Saturday, May 28, 2016

सरकार नहीं चाहती अध्यापक एक हों :- रिजवान खान ( बैतूल )

शासन ने छठे वेतनमान आदेश के दोनों प्रारूपो के बीच लम्बा अंतराल रखा है......
क्या उनको पता था की इस देरी के बीच अध्यापक संघ आपस में लड़ेंगे ?
क्या उनको पता था की अध्यापक संघ एक दूसरे पर कीचड़ उछालेगे ?
क्या उनको पता था की संघो की वैमनस्यता इतनी बढ़ जायेगी की इनका आपस में पुनः एकता सूत्र में बंधना कठिन हो जायेगा ?
अगर शासन को यह सब मालूम था तो उक्त स्तिथियों को निर्मित करने में उसकी भी भूमिका होगी और उसका निर्वाह करने वाले हमारे बीच के कुछ लोग भी अवश्य होंगे. उपरोक्त विचार निकृष्ट है किन्तु आजकल सोशल मीडिया के माहौल में ऐसे ही विचार आते है.
रिजवान खान ( बैतूल ) यह लेखक के निजी विचार हैं। 



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Saturday, May 28, 2016

सरकार नहीं चाहती अध्यापक एक हों :- रिजवान खान ( बैतूल )

शासन ने छठे वेतनमान आदेश के दोनों प्रारूपो के बीच लम्बा अंतराल रखा है......
क्या उनको पता था की इस देरी के बीच अध्यापक संघ आपस में लड़ेंगे ?
क्या उनको पता था की अध्यापक संघ एक दूसरे पर कीचड़ उछालेगे ?
क्या उनको पता था की संघो की वैमनस्यता इतनी बढ़ जायेगी की इनका आपस में पुनः एकता सूत्र में बंधना कठिन हो जायेगा ?
अगर शासन को यह सब मालूम था तो उक्त स्तिथियों को निर्मित करने में उसकी भी भूमिका होगी और उसका निर्वाह करने वाले हमारे बीच के कुछ लोग भी अवश्य होंगे. उपरोक्त विचार निकृष्ट है किन्तु आजकल सोशल मीडिया के माहौल में ऐसे ही विचार आते है.
रिजवान खान ( बैतूल ) यह लेखक के निजी विचार हैं। 



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