Friday, November 4, 2016

पुलिस की बर्बरता की कहानी - थाने में कपड़े उतरवाए, जूते चटवाए झूठा केस लगाकर दो मोबाइल व रुपए छीने ,सहायक अध्यापक ने दुखी होकर आत्महत्या कर ली

शिवपुरी/भोपाल. मध्य प्रदेश में एक गवर्नमेंट टीचर ( सहायक अध्यापक ) ने पुलिस की बदसलूकी की वजह से सुसाइड कर लिया। सहायक अध्यापक मनोज कुमार पुरोहित ने सीएम के नाम एक नोट भी छोड़ा है, जिसमें खुद के साथ बर्बरता का जिक्र है। इस नोट में मनोज ने पुलिस पर कपड़े उतरवाने, जूते चटवाने और झूठा केस लगाने जैसे आरोप लगाए हैं। सुसाइड नोट...सोश्यल मिडिया में वायरल हो गए हैं। 

 मनोज पुरोहित 29 अक्टूबर को जुआ एक्ट में अरेस्ट किए गए थे। सुसाइड नोट के मुताबिक इस दौरान उनके साथ बर्बरता हुई।
- उन्होंने सुसाइड से पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान, कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव, एसपी मोहम्मद युसुफ कुरैशी, अपने दो भाइयों, पिता व मां के नाम अलग-अलग लेटर लिखे।

पढ़िए मनोज का  मुख्यमंत्री के नाम पत्र 
श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय, 
मप्र शासन भोपाल 
सादर प्रणाम 

मैं मनोज कुमार पुरोहित सहायक अध्यापक शासकीय प्राथमिक विद्यालय शाजापुर में पदस्थ हूं। आज दिनांक 29 अक्टूबर 2016 को पुलिस थाना पिछोर के एसआई अरूण प्रताप सिंह भदौरिया, एएसआई जेपी पाराशर, दीवान शर्मा एवं दीवान जादौन, सिपाही रिंकू शाक्य ने मेरी बेइज्जती की। केबल इसलिए कि मेरे बड़े भाई एवं भांजे की बस चलती है, जिसे मैं कभी-कभी देख लेता था छुट्टी के दिन। मैंने पुलिस को पैसे देने से मना किया तो मेरे ऊपर दो जुआ एक्ट झूठे लगा रखे हैं। मैंने इस बात का विरोध किया तो मेरे ऊपर हथियार जैसे कट्टा, पिस्टल आदि लगाने की धमकी दी और कहा कि घर से रुपए मंगाओं एक लाख, तब ही तुम्हारी जमानत ले सकते हैं। मेरे साथ कुछ और लड़के भी बंद थे, उनसे भी पूछा जाए मेरी बेइज्जती की गई। मेरे बांये हाथ में टोनी के पास पट्‌टा मारा है एसआई अरुण प्रताप ने। मेरे गाल पर रिंकू सिपाही ने मारा है। कम से कम 10 चांटा और लात घूंसे मारे हैं। मैंने पुलिस से कहा कि मैं कोई आपराधिक प्रवृति का इंसान नहीं हूं तो जवाब दिया कि हमने तुम्हें अपराधी बना दिया है। अगर ज्यादा बोलोगे और बड़ा अपराधी बना देंगे। तुम पर पहले से एक जुआ एक्ट लगा है, जिसकी तुम तारीख कर रहे हो। ऐसे ही जेल भेज देंगे। मेरी जेब से वेतन निकाल ली। मेरे साथ पुलिस का व्यवहार ठीक नहीं रहा मेरे पास सेमसंग मोबाइल जे-7 एवं लावा का मोबाइल नंबर 9425449013, 9620552340, 9575892725 की सिम डली हुई थी, उसे भी पु़लिस ने रख लिया है। इसी प्रकार कलेक्टर को लिखे पत्र में शिक्षक ने कहा कि मैं पुलिस की मनमानी और तानाशाही से दु:खी होकर आत्महत्या कर रहा हूं। एसआई अरुण प्रताप सिंह भदौरिया, एएसआई पाराशर, दीवान शर्मा, दीवान जादौन व सिपाही रिंकू ने मेरी बेइज्जती की है। थाने में मेरे कपड़े उतारे गए, रिंकू ने मुझमें चांटे मारे, एसआई भदौरिया ने पट्टे मारे, जूते मारे और जूते चटवाए और 1 लाख 50 हजार रुपए की मांग की। इसमें एक पत्रकार सचिन भट्ट उर्फ मोनू भी शामिल है। 

मनोज कुमार पुरोहित  



बेटे की मौत के जिम्मेदारों को बर्खास्त करे सरकार 


29 अक्टूबर को मेरे पुत्र मनोज को पुलिस जुआ एक्ट में झूठा फंसाने थाने ले गई थी। जहां उसकी निर्दयता से पिटाई की। अपमानित कर संगीन अपराधों में मुलजिम बनाने की धमकी देते हुए 25 हजार रुपए घर से उसे छुड़वाने के पुलिस ने लिए। साथ ही उसके दोनों मोबाइल भी छीन लिए। मारपीट करने व अपमानित होने से उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। दु:खी होकर उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। सरकार को दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। 

नारायण दास पुरोहित, मृत शिक्षक के पिता 

- इस मामले में टीचर के पिता नारायणदास पुरोहित ने कहा, "पुलिस की बर्बरता से अपमानित होने की वजह से उनके बेटे का मानसिक संतुलन बिगड़ गया।"
- "दुखी होकर उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। सरकार को दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें बर्खास्त करना चाहिए।"


6 लोगों पर की थी जुआ एक्ट में कार्रवाई

-जानकारी के मुताबिक पुलिस ने 29 अक्टूबर को शाजापुर स्कूल के टीचर मनोज समेत 6 लोगों पर जुआ एक्ट के तहत कारवाई की थी।
- पुलिस का दावा है कि आरोपियों से 35 हजार 40 रुपए जब्त किए गए थे। गिरफ्तार होने के बाद आरोपियों ने पुलिस पर थाने में मारपीट करने का आरोप लगाया था।


अन्य  लेटर में लिखा : मुझे माफ करना...कोई रोना मत, नैतिक चेष्ठा को समझना...

- मनोज ने भाई और पिता नारायणदास पुरोहित, मां और भाभी को लिखे लेटर में कहा, "मेरा निवेदन है कि मेरे दोनों बच्चे और पत्नी रूबी का ध्यान रखें। मैं उन्हें आप सभी के हवाले छोड़कर जा रहा हूं।"
- "सुरेश राजपूत, शारदा राजपूत आप भी मेरे बच्चों का ख्याल रखें। मेरी पत्नी रूबी को मेरा कहना है कि तुम इन सभी की बात मानना।"
- "अगर बच्चों का भविष्य बनाना है तो मेरी आखिरी बात यही है कि मेरे दोनों भाई तुम्हारे पिता के समान हैं। सभी से हाथ जोड़कर क्षमा चाहता हूं कि अपनी बेइज्जती की वजह से में यह कदम उठा रहा हूं।"
- "रजनी भाभी, मुझे माफ करना, दादा मुझे क्षमा करना, मैं आप सभी को छोड़कर जा रहा हूं। कोई रोना मत। नैतिक चेष्ठा को समझना, सभी खुश रहें।"

स्त्रोत दैनिक भास्कर 

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Friday, November 4, 2016

पुलिस की बर्बरता की कहानी - थाने में कपड़े उतरवाए, जूते चटवाए झूठा केस लगाकर दो मोबाइल व रुपए छीने ,सहायक अध्यापक ने दुखी होकर आत्महत्या कर ली

शिवपुरी/भोपाल. मध्य प्रदेश में एक गवर्नमेंट टीचर ( सहायक अध्यापक ) ने पुलिस की बदसलूकी की वजह से सुसाइड कर लिया। सहायक अध्यापक मनोज कुमार पुरोहित ने सीएम के नाम एक नोट भी छोड़ा है, जिसमें खुद के साथ बर्बरता का जिक्र है। इस नोट में मनोज ने पुलिस पर कपड़े उतरवाने, जूते चटवाने और झूठा केस लगाने जैसे आरोप लगाए हैं। सुसाइड नोट...सोश्यल मिडिया में वायरल हो गए हैं। 

 मनोज पुरोहित 29 अक्टूबर को जुआ एक्ट में अरेस्ट किए गए थे। सुसाइड नोट के मुताबिक इस दौरान उनके साथ बर्बरता हुई।
- उन्होंने सुसाइड से पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान, कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव, एसपी मोहम्मद युसुफ कुरैशी, अपने दो भाइयों, पिता व मां के नाम अलग-अलग लेटर लिखे।

पढ़िए मनोज का  मुख्यमंत्री के नाम पत्र 
श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय, 
मप्र शासन भोपाल 
सादर प्रणाम 

मैं मनोज कुमार पुरोहित सहायक अध्यापक शासकीय प्राथमिक विद्यालय शाजापुर में पदस्थ हूं। आज दिनांक 29 अक्टूबर 2016 को पुलिस थाना पिछोर के एसआई अरूण प्रताप सिंह भदौरिया, एएसआई जेपी पाराशर, दीवान शर्मा एवं दीवान जादौन, सिपाही रिंकू शाक्य ने मेरी बेइज्जती की। केबल इसलिए कि मेरे बड़े भाई एवं भांजे की बस चलती है, जिसे मैं कभी-कभी देख लेता था छुट्टी के दिन। मैंने पुलिस को पैसे देने से मना किया तो मेरे ऊपर दो जुआ एक्ट झूठे लगा रखे हैं। मैंने इस बात का विरोध किया तो मेरे ऊपर हथियार जैसे कट्टा, पिस्टल आदि लगाने की धमकी दी और कहा कि घर से रुपए मंगाओं एक लाख, तब ही तुम्हारी जमानत ले सकते हैं। मेरे साथ कुछ और लड़के भी बंद थे, उनसे भी पूछा जाए मेरी बेइज्जती की गई। मेरे बांये हाथ में टोनी के पास पट्‌टा मारा है एसआई अरुण प्रताप ने। मेरे गाल पर रिंकू सिपाही ने मारा है। कम से कम 10 चांटा और लात घूंसे मारे हैं। मैंने पुलिस से कहा कि मैं कोई आपराधिक प्रवृति का इंसान नहीं हूं तो जवाब दिया कि हमने तुम्हें अपराधी बना दिया है। अगर ज्यादा बोलोगे और बड़ा अपराधी बना देंगे। तुम पर पहले से एक जुआ एक्ट लगा है, जिसकी तुम तारीख कर रहे हो। ऐसे ही जेल भेज देंगे। मेरी जेब से वेतन निकाल ली। मेरे साथ पुलिस का व्यवहार ठीक नहीं रहा मेरे पास सेमसंग मोबाइल जे-7 एवं लावा का मोबाइल नंबर 9425449013, 9620552340, 9575892725 की सिम डली हुई थी, उसे भी पु़लिस ने रख लिया है। इसी प्रकार कलेक्टर को लिखे पत्र में शिक्षक ने कहा कि मैं पुलिस की मनमानी और तानाशाही से दु:खी होकर आत्महत्या कर रहा हूं। एसआई अरुण प्रताप सिंह भदौरिया, एएसआई पाराशर, दीवान शर्मा, दीवान जादौन व सिपाही रिंकू ने मेरी बेइज्जती की है। थाने में मेरे कपड़े उतारे गए, रिंकू ने मुझमें चांटे मारे, एसआई भदौरिया ने पट्टे मारे, जूते मारे और जूते चटवाए और 1 लाख 50 हजार रुपए की मांग की। इसमें एक पत्रकार सचिन भट्ट उर्फ मोनू भी शामिल है। 

मनोज कुमार पुरोहित  



बेटे की मौत के जिम्मेदारों को बर्खास्त करे सरकार 


29 अक्टूबर को मेरे पुत्र मनोज को पुलिस जुआ एक्ट में झूठा फंसाने थाने ले गई थी। जहां उसकी निर्दयता से पिटाई की। अपमानित कर संगीन अपराधों में मुलजिम बनाने की धमकी देते हुए 25 हजार रुपए घर से उसे छुड़वाने के पुलिस ने लिए। साथ ही उसके दोनों मोबाइल भी छीन लिए। मारपीट करने व अपमानित होने से उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। दु:खी होकर उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। सरकार को दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। 

नारायण दास पुरोहित, मृत शिक्षक के पिता 

- इस मामले में टीचर के पिता नारायणदास पुरोहित ने कहा, "पुलिस की बर्बरता से अपमानित होने की वजह से उनके बेटे का मानसिक संतुलन बिगड़ गया।"
- "दुखी होकर उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। सरकार को दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें बर्खास्त करना चाहिए।"


6 लोगों पर की थी जुआ एक्ट में कार्रवाई

-जानकारी के मुताबिक पुलिस ने 29 अक्टूबर को शाजापुर स्कूल के टीचर मनोज समेत 6 लोगों पर जुआ एक्ट के तहत कारवाई की थी।
- पुलिस का दावा है कि आरोपियों से 35 हजार 40 रुपए जब्त किए गए थे। गिरफ्तार होने के बाद आरोपियों ने पुलिस पर थाने में मारपीट करने का आरोप लगाया था।


अन्य  लेटर में लिखा : मुझे माफ करना...कोई रोना मत, नैतिक चेष्ठा को समझना...

- मनोज ने भाई और पिता नारायणदास पुरोहित, मां और भाभी को लिखे लेटर में कहा, "मेरा निवेदन है कि मेरे दोनों बच्चे और पत्नी रूबी का ध्यान रखें। मैं उन्हें आप सभी के हवाले छोड़कर जा रहा हूं।"
- "सुरेश राजपूत, शारदा राजपूत आप भी मेरे बच्चों का ख्याल रखें। मेरी पत्नी रूबी को मेरा कहना है कि तुम इन सभी की बात मानना।"
- "अगर बच्चों का भविष्य बनाना है तो मेरी आखिरी बात यही है कि मेरे दोनों भाई तुम्हारे पिता के समान हैं। सभी से हाथ जोड़कर क्षमा चाहता हूं कि अपनी बेइज्जती की वजह से में यह कदम उठा रहा हूं।"
- "रजनी भाभी, मुझे माफ करना, दादा मुझे क्षमा करना, मैं आप सभी को छोड़कर जा रहा हूं। कोई रोना मत। नैतिक चेष्ठा को समझना, सभी खुश रहें।"

स्त्रोत दैनिक भास्कर 

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