डीके सिंगोर/मंडला। अध्यापक संवर्ग को जनवरी 2016 से मिलने वाले 6पे के गणना पत्रक के आदेश को सरकार ने 10 महीने बाद जारी तो कर दिया और अनेक संकुलों मे नया वेतनमान आदेश मिल भी गया परंतु सही वेतन के निर्धारण का दायित्व निभाने की जिम्मेदारी जिस संपरीक्षा निधि कार्यालय को सौपी गई वह ,ही गणना पत्रक को समझ नहीं पा रहा है।
जबलपुर संभाग के जिलों से सही निर्धारण कराने संपरीक्षा निधि कार्यालय जबलपुर ने अध्यापकों के गणना पत्रक के सम्बन्ध मे एक मार्गदर्शन पत्र जारी कर अध्यापकों को बैरंग लौटा दिया।
कहाँ हो रही कठिनाई
जबलपुर संभाग के जिलों से सही निर्धारण कराने संपरीक्षा निधि कार्यालय जबलपुर ने अध्यापकों के गणना पत्रक के सम्बन्ध मे एक मार्गदर्शन पत्र जारी कर अध्यापकों को बैरंग लौटा दिया।
कहाँ हो रही कठिनाई
संपरीक्षा निधि कार्यालय मे विगत 5 दिनों से वेतन निर्धारण का अनुमोदन कराने जा रहे अध्यापक संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष डी के सिंगौर और नरेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि संपरीक्षा के अधिकारी निम्न कठिनाइयों को बता रहे है-
1-सहायक अध्यापक,अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक की वेतन तालिका एक समान नियमों से नहीं बनी।
2-आदेश मे 2.1 और 2.3 मे वेतन निर्धारण को लेकर विरोधाभास है।
3-3000 -5000 वेतनमान वाले सहायक अध्यापक को क्रमोन्नति 3500-6000 के वेतनमान पर हुई जबकि तालिका मे 4000 रु का वेतनमान दिया गया है।
4-यही स्थिति क्रमोन्नत हुए अध्यापक के साथ है जारी तालिका मे उसका तदस्थानिक मूल वेतन तालिका से या तो मेल नहीं खाता या कम है।
5-क्रमोन्नत वरिष्ठ अध्यापक के ग्रेड पे को 3600 से 4200 करने पर 4200 ग्रेड पे की तालिका ही आदेश मे मौजूद नहीं है।
6-यदि अध्यापक संवर्ग के तदस्थानिक वेतनमान के अनुरूप वेतन निर्धारण किया जाए तो एक साथ नियुक्त एक अध्यापक और अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक पद के वेतनमान मे पदोन्नति प्राप्त अध्यापक का वेतन गैर पदोन्नत या क्रमोन्नत अध्यापक से कम हो रहा है।
7. वेतन निर्धारण के लिये एक भी उदाहरण प्रारूप जारी नहीँ किया गया है वेतन निर्धारण को लेकर अध्यापक संकुल प्राचार्य से लेकर डी ई ओ और कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहे है
लेकिन क्षेत्रीय स्थानीय निधि सम्परीक्षक जिनका अनुमोदन अनिवार्य है के द्वारा स्पष्ट नियमों के अभाव में अनुमोदन नहीँ किये जाने से अध्यापक एक बार फिर भोपाल की ओर रुख कर दिया है अध्यापक संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि अब वे संपरीक्षा निधि कार्यालय से प्राप्त मार्गदर्शन को लेकर DPI जाएंगे।
1-सहायक अध्यापक,अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक की वेतन तालिका एक समान नियमों से नहीं बनी।
2-आदेश मे 2.1 और 2.3 मे वेतन निर्धारण को लेकर विरोधाभास है।
3-3000 -5000 वेतनमान वाले सहायक अध्यापक को क्रमोन्नति 3500-6000 के वेतनमान पर हुई जबकि तालिका मे 4000 रु का वेतनमान दिया गया है।
4-यही स्थिति क्रमोन्नत हुए अध्यापक के साथ है जारी तालिका मे उसका तदस्थानिक मूल वेतन तालिका से या तो मेल नहीं खाता या कम है।
5-क्रमोन्नत वरिष्ठ अध्यापक के ग्रेड पे को 3600 से 4200 करने पर 4200 ग्रेड पे की तालिका ही आदेश मे मौजूद नहीं है।
6-यदि अध्यापक संवर्ग के तदस्थानिक वेतनमान के अनुरूप वेतन निर्धारण किया जाए तो एक साथ नियुक्त एक अध्यापक और अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक पद के वेतनमान मे पदोन्नति प्राप्त अध्यापक का वेतन गैर पदोन्नत या क्रमोन्नत अध्यापक से कम हो रहा है।
7. वेतन निर्धारण के लिये एक भी उदाहरण प्रारूप जारी नहीँ किया गया है वेतन निर्धारण को लेकर अध्यापक संकुल प्राचार्य से लेकर डी ई ओ और कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहे है
लेकिन क्षेत्रीय स्थानीय निधि सम्परीक्षक जिनका अनुमोदन अनिवार्य है के द्वारा स्पष्ट नियमों के अभाव में अनुमोदन नहीँ किये जाने से अध्यापक एक बार फिर भोपाल की ओर रुख कर दिया है अध्यापक संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि अब वे संपरीक्षा निधि कार्यालय से प्राप्त मार्गदर्शन को लेकर DPI जाएंगे।
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