Thursday, December 29, 2016

अभी तो अंगड़ाई है ,अंतिम यही लड़ाई है-एच एन नरवरिया

साथियो,

अपील

जैसा की विदित हे अध्य्यापक संवर्ग अपनी मुलभुत समस्याओं को लेकर आंदोलित हे , और उसके हल के लिए समाधान ढूंढ रहा हे , उसका समाधान शिक्षा विभाग में संविलियंन को लेकर हे पर उसे जैसे तैसे दिशा मिलती हे  फिर दिशा हींन हो जाता हे । दोस्तों 2016 खत्म और 2017 शुरू हुआ हमारे सामने मात्र 2 बजट हे एक 2017 का और एक 2018 का 18 का बजट चुनावी होगा , थोड़ा थोड़ा सबको प्रसाद मिलेगा ,पर हमें 2017 के बजट के पहले ही हमला करना हे।

हम 18 वर्षो से पीड़ित अध्य्यापक संवर्ग नित नई समस्याओं से पीड़ित होता जा रहा हे कभी स्कूल को मर्ज करने, स्कूलों का निजीकरण होना आदि वो अलग बात हे की बीते वर्षो में इसका विरोध् हुआ तो कुछ हद तक रुका , पर फिर से सरकार और सरकार के समर्थक नये नाम से  कोई दूसरा प्रयोग करने लग जाते हे , उनका टारगेट करने का तरीका बदल जाता हे और हम समझ नहीँ पाते हे , जब समझ आता हे तब देर हो जाती हे, खैर इसकी लम्बी फेहरिश्त हे।

लेख लिखने का मेरा उद्देश्य सिर्फ  इतना हे की हम लोगो की समस्या अभी जस की तस हे , चाहे वेतनमान , अनुकम्पा नियुक्ति ट्रान्सफर पॉलिसी, बीमा, क्रमोन्नति में अगले पद का वेतन, सी सी एल, आदि आदि, इन सभी समस्याओं का हल मात्र शिक्षा विभाग में संविलियन हे इसके लिए संघर्ष समिति ने वर्ष 2017 को  "शिक्षा विभाग में संविलियन संकल्प  संघर्ष वर्ष"  के रूप में  तय किया हे , जिसके कार्यक्रम तय कर दिए गए हे दिंनाक  "5 जनवरी को शिक्षा विभाग में संकल्प रैली/ सभा " का आयोजन होगा और  "9 जनवरी को भोपाल में सारे प्रदेश के लोगो को भोपाल में बुलाकर संविलियन शिक्षा संकल्प रैली करेंगे" , हमे पता हे इस रैली को करने के लिए हमे परमिशन नहीँ मिलेगी लेकिन हम आंदोलन movement करेंगे , हम यह आंदोलन छुट्टी के दिन जान बूझ कर नहीँ किया हे क्योकि अब् बहुत हो चूका हे , हमारी वेतन कटे , निलंबन करे या बर्खाश्त करे उस से हम नहीँ डरेंगे ऐसी गीदड़ भभकियां शाषन की हम बहुत झेल चुके हे और अब् तो कोर्ट का सहारा भी ले चुके हे ये अब् कोई नई तरकीब सामने आ सकती हे उस से अभी से सावधान रहें ।

समस्या का जड़मूल से नाश ही हमारा अंतिम ध्येय और लक्ष्य हे । हमारे पास समय अल्प हे और लक्ष्य बड़ा हे सिर्फ  एक वर्ष बचा हे इसमें ही हमे बहुत कुछ करना हे साल का एक एक दिन हमे संघर्ष के नाम करना हे और संघर्ष में सफलता हमे एकता और अनुशाशन से ही मिलेगी , और हमे सबको संघ वाद भूल कर इसमें योगदान देना हे।

अंत में संघर्ष समिति अध्यपको से निवेदन करती हे जो कार्यक्रम समिति द्वारा तैयार किये हे उन्हें संघ भेद त्याग कर लड़ाई में तन मन धन से शामिल होकर संघर्ष को सफल बनायें ।
          
धन्यवाद
एच एन नरवरिया
आई टी / सोशल मीडिया सेल
अध्य्यापक संघर्ष समिति मप्र

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Thursday, December 29, 2016

अभी तो अंगड़ाई है ,अंतिम यही लड़ाई है-एच एन नरवरिया

साथियो,

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जैसा की विदित हे अध्य्यापक संवर्ग अपनी मुलभुत समस्याओं को लेकर आंदोलित हे , और उसके हल के लिए समाधान ढूंढ रहा हे , उसका समाधान शिक्षा विभाग में संविलियंन को लेकर हे पर उसे जैसे तैसे दिशा मिलती हे  फिर दिशा हींन हो जाता हे । दोस्तों 2016 खत्म और 2017 शुरू हुआ हमारे सामने मात्र 2 बजट हे एक 2017 का और एक 2018 का 18 का बजट चुनावी होगा , थोड़ा थोड़ा सबको प्रसाद मिलेगा ,पर हमें 2017 के बजट के पहले ही हमला करना हे।

हम 18 वर्षो से पीड़ित अध्य्यापक संवर्ग नित नई समस्याओं से पीड़ित होता जा रहा हे कभी स्कूल को मर्ज करने, स्कूलों का निजीकरण होना आदि वो अलग बात हे की बीते वर्षो में इसका विरोध् हुआ तो कुछ हद तक रुका , पर फिर से सरकार और सरकार के समर्थक नये नाम से  कोई दूसरा प्रयोग करने लग जाते हे , उनका टारगेट करने का तरीका बदल जाता हे और हम समझ नहीँ पाते हे , जब समझ आता हे तब देर हो जाती हे, खैर इसकी लम्बी फेहरिश्त हे।

लेख लिखने का मेरा उद्देश्य सिर्फ  इतना हे की हम लोगो की समस्या अभी जस की तस हे , चाहे वेतनमान , अनुकम्पा नियुक्ति ट्रान्सफर पॉलिसी, बीमा, क्रमोन्नति में अगले पद का वेतन, सी सी एल, आदि आदि, इन सभी समस्याओं का हल मात्र शिक्षा विभाग में संविलियन हे इसके लिए संघर्ष समिति ने वर्ष 2017 को  "शिक्षा विभाग में संविलियन संकल्प  संघर्ष वर्ष"  के रूप में  तय किया हे , जिसके कार्यक्रम तय कर दिए गए हे दिंनाक  "5 जनवरी को शिक्षा विभाग में संकल्प रैली/ सभा " का आयोजन होगा और  "9 जनवरी को भोपाल में सारे प्रदेश के लोगो को भोपाल में बुलाकर संविलियन शिक्षा संकल्प रैली करेंगे" , हमे पता हे इस रैली को करने के लिए हमे परमिशन नहीँ मिलेगी लेकिन हम आंदोलन movement करेंगे , हम यह आंदोलन छुट्टी के दिन जान बूझ कर नहीँ किया हे क्योकि अब् बहुत हो चूका हे , हमारी वेतन कटे , निलंबन करे या बर्खाश्त करे उस से हम नहीँ डरेंगे ऐसी गीदड़ भभकियां शाषन की हम बहुत झेल चुके हे और अब् तो कोर्ट का सहारा भी ले चुके हे ये अब् कोई नई तरकीब सामने आ सकती हे उस से अभी से सावधान रहें ।

समस्या का जड़मूल से नाश ही हमारा अंतिम ध्येय और लक्ष्य हे । हमारे पास समय अल्प हे और लक्ष्य बड़ा हे सिर्फ  एक वर्ष बचा हे इसमें ही हमे बहुत कुछ करना हे साल का एक एक दिन हमे संघर्ष के नाम करना हे और संघर्ष में सफलता हमे एकता और अनुशाशन से ही मिलेगी , और हमे सबको संघ वाद भूल कर इसमें योगदान देना हे।

अंत में संघर्ष समिति अध्यपको से निवेदन करती हे जो कार्यक्रम समिति द्वारा तैयार किये हे उन्हें संघ भेद त्याग कर लड़ाई में तन मन धन से शामिल होकर संघर्ष को सफल बनायें ।
          
धन्यवाद
एच एन नरवरिया
आई टी / सोशल मीडिया सेल
अध्य्यापक संघर्ष समिति मप्र

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