारा  हर जिले में पदस्थ  सहायक अध्यापक  जो 12 वि तक पढ़े हुए हैं उन्हें स्नातक और  जो अध्यापक  स्नातक है ,उन्हें  स्नातकोत्तर कराया जाएगा। इसमें एडमिशन ,परीक्षा ,प्रयोगिक सभी का  पूरा खर्च शासन उठाएगी (नामांकन ,माइग्रेशन पूरक और ATKT को छोड़कर) ।

 साथ ही पढ़ाई जारी रहने तक शिक्षकों को हर माह वेतन दिया जाएगा। योजना अंतर्गत  प्रथम चरण  में  2016-17 में प्रवेश दिया जाएगा। राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिलों को आदेश जारी किए हैं। साथ ही इच्छुक शिक्षकों की  सूचि उच्च शिक्षा विभाग में भेजने के निर्देश दिए गए हैं। 

   स्नातक स्तर पर प्रवेश के प्रथम चरण के लिए पंजीयन 20 मई से 13 जून तक और स्नातकोत्तर स्तर पर पंजीयन 1 से 16 जून तक किया जाना है। वन स्टेप-अप योजना में चयनित शिक्षकों की सूचि जिला स्तर से  उच्च शिक्षा विभाग को भेजना है।

प्रवेश के लिए यह होंगी अर्हताएं
 
अभ्यार्थी, स्कूल शिक्षा, आदिम जाति विकास विभाग, नगरीय निकाय या पंचायत विभाग द्वारा अधिशासित किसी विद्यालय में नियमित अध्यापक या सहायक आध्यापक के रूप में पदस्थ हो।( संविदा शिक्षक , गुरूजी ,शिक्षक संवर्ग पात्र नहीं है )
 
 प्रवेश के समय अभ्यार्थी की आयु 45 वर्ष से अधिक नहीं होगी। अनुसूचित जाति, जन जाति, पिछड़ा वर्ग व महिलाओं के लिए अधिकतम 47 वर्ष होगी।

जिन शिक्षकों की आयु 1 जुलाई 2015 को 45 वर्ष से अधिक होगी तथा सेवाकाल 15 वर्ष से अधिक होगा, वे इस योजना में सहभागिता नहीं कर सकेंगे। चयन वरिष्ठता के आधार  पर होगा।

स्नातक में    BA    10 पद  (अंग्रेजी साहित्य के साथ )
स्नातक में    BSc  10 पद  (5 गणित, 5 जिव विज्ञान )
स्नात्कोत्तर MA    10 पद  ( अंग्रेजी , गणित )
स्नात्कोत्तर MSc  10 पद  (4 गणित ,2 रसायन ,2 भौतिक ,1 बॉटनी ,1 जूलॉजी )

व्यवसायिक योग्यता के रूप में सामान्यतः डीए या बीएड परीक्षा उर्त्तीण होना अनिवार्य है।

जिन शिक्षकों द्वारा शासकीय सेवा में आने के बाद अपने व्यय पर स्नातक या स्नातकोत्तर परीक्षा उन विषयों या विषय समूहों में उर्त्तीण की हो, जो कि विद्यालयीन विषय नहीं है (मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र आदि) वे भी इस कार्यक्रम के तहत अंग्रेजी, गणित व विज्ञान विषय में संबंधित पाठयक्रम में प्रवेश के लिए पात्र होंगे।प्रत्येक जिले में स्नातक  के लिए 20 सिट और सनत्कोत्तर के लिए 20 सिट निर्धारित की गयी है।

अनुतीर्ण होने या नकल आदि के प्रकरण में  अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी और एक वेतन वृद्धि रोकी जायेगी

यह कार्यक्रम उन सभी शिक्षकों के लिए बंधनकारी होगा, जो निर्धारित आयु, सेवा अवधि व शैक्षणिक योग्यता के अनुसार पात्रता रखते हैं या जिन शिक्षकों की सेवा 1 जुलाई 2015 तक 15 वर्ष नहीं हुए हैं।

अध्ययन के दौरान अध्यापकों की सेवा पुस्तिका जिला शिक्षा अधिकारी के नियंत्रण में रहेगी वे ही अध्यापकों से संबंधित समस्त प्रशासकीय व वित्तीय  निर्णय ले सकेंगे। महाविद्यालय से प्राप्त उपस्थिति के आधार पर वेतन भुगतान किया जाएगा। अध्यापक अपने सभी  प्रकार के अवकाश के हकदार होंगे ,परन्तु पाठ्यक्रम  के उपस्थिति नियमों का पालन करना होगा ।

शासकीय सेवा का भरना होगा बॉन्ड
   
जो शिक्षक इस योजना के तहत किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेंगे, उनको महाविद्यालय में प्रवेश लेने के एक माह अंदर, पाठ्यक्रम पूरा होने की तिथि से 5 वर्ष तक शासकीय विद्यालयों में  सेवा करने संबंधी शासन द्वारा निर्धारित बॉन्ड  भरना होगा। यह बॉन्ड मप्र के संबंधित विभागीय नियमों के अनुसार शासन द्वारा निर्धारित किए गए प्रपत्र में किया जाएगा। ऐसे समस्त बॉन्ड  जिला शिक्षा अधिकारी के पास जमा होंगे।  बॉन्ड   में उल्लेखित नियमों का उल्लंघन करने पर जिला शिक्षा अधिकारी महाविद्यालय में प्रवेश निरस्त कर अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा ।


निर्धारित पदों से अधिक आवेदन आने पर जिलाधिश  की अध्यक्षता में गठित समिति वरिष्ठ का चयन करेगी ,जिला शीक्षा अधिकारी समिति का सचिव होगा। यह समिति  योजना से जुड़े  सभी विवादो का  जिला स्तर पर निपटारा  करेगी ।  
सुरेश यादव कार्यकारी जिलाध्यक्ष राज्य अध्यापक ,जिला रतलाम 

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Monday, May 30, 2016

स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रारम्भ की वन स्टेप-अप योजना क्या है ? :-सुरेश यादव रतलाम



मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय भोपाल ने वन स्टेप-अप योजना शुरू की है, जिसके आदेश  जिलों में भेजे गए हैं। इस योजना के द्वारा  हर जिले में पदस्थ  सहायक अध्यापक  जो 12 वि तक पढ़े हुए हैं उन्हें स्नातक और  जो अध्यापक  स्नातक है ,उन्हें  स्नातकोत्तर कराया जाएगा। इसमें एडमिशन ,परीक्षा ,प्रयोगिक सभी का  पूरा खर्च शासन उठाएगी (नामांकन ,माइग्रेशन पूरक और ATKT को छोड़कर) ।

 साथ ही पढ़ाई जारी रहने तक शिक्षकों को हर माह वेतन दिया जाएगा। योजना अंतर्गत  प्रथम चरण  में  2016-17 में प्रवेश दिया जाएगा। राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिलों को आदेश जारी किए हैं। साथ ही इच्छुक शिक्षकों की  सूचि उच्च शिक्षा विभाग में भेजने के निर्देश दिए गए हैं। 

   स्नातक स्तर पर प्रवेश के प्रथम चरण के लिए पंजीयन 20 मई से 13 जून तक और स्नातकोत्तर स्तर पर पंजीयन 1 से 16 जून तक किया जाना है। वन स्टेप-अप योजना में चयनित शिक्षकों की सूचि जिला स्तर से  उच्च शिक्षा विभाग को भेजना है।

प्रवेश के लिए यह होंगी अर्हताएं
 
अभ्यार्थी, स्कूल शिक्षा, आदिम जाति विकास विभाग, नगरीय निकाय या पंचायत विभाग द्वारा अधिशासित किसी विद्यालय में नियमित अध्यापक या सहायक आध्यापक के रूप में पदस्थ हो।( संविदा शिक्षक , गुरूजी ,शिक्षक संवर्ग पात्र नहीं है )
 
 प्रवेश के समय अभ्यार्थी की आयु 45 वर्ष से अधिक नहीं होगी। अनुसूचित जाति, जन जाति, पिछड़ा वर्ग व महिलाओं के लिए अधिकतम 47 वर्ष होगी।

जिन शिक्षकों की आयु 1 जुलाई 2015 को 45 वर्ष से अधिक होगी तथा सेवाकाल 15 वर्ष से अधिक होगा, वे इस योजना में सहभागिता नहीं कर सकेंगे। चयन वरिष्ठता के आधार  पर होगा।

स्नातक में    BA    10 पद  (अंग्रेजी साहित्य के साथ )
स्नातक में    BSc  10 पद  (5 गणित, 5 जिव विज्ञान )
स्नात्कोत्तर MA    10 पद  ( अंग्रेजी , गणित )
स्नात्कोत्तर MSc  10 पद  (4 गणित ,2 रसायन ,2 भौतिक ,1 बॉटनी ,1 जूलॉजी )

व्यवसायिक योग्यता के रूप में सामान्यतः डीए या बीएड परीक्षा उर्त्तीण होना अनिवार्य है।

जिन शिक्षकों द्वारा शासकीय सेवा में आने के बाद अपने व्यय पर स्नातक या स्नातकोत्तर परीक्षा उन विषयों या विषय समूहों में उर्त्तीण की हो, जो कि विद्यालयीन विषय नहीं है (मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र आदि) वे भी इस कार्यक्रम के तहत अंग्रेजी, गणित व विज्ञान विषय में संबंधित पाठयक्रम में प्रवेश के लिए पात्र होंगे।प्रत्येक जिले में स्नातक  के लिए 20 सिट और सनत्कोत्तर के लिए 20 सिट निर्धारित की गयी है।

अनुतीर्ण होने या नकल आदि के प्रकरण में  अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी और एक वेतन वृद्धि रोकी जायेगी

यह कार्यक्रम उन सभी शिक्षकों के लिए बंधनकारी होगा, जो निर्धारित आयु, सेवा अवधि व शैक्षणिक योग्यता के अनुसार पात्रता रखते हैं या जिन शिक्षकों की सेवा 1 जुलाई 2015 तक 15 वर्ष नहीं हुए हैं।

अध्ययन के दौरान अध्यापकों की सेवा पुस्तिका जिला शिक्षा अधिकारी के नियंत्रण में रहेगी वे ही अध्यापकों से संबंधित समस्त प्रशासकीय व वित्तीय  निर्णय ले सकेंगे। महाविद्यालय से प्राप्त उपस्थिति के आधार पर वेतन भुगतान किया जाएगा। अध्यापक अपने सभी  प्रकार के अवकाश के हकदार होंगे ,परन्तु पाठ्यक्रम  के उपस्थिति नियमों का पालन करना होगा ।

शासकीय सेवा का भरना होगा बॉन्ड
   
जो शिक्षक इस योजना के तहत किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेंगे, उनको महाविद्यालय में प्रवेश लेने के एक माह अंदर, पाठ्यक्रम पूरा होने की तिथि से 5 वर्ष तक शासकीय विद्यालयों में  सेवा करने संबंधी शासन द्वारा निर्धारित बॉन्ड  भरना होगा। यह बॉन्ड मप्र के संबंधित विभागीय नियमों के अनुसार शासन द्वारा निर्धारित किए गए प्रपत्र में किया जाएगा। ऐसे समस्त बॉन्ड  जिला शिक्षा अधिकारी के पास जमा होंगे।  बॉन्ड   में उल्लेखित नियमों का उल्लंघन करने पर जिला शिक्षा अधिकारी महाविद्यालय में प्रवेश निरस्त कर अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा ।


निर्धारित पदों से अधिक आवेदन आने पर जिलाधिश  की अध्यक्षता में गठित समिति वरिष्ठ का चयन करेगी ,जिला शीक्षा अधिकारी समिति का सचिव होगा। यह समिति  योजना से जुड़े  सभी विवादो का  जिला स्तर पर निपटारा  करेगी ।  
सुरेश यादव कार्यकारी जिलाध्यक्ष राज्य अध्यापक ,जिला रतलाम 

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