Sunday, June 19, 2016

पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे ने बनाई वर्ग संघर्ष की स्थिति

भोपाल - पदोन्नति में आरक्षण का मामला न सिर्फ सियासी और प्रशासनिक गलियारों में छाया हुआ है, बल्कि इससे सामाजिक वर्ग संघर्ष की स्थिति निर्मित हो गई है। इस विवाद के बाद सामान्य-पिछड़ा वर्ग और आरक्षित वर्ग के बीच बड़ी दरार पड़ गई है।
 इस बारे में अजाक्स की कमान संभालने वाले आईएएस जेएन कंसोटिया ( प्रमुख सचिव ,महिला एवं बाल विकास विभाग ) और रमेश थेटे  ( सचिव ,पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभग ) से बातचीत की। थेटे ने माना कि वाकई इस मुद्दे से लोग एक-दूसरे के खिलाफ हो गए हैं। हमारे सवालों के जवाब दोनों ने दिए। कुछ मुद्दों पर स्पष्ट मत जताया, तो कुछ के राजनीतिक जवाब दिए।
.
आईएएस जेएन कंसोटिया के जवाब

प्रश्न  1- अजाक्स के मंच का राजनीतिक इस्तेमाल किया जाना कितना उचित है ?
जवाब - ये अधिकारी-कर्मचारियों का संगठन है। इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।
प्रश्न 2- अजाक्स के जरिए कोर्ट में चल रहे मामले को चुनौती देना क्या कोर्ट की अवमानना के दायरे में नहीं आता ?
जवाब- सरकार के अधिकार क्षेत्र की बात है। सरकार अपना नियम बना सकती है।
प्रश्न 3- शशि कर्णावत ने कहा कि अजाक्स के अध्यक्ष रहते हुए डॉ. अमर सिंह ने दिग्विजय का वनवास करवाया और अब वही काम कंसोटिया कर रहे हैं ?
जवाब - ऐसी कोई बात नहीं है। इस पर मैं कोई कमेंट नहीं करूंगा।
प्रश्न  4- जब सरकार आपके साथ है तो फिर कोर्ट में कमजोर पक्ष रखने का आरोप अजाक्स ने क्यों लगाया ?
जवाब - ऐसा नहीं है। 1956 से नियम हैं। बीच-बीच में संशोधित होते रहे। कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण नियम को निरस्त किया। कोर्ट के सामने पूरे तथ्य नहीं आ पाए। कोर्ट को रिव्यू करने का अधिकार है और सरकार को नियम बनाने का।
प्रश्न 5- आरक्षण का लाभ अभी भी वर्ग विशेष तक सीमित है। आरक्षित वर्ग में भी एक क्रीमीलेयर बन गया है। लाभ नीचे तक क्यों नहीं पहुंच रहा है ?
जवाब- सरकारी नौकरी में 90 प्रतिशत फर्स्ट जनरेशन के लोग हैं। ऐसे लोग कम मिलेंगे, जिनकी दूसरी या तीसरी पीढ़ी को लाभ मिला हो।
प्रश्न 6- बराक ओबामा ने कहा कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है। आपको नहीं लगता कि पदोन्नति में आरक्षण का मसला वर्ग संघर्ष की ओर बढ़ रहा है ?
जवाब - वर्ग संघर्ष की बात ही कहां है। सब अपनी-अपनी बात करते हैं।


आईएएस रमेश थेटे के जवाब

प्रश्न 1- अजाक्स के मंच का राजनीतिक इस्तेमाल किया जाना कितना उचित है ?
जवाब - किसी भी अधिकारी-कर्मचारी संगठन को राजनीति करना ही नहीं चाहिए और न ही किसी को भी इनके मंच से राजनीतिक बात करना चाहिए।
प्रश्न 2- अजाक्स के जरिए कोर्ट में चल रहे मामले को चुनौती देना क्या कोर्ट की अवमानना के दायरे में नहीं आता ?
जवाब - कोर्ट की अवमानना का विषय ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने उनके अधिकार क्षेत्र की बात की है। इसका तो स्वागत होना चाहिए।
प्रश्न 3- शशि कर्णावत ने कहा कि अजाक्स के अध्यक्ष रहते हुए डॉ. अमर सिंह ने दिग्विजय का वनवास करवाया और अब वही काम कंसोटिया कर रहे हैं ?
जवाब- मैंने नहीं सुना। मेरे सामने ऐसी कोई बात नहीं हुई।
प्रश्न 4- जब सरकार आपके साथ है तो फिर कोर्ट में कमजोर पक्ष रखने का आरोप अजाक्स ने क्यों लगाया ?
जवाब - ये तो वे ही बता सकते हैं जिन्होंने ये आरोप लगाया। सरकारी पक्ष से हमारी इसको लेकर अभी कोई बात नहीं हुई है।
प्रश्न 5- आरक्षण का लाभ अभी भी वर्ग विशेष तक सीमित है। आरक्षित वर्ग में भी एक क्रीमीलेयर बन गया है। लाभ नीचे तक क्यों नहीं पहुंच रहा है ?
जवाब- ये चिंता का विषय है। हम लोगों (जो आरक्षण का लाभ लेकर ऊपर आए हैं) की जिम्मेदारी है कि समाज के निचले तबके को इसका फायदा मिले। हमारा संगठन इसकी बात करेगा।
प्रश्न 6- बराक ओबामा ने कहा कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है। आपको नहीं लगता कि पदोन्नति में आरक्षण का मसला वर्ग संघर्ष की ओर बढ़ रहा है ?
जवाब - जो माहौल बना है, उससे लगता है कि लोग एक-दूसरे के खिलाफ हो रहे हैं। हम दूसरे पक्षों से बात करेंगे, ताकि अप्रिय स्थिति निर्मित न हो।

स्त्रोत -नईदुनिया 



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Sunday, June 19, 2016

पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे ने बनाई वर्ग संघर्ष की स्थिति

भोपाल - पदोन्नति में आरक्षण का मामला न सिर्फ सियासी और प्रशासनिक गलियारों में छाया हुआ है, बल्कि इससे सामाजिक वर्ग संघर्ष की स्थिति निर्मित हो गई है। इस विवाद के बाद सामान्य-पिछड़ा वर्ग और आरक्षित वर्ग के बीच बड़ी दरार पड़ गई है।
 इस बारे में अजाक्स की कमान संभालने वाले आईएएस जेएन कंसोटिया ( प्रमुख सचिव ,महिला एवं बाल विकास विभाग ) और रमेश थेटे  ( सचिव ,पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभग ) से बातचीत की। थेटे ने माना कि वाकई इस मुद्दे से लोग एक-दूसरे के खिलाफ हो गए हैं। हमारे सवालों के जवाब दोनों ने दिए। कुछ मुद्दों पर स्पष्ट मत जताया, तो कुछ के राजनीतिक जवाब दिए।
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आईएएस जेएन कंसोटिया के जवाब

प्रश्न  1- अजाक्स के मंच का राजनीतिक इस्तेमाल किया जाना कितना उचित है ?
जवाब - ये अधिकारी-कर्मचारियों का संगठन है। इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।
प्रश्न 2- अजाक्स के जरिए कोर्ट में चल रहे मामले को चुनौती देना क्या कोर्ट की अवमानना के दायरे में नहीं आता ?
जवाब- सरकार के अधिकार क्षेत्र की बात है। सरकार अपना नियम बना सकती है।
प्रश्न 3- शशि कर्णावत ने कहा कि अजाक्स के अध्यक्ष रहते हुए डॉ. अमर सिंह ने दिग्विजय का वनवास करवाया और अब वही काम कंसोटिया कर रहे हैं ?
जवाब - ऐसी कोई बात नहीं है। इस पर मैं कोई कमेंट नहीं करूंगा।
प्रश्न  4- जब सरकार आपके साथ है तो फिर कोर्ट में कमजोर पक्ष रखने का आरोप अजाक्स ने क्यों लगाया ?
जवाब - ऐसा नहीं है। 1956 से नियम हैं। बीच-बीच में संशोधित होते रहे। कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण नियम को निरस्त किया। कोर्ट के सामने पूरे तथ्य नहीं आ पाए। कोर्ट को रिव्यू करने का अधिकार है और सरकार को नियम बनाने का।
प्रश्न 5- आरक्षण का लाभ अभी भी वर्ग विशेष तक सीमित है। आरक्षित वर्ग में भी एक क्रीमीलेयर बन गया है। लाभ नीचे तक क्यों नहीं पहुंच रहा है ?
जवाब- सरकारी नौकरी में 90 प्रतिशत फर्स्ट जनरेशन के लोग हैं। ऐसे लोग कम मिलेंगे, जिनकी दूसरी या तीसरी पीढ़ी को लाभ मिला हो।
प्रश्न 6- बराक ओबामा ने कहा कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है। आपको नहीं लगता कि पदोन्नति में आरक्षण का मसला वर्ग संघर्ष की ओर बढ़ रहा है ?
जवाब - वर्ग संघर्ष की बात ही कहां है। सब अपनी-अपनी बात करते हैं।


आईएएस रमेश थेटे के जवाब

प्रश्न 1- अजाक्स के मंच का राजनीतिक इस्तेमाल किया जाना कितना उचित है ?
जवाब - किसी भी अधिकारी-कर्मचारी संगठन को राजनीति करना ही नहीं चाहिए और न ही किसी को भी इनके मंच से राजनीतिक बात करना चाहिए।
प्रश्न 2- अजाक्स के जरिए कोर्ट में चल रहे मामले को चुनौती देना क्या कोर्ट की अवमानना के दायरे में नहीं आता ?
जवाब - कोर्ट की अवमानना का विषय ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने उनके अधिकार क्षेत्र की बात की है। इसका तो स्वागत होना चाहिए।
प्रश्न 3- शशि कर्णावत ने कहा कि अजाक्स के अध्यक्ष रहते हुए डॉ. अमर सिंह ने दिग्विजय का वनवास करवाया और अब वही काम कंसोटिया कर रहे हैं ?
जवाब- मैंने नहीं सुना। मेरे सामने ऐसी कोई बात नहीं हुई।
प्रश्न 4- जब सरकार आपके साथ है तो फिर कोर्ट में कमजोर पक्ष रखने का आरोप अजाक्स ने क्यों लगाया ?
जवाब - ये तो वे ही बता सकते हैं जिन्होंने ये आरोप लगाया। सरकारी पक्ष से हमारी इसको लेकर अभी कोई बात नहीं हुई है।
प्रश्न 5- आरक्षण का लाभ अभी भी वर्ग विशेष तक सीमित है। आरक्षित वर्ग में भी एक क्रीमीलेयर बन गया है। लाभ नीचे तक क्यों नहीं पहुंच रहा है ?
जवाब- ये चिंता का विषय है। हम लोगों (जो आरक्षण का लाभ लेकर ऊपर आए हैं) की जिम्मेदारी है कि समाज के निचले तबके को इसका फायदा मिले। हमारा संगठन इसकी बात करेगा।
प्रश्न 6- बराक ओबामा ने कहा कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है। आपको नहीं लगता कि पदोन्नति में आरक्षण का मसला वर्ग संघर्ष की ओर बढ़ रहा है ?
जवाब - जो माहौल बना है, उससे लगता है कि लोग एक-दूसरे के खिलाफ हो रहे हैं। हम दूसरे पक्षों से बात करेंगे, ताकि अप्रिय स्थिति निर्मित न हो।

स्त्रोत -नईदुनिया 



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