Wednesday, May 4, 2016

राज्य अध्यापक संघ जिला शाखा मण्डला अध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने अशंदायी पेंशन को लेकर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की

मंडला। स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत अध्यापकों का 15 माह से और आजाकवि में कार्यरत अध्यापकों का 13 माह से अशंदायी पेंशन की अंशदान राशि NSDL में जमा नहीं हुई है। शिक्षा विभाग में जनवरी 2015 तक का और आजाक विभाग में मार्च 2015 तक का ही अंशदान जमा हुआ है जबकि अध्यापकों के खाते से प्रतिमाह अंशदान की राशि काटी गई है। 

विलम्ब से राशि जमा करने का मामला अभी का नहीं बल्कि जब से यह योजना लागू हुई है ऐसे ही विलम्ब से राशि जमा हुई है। इसके विपरीत राज्य शासन के कर्मचारियों को लागू इसी योजना का अंशदान कोषालय द्वारा दो दिन के अंदर जमा कर दिया जाता है यदि अधिकत्तम विलम्ब हुआ तो 15 दिन के अंदर हर हाल में राशि जमा हो जाती हैं। राज्य शासन के कर्मचारियों की कटौती कोषालय के द्वारा की जाती है जबकि अध्यापकों द्वारा कोषालय में वेतन की 90 प्रतिशत राशि के देयक लगाये जाते हैं नोडल अधिकारी आयुक्त आदिवासी विकास और आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा 20 प्रतिशत राशि पोर्टल की रिपोर्ट के आधार पर एनएसडीएल में जमा कराई जाती है। यह राशि सामान्यतः 6 महीने के बाद ही जमा होती है वर्तमान में 15 महीने से जमा नहीं की गई है।

अब हाईकोर्ट में याचिका

राज्य अध्यापक संघ के जिला शाखा मण्डला अध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में इस मामले को लेकर याचिका दायर कर दी है राज्य अध्यापक संघ ने याचिका में कहा है कि अध्यापक और शासन दोनों का 10-10 प्रतिशत अंशदान विभाग प्रतिमाह नियमित रूप से जमा करे और विलम्ब होने की स्थिति में अंशदायी पेंशन योजना में लागू ब्याज की दर से ब्याज सहित राशि जमा करे।
अब तक जमा की गई राशि में भी जो विलम्ब हुआ है उसका भी ब्याज जमा करे। संघ ने मामला न्यायालय में ले जाने से पूर्व शासन और विभाग को चेता दिया था। दायर याचिका में सचिव म.प्र.शासन स्कूल शिक्षा विभाग, सचिव मप्र.शासन वित्त विभाग,आयुक्त आदिवासी विकास, आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय,एन.एस.डी.एल. और कलेक्टर मण्डला को प्रतिवादी बनाया गया है।

कैसें हो रहा है नुकसान

उल्लेखनीय है कि एनएसडीएल में जमा अंशदान राशि का 85 प्रतिशत यूटीआई,एसबीआई लाइफ और एलआईसी को केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज दर से राशि उधार में दी जाती है और 15 प्रतिशत राशि शेयर बाजार में निवेश की जाति है। स्पष्ट है कि राशि जितने विलम्ब से जमा होगी अध्यापकों को उतना ही अधिक ब्याज का नुकसान होगा और शेयर बाजार में निवेश भी विलम्ब से होगा। यदि इसी प्रकार 12-15 महीने विलम्ब से अंशदान की राशि जमा होती रहेगी तो अध्यापकों को रिटायरमेंट में लाखों का नुकसान होगा और यह क्षति 40 प्रतिशत तक होगी।एरियर्स मिलने पर भी नुकसानसंघ ने अंशदायी पेंशन की राशि जमा होने में एक और गड़बड़ी उजागर की है अध्यापकों के पिछले माहों का वेतन एरियर्स जो कि  वेतन पुनरीक्षण डी.ए. में वृद्वि आदि के कारण बनता है उस राशि के अंशदान जमा का लाभ अध्यापकों को नहीं मिलता है क्योंकि अध्यापकों के वेतन देयक एज्यूकेशन पोर्टल से जनरेट होते हैं और पोर्टल पर एरियर्स देयक तैयार करने की कोई सुविधा नहीं है।

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Wednesday, May 4, 2016

राज्य अध्यापक संघ जिला शाखा मण्डला अध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने अशंदायी पेंशन को लेकर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की

मंडला। स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत अध्यापकों का 15 माह से और आजाकवि में कार्यरत अध्यापकों का 13 माह से अशंदायी पेंशन की अंशदान राशि NSDL में जमा नहीं हुई है। शिक्षा विभाग में जनवरी 2015 तक का और आजाक विभाग में मार्च 2015 तक का ही अंशदान जमा हुआ है जबकि अध्यापकों के खाते से प्रतिमाह अंशदान की राशि काटी गई है। 

विलम्ब से राशि जमा करने का मामला अभी का नहीं बल्कि जब से यह योजना लागू हुई है ऐसे ही विलम्ब से राशि जमा हुई है। इसके विपरीत राज्य शासन के कर्मचारियों को लागू इसी योजना का अंशदान कोषालय द्वारा दो दिन के अंदर जमा कर दिया जाता है यदि अधिकत्तम विलम्ब हुआ तो 15 दिन के अंदर हर हाल में राशि जमा हो जाती हैं। राज्य शासन के कर्मचारियों की कटौती कोषालय के द्वारा की जाती है जबकि अध्यापकों द्वारा कोषालय में वेतन की 90 प्रतिशत राशि के देयक लगाये जाते हैं नोडल अधिकारी आयुक्त आदिवासी विकास और आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा 20 प्रतिशत राशि पोर्टल की रिपोर्ट के आधार पर एनएसडीएल में जमा कराई जाती है। यह राशि सामान्यतः 6 महीने के बाद ही जमा होती है वर्तमान में 15 महीने से जमा नहीं की गई है।

अब हाईकोर्ट में याचिका

राज्य अध्यापक संघ के जिला शाखा मण्डला अध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में इस मामले को लेकर याचिका दायर कर दी है राज्य अध्यापक संघ ने याचिका में कहा है कि अध्यापक और शासन दोनों का 10-10 प्रतिशत अंशदान विभाग प्रतिमाह नियमित रूप से जमा करे और विलम्ब होने की स्थिति में अंशदायी पेंशन योजना में लागू ब्याज की दर से ब्याज सहित राशि जमा करे।
अब तक जमा की गई राशि में भी जो विलम्ब हुआ है उसका भी ब्याज जमा करे। संघ ने मामला न्यायालय में ले जाने से पूर्व शासन और विभाग को चेता दिया था। दायर याचिका में सचिव म.प्र.शासन स्कूल शिक्षा विभाग, सचिव मप्र.शासन वित्त विभाग,आयुक्त आदिवासी विकास, आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय,एन.एस.डी.एल. और कलेक्टर मण्डला को प्रतिवादी बनाया गया है।

कैसें हो रहा है नुकसान

उल्लेखनीय है कि एनएसडीएल में जमा अंशदान राशि का 85 प्रतिशत यूटीआई,एसबीआई लाइफ और एलआईसी को केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज दर से राशि उधार में दी जाती है और 15 प्रतिशत राशि शेयर बाजार में निवेश की जाति है। स्पष्ट है कि राशि जितने विलम्ब से जमा होगी अध्यापकों को उतना ही अधिक ब्याज का नुकसान होगा और शेयर बाजार में निवेश भी विलम्ब से होगा। यदि इसी प्रकार 12-15 महीने विलम्ब से अंशदान की राशि जमा होती रहेगी तो अध्यापकों को रिटायरमेंट में लाखों का नुकसान होगा और यह क्षति 40 प्रतिशत तक होगी।एरियर्स मिलने पर भी नुकसानसंघ ने अंशदायी पेंशन की राशि जमा होने में एक और गड़बड़ी उजागर की है अध्यापकों के पिछले माहों का वेतन एरियर्स जो कि  वेतन पुनरीक्षण डी.ए. में वृद्वि आदि के कारण बनता है उस राशि के अंशदान जमा का लाभ अध्यापकों को नहीं मिलता है क्योंकि अध्यापकों के वेतन देयक एज्यूकेशन पोर्टल से जनरेट होते हैं और पोर्टल पर एरियर्स देयक तैयार करने की कोई सुविधा नहीं है।

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