Friday, November 4, 2016

MP के स्कूलों में पढ़ाया जाएगा अब NCERT का सिलेबस ,अध्यापक संघर्ष समिति की 21 सूत्रीय मांग में था यह मुद्दा

भोपाल. पहली कक्षा से 11वीं तक के छात्र-छात्राएं भी अब नेशनल काउंसिल ऑफ एजूकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की किताबें पढ़ेंगे। राज्य सरकार नए सत्र से 8वीं, 10वीं और 12वीं की बोर्ड कक्षाओं को छोड़कर बाकी सभी कक्षाओं के गणित, विज्ञान और पर्यावरण के विषयों में एनसीईआरटी सिलेबस लागू करने जा रही है। बोर्ड कक्षाओं में इसे बाद में लागू किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग इसे जल्द ही कैबिनेट में लाने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि नए सत्र के लिए किताबों की छपाई का काम होना है। प्रदेश में स्कूली बच्चों को मुफ्त में किताबें दी जाती हैं। लिहाजा एनसीईआरटी से सिलेबस लेने के बाद उसकी छपाई का काम पाठ्यपुस्तक निगम से कराया जाएगा। अभी निजी स्कूल सीबीएसई के तहत एनसीईआरटी से ही मान्य किताबें इस्तेमाल करते हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या करीब 1.30 करोड़ है। इसमें से 50 लाख के करीब विद्यार्थियों को राज्य सरकार मुफ्त किताबें उपलब्ध कराती है।

शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर सुधरेगामुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ही यह निर्णय लिया गया है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर सुधरेगा। साथ ही मप्र के बच्चों का राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सफलता का प्रतिशत बढ़ेगा। अगले सत्र से एनसीईआरटी की किताबें लागू हो जाएंगी।दीपक जोशी, राज्यमंत्री, स्कूल शिक्षा



No comments:

Post a Comment

Comments system

Friday, November 4, 2016

MP के स्कूलों में पढ़ाया जाएगा अब NCERT का सिलेबस ,अध्यापक संघर्ष समिति की 21 सूत्रीय मांग में था यह मुद्दा

भोपाल. पहली कक्षा से 11वीं तक के छात्र-छात्राएं भी अब नेशनल काउंसिल ऑफ एजूकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की किताबें पढ़ेंगे। राज्य सरकार नए सत्र से 8वीं, 10वीं और 12वीं की बोर्ड कक्षाओं को छोड़कर बाकी सभी कक्षाओं के गणित, विज्ञान और पर्यावरण के विषयों में एनसीईआरटी सिलेबस लागू करने जा रही है। बोर्ड कक्षाओं में इसे बाद में लागू किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग इसे जल्द ही कैबिनेट में लाने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि नए सत्र के लिए किताबों की छपाई का काम होना है। प्रदेश में स्कूली बच्चों को मुफ्त में किताबें दी जाती हैं। लिहाजा एनसीईआरटी से सिलेबस लेने के बाद उसकी छपाई का काम पाठ्यपुस्तक निगम से कराया जाएगा। अभी निजी स्कूल सीबीएसई के तहत एनसीईआरटी से ही मान्य किताबें इस्तेमाल करते हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या करीब 1.30 करोड़ है। इसमें से 50 लाख के करीब विद्यार्थियों को राज्य सरकार मुफ्त किताबें उपलब्ध कराती है।

शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर सुधरेगामुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ही यह निर्णय लिया गया है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर सुधरेगा। साथ ही मप्र के बच्चों का राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सफलता का प्रतिशत बढ़ेगा। अगले सत्र से एनसीईआरटी की किताबें लागू हो जाएंगी।दीपक जोशी, राज्यमंत्री, स्कूल शिक्षा



No comments:

Post a Comment