सम्माननीय
साथियों ,सादर वन्दे,
जनवरी माह आने वाला है ,इसके साथ ही हमारे वेतन से विभिन्न प्रकार की कर कटोतीयां भी प्रारम्भ होने लगेंगी, आप के मन में इस विषय को लेकर कई प्रश्न होगें उनका जवाब और अधिकतम जानकारी जुटाने का, का प्रयास किया है आप इसे अंतिम जानकारी न समझें
वृत्तिकर (राज्य सरकार का कर)
मध्यप्रदेश की सीमाओं के भीतर जिविकाउपार्जन करने के वाले प्रत्येक व्यक्ति पर लागु होता है ,जो निजी क्षेत्र,सार्वजनिक क्षेत्र ,निकायों ,सरकारी क्षेत्र,केन्द्रीय सरकार ,भारतीय रेल ,केंद्र सरकार के उपक्रम में वेतन या मजदूरी पर नियोजित हो अथवा स्वयं के व्यवसाय से आय अर्जित करता हो उस पर यह कर लागु होता है ।कृषि आय,बोनस ,पेंशन और उपादान (ग्रेज्युटी) को इस कर से मुक्त रखा गया है ।निशक्त कर्मचारियो को 2020 तक वृत्ति कर से मुक्त रखा गया है
वृत्तिकर की दर ( 1 अप्रैल 2013 से लागु )
आयकर (केन्द्रीयकर)
वेतन,पेंशन,मकान-संपत्ति से आय,व्यापर,केपिटल गेन ,अन्य स्त्रोत से आय को आयकर गणना में लिया जाताहै ,कृषि आय को छोड़कर ।
60 वर्ष तक के महिला/पुरषों के लिए वित्त वर्ष 2016-17 की आयकर स्लेब
जनवरी माह आने वाला है ,इसके साथ ही हमारे वेतन से विभिन्न प्रकार की कर कटोतीयां भी प्रारम्भ होने लगेंगी, आप के मन में इस विषय को लेकर कई प्रश्न होगें उनका जवाब और अधिकतम जानकारी जुटाने का, का प्रयास किया है आप इसे अंतिम जानकारी न समझें
वृत्तिकर (राज्य सरकार का कर)
मध्यप्रदेश की सीमाओं के भीतर जिविकाउपार्जन करने के वाले प्रत्येक व्यक्ति पर लागु होता है ,जो निजी क्षेत्र,सार्वजनिक क्षेत्र ,निकायों ,सरकारी क्षेत्र,केन्द्रीय सरकार ,भारतीय रेल ,केंद्र सरकार के उपक्रम में वेतन या मजदूरी पर नियोजित हो अथवा स्वयं के व्यवसाय से आय अर्जित करता हो उस पर यह कर लागु होता है ।कृषि आय,बोनस ,पेंशन और उपादान (ग्रेज्युटी) को इस कर से मुक्त रखा गया है ।निशक्त कर्मचारियो को 2020 तक वृत्ति कर से मुक्त रखा गया है
वृत्तिकर की दर ( 1 अप्रैल 2013 से लागु )
आय प्रतिवर्ष
|
कर की दर प्रतिवर्ष
|
रूपये 180000
तक
|
कुछ नहीं
|
रूपये 180001
से अधिक
|
रूपये 2500
प्रतिवर्ष
|
आयकर (केन्द्रीयकर)
वेतन,पेंशन,मकान-संपत्ति से आय,व्यापर,केपिटल गेन ,अन्य स्त्रोत से आय को आयकर गणना में लिया जाताहै ,कृषि आय को छोड़कर ।
60 वर्ष तक के महिला/पुरषों के लिए वित्त वर्ष 2016-17 की आयकर स्लेब
आय की सीमा
|
आयकर की दरें
|
शिक्षा+उच्चशिक्षा
उपकर
|
2,50,000 तक
|
निरंक
|
-
|
2,50,001 से
5,00,000 तक
|
10 प्रतिशत
|
करयोग्य राशी
का 3 प्रतिशत
|
5,00,001 से
10,00,000 तक
|
20 प्रतिशत
|
करयोग्य राशी
का 3 प्रतिशत
|
10,00,001 से
अधिक
|
30 प्रतिशत
|
करयोग्य राशी
का 3 प्रतिशत
|
5 लाख तक की आय पर टेक्स रिबेट 5000 रहेगी,उदहारण के लिए आप की आय 5 लाख रूपये है और आप की कुल कर योग्य राशी 25000 हुई तो आप को केवल 20000 रूपये ही आयकर के जमाँ करने होंगे इस पर 600 रूपये शिक्षा उपकर लगेगा । लेकिन इस प्रकार आयकर छुट सीमा के बाहर आयकर अधिनियम की धारा 80 और धारा 10 की उपधाराओं अंतर्गत विभिन्न उपायो का लाभ लेकर कर हम अपने आप को आय कर से बचा सकते हैं, जनकारी के लिए हमने 2 सारणी बनायीं है ,यह उपाय एक नागरिक का क़ानूनी अधिकार है सुरेशयादव@रतलाम https://adhyapkjagat.blogspot.in/ ब्लॉग और facebook.com/adhyapak.morcha फेसबुक पर फालो करें
धारा 80 की उपधाराएं
आय कर की धारा
|
कर मुक्त की गयी राशी
|
निवेश/व्यय/उपयोग
|
विशेष विवरण
|
80 C
|
1,50,000
|
जीवन बीमा ,यूलिप प्लान,सुकन्या, ,इ.एल.एस.एस, पीपीएफ, समान्य भविष्य निधि (कर्मचारी का अंशदान) ,राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (एन एस सी),पंचवर्षीय जमा खाता (FD) ,गृह ऋण वापसी (मूलधन),स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क,शिक्षण शुल्क भुगतान,डाकघर सावधि जमा खाता,इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड ,वरिष्ठ नागरिक बचत योजना
|
राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (एन एस सी),पंचवर्षीय जमा खाता (FD) से प्राप्त आय कर योग्य
होती है
|
80 CC
|
कोई सीमा नहीं
|
पेंशन प्लान अंतर्गत प्राप्त अन्युटी
राशी
|
जैसे
NPS में अंतिम भुगतान पर 40% राशी
|
80 CCC
|
कोई सीमा नहीं
|
सरकारी या निजी कंपनी की पेंशन योजना मे निवेश
|
80C
और 80 CC की छुट 1,50,000 से अधिक नहीं होना चहिये
|
80 CCD 1
|
1,00,000
|
राष्ट्रिय पेंशन योजना (NPS) अंतर्गत कर्मचारी का अंशदान
|
NPSअंतिम
भुगतान में 60% राशी करयोग्य है
|
80 CCD 2
|
1,00,000
|
राष्ट्रिय पेंशन योजना (NPS) अंतर्गत नियोक्ता का अंशदान
|
NPSअंतिम
भुगतान में 60% राशी करयोग्य है
|
80 CCD 1B
|
50,000
|
राष्ट्रिय पेंशन योजना (NPS) अंतर्गत कर्मचारी की स्वेच्छिक जमा राशी
|
यह जमा पूर्णतः स्वेच्छिक हैं
|
80 CCG
|
50% या
25,000 जो भी कम हो |
राजीव गांधी निवेश योजना अंतर्गत शेयर बाजार में निवेश करने पर
|
-
|
80 D
|
20,000
30,000 |
मेडिक्लेम पालिसी (स्वय,जीवन साथी,बच्चों की)
आश्रित मातापिता का मेडिक्लेम |
पति पत्नी दोनों आयकर
के दयारे में है तो लाभ एक को मिलेगा
|
80 DD
|
75,000 1,25,000 |
दिव्यांग आश्रित के इलाज या बिमा पालिसी का खर्च
40% से 80%तक विकलांग
80% से अधिक विकलांग
|
अधिकतम 1,25,000 खर्च
|
80 DDB
|
40,000 60,000 80,000 |
स्वयं या आश्रित के इलाज का खर्च
60 से कम आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक आयु वर्ग के लिए 80 से अधिक आयु वर्ग के लिए |
धारा 11DD अंतर्गत चिन्हित गंभीर बीमारियों पर खर्च लेकिन अधिकतम 80,000
खर्च
पति पत्नी दोनों आयकर के दयारे में है तो लाभ एक को मिलेगा |
80 E
|
कोई सीमा
नहीं
|
बच्चो और
जीवन साथी की उच्च शिक्षा हेतु लिए गए ऋण पर ब्याज की राशी कर मुक्त रहेगी
|
केवल 8
वर्ष तक के ब्याज को ऋण मुक्त रखा गया है
|
80 EE
|
2,50,000
|
1 अप्रैल
2016 के बाद पह्ली बार गृहस्वामी बनने पर,गृह ऋण की ब्याज राशी कर मुक्त
रहेगी
|
31 मार्च
2016 से पहले के गृहऋण के ब्याज पर छुट सीमा 2,00,000 थी
|
80 G
|
कोई सीमा
नहीं
|
राष्ट्रिय,धर्मिक
,परमार्थ एवं सामाजिक कार्य हेतु दान राशी 50% से 100% कर मुक्त
|
आयकर विभाग
में संस्थाओं की सूचि अनुसार
|
80 GG
|
60,000 या
वेतन का 25% जो भी कम हो
|
मकान
किराया
|
यदि वेतन
में गृह भाडा भत्ता नहीं मिलता है
|
80 GGB
|
कोई सीमा
नहीं
|
कंपनी
द्वारा राजनेतिक दल को दिया गया चंदा
|
नगद भुगतान
को छुट नहीं
|
80 GGC
|
कोई सीमा
नहीं
|
व्यक्ति
द्वारा राजनेतिक दल को दिया गया चंदा
|
नगद भुगतान
को छुट नहीं
|
80 RRB
|
3,00,000
|
पेटेंट और
प्रकाशन की रायल्टी कर मुक्त रहेगी
|
सरकारी
कर्मचारी होने पर विभागीय नियमो अनुसार ही लाभ मिलेगा
|
80 TTA 1
|
10,000
|
बचत खाते
का ब्याज
|
-
|
80 U
|
75,000 1,25,000 |
दिव्यांग
व्यक्ति को आयकर से छुट
बिमा ,मेडिक्लेम का व्यय भी 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग 80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग |
सम्पूर्ण
आय से घटाई जायेगी
|
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धारा 10 की उपधाराएं
धारा 10 की उपधाराएं
आयकर
की धारा
|
कर
मुक्त राशी
|
निवेश/व्यय/उपयोग
|
विशेष विवरण
|
10
(10)
|
कोई
सीमा नहीं
|
बिमा
का बोनस या क्लेम
|
80DD
अंतर्गत बिमा पालिसी लाभ ले लिया है तो लाभ नहीं मिलेगा
|
10
(10D)
|
बिमा
राशी का 20 % से अधिक नही
|
बिमा
में मनी बैक पालिसी में मिलने वाला पैसा
|
80
U अन्तरगत लाभ लेने पर लाभ नहीं मिलेगी
|
10
(13A)
|
गृह
भाडा भत्ता
|
गृह
भाडा भत्ता नहीं मिल रहा है ,तो 80GG अन्तर्गत किराए की राशी कर मुक्त रहेगी
|
स्वयं
के मकान में रह रहे हैं तो गृह भाडा भत्ता
कर योग्य होगा |
10
(14)
|
वेतन
के साथ विभिन्न भत्ते
|
वर्दी
भत्ता धुलाई भत्ता,यात्रा भत्ता ,वाहन भत्ता,परिवहन भत्ता,सहायक भत्ता,आदिवासी
क्षेत्र भत्ता,बालक शिक्षा भत्ता ,छात्रवास भत्ता ,भूमिगत भत्ता,विकलांग वाहन
भत्ता
|
यात्रा
एवं परिवहन भत्ता की अधिकतम सीमा 19,200 है
|
10
(15)
|
कोई
सीमा नहीं
|
रिलीफ
बांड और पोस्ट ऑफिस के बचत खाते का ब्याज
|
-
|
10
(16)
|
कोई
सीमा नहीं
|
बच्चो
को मिलने वाली छात्रवृत्ति
|
-
|
10
(23D)
|
कोई
सीमा नहीं
|
अधिसूचित
मुचुअल फंड से आय
|
-
|
10
(25)
|
कोई
सीमा नहीं
|
मान्यता
प्राप्त PPF,ग्रेज्युटी की आय
|
|
10
(32)
|
कोई
सीमा नहीं
|
अव्यस्क
बच्चो की 15,00 तक आय
|
15,00
से अधिक की आय माता या पिता की आय जिसकी
आय अधिक होगी से जोड़ी जायेगी ,
|
10
(38)
|
कोई
सीमा नहीं
|
शार्ट
टर्म (1 वर्ष से कम) और लॉग टर्म केपिटल गेन ( 1 वर्ष से अधिक ) इक्विटी मुचुअल
फंड ,शेयर बाजार में निवेश या किसी भी प्रकार के पूंजीगत निवेश में लाभ
|
शार्ट
टर्म (1 वर्ष से कम) केपिटल गेन पर लाभांश का 15 % कर योग्य है
|
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कर्मचारी
आयकर की गणना और जमा कैसे करें
आयकर की गणना विधि को समझने के लिए हम इसको चार चरणों में विभक्त कर सकते हैं ,
प्रथमचरण, में हम सकल आय (Gross Total Income) ज्ञात करें, इसमें सर्वप्रथम वेतन शीर्ष से आय ज्ञात करें ( वेतन में सभी प्रकार के कर योग्य भत्ते और वेतन जोड़े जायेंगे जैसे मूल वेतन ,संवर्ग वेतन ,महंगाई भत्ता,अंतरिम राहत ,नगर पुर्ती भत्ता ,नॉन प्रेक्टिस अलाउंस,ओवर टाइम भत्ता ,बोनस,मानदेय, टिफिनभत्ता ,प्रतिनियुक्ति भत्ता,नोकर भत्ता,पेंशन,जीवन निर्वाह भत्ता ,परियोजना भत्ता,चिकित्सभत्ता) जोड़े । साथ ही गृह सम्पत्ति से आय ,केपीटल गेन (पूंजी लाभ) अन्य स्त्रोतों से लाभ को भी जोड़ा जाए यह सकल आय हुई । सकल वेतन की गणना में करमुक्त भत्ते (धारा 10 (14) अनुसार) , 80 EE (गृह ऋण का ब्याज ) वृत्तिकर को भी सकल वेतन से कम किया जाएगा ।
आयकर की गणना विधि को समझने के लिए हम इसको चार चरणों में विभक्त कर सकते हैं ,
प्रथमचरण, में हम सकल आय (Gross Total Income) ज्ञात करें, इसमें सर्वप्रथम वेतन शीर्ष से आय ज्ञात करें ( वेतन में सभी प्रकार के कर योग्य भत्ते और वेतन जोड़े जायेंगे जैसे मूल वेतन ,संवर्ग वेतन ,महंगाई भत्ता,अंतरिम राहत ,नगर पुर्ती भत्ता ,नॉन प्रेक्टिस अलाउंस,ओवर टाइम भत्ता ,बोनस,मानदेय, टिफिनभत्ता ,प्रतिनियुक्ति भत्ता,नोकर भत्ता,पेंशन,जीवन निर्वाह भत्ता ,परियोजना भत्ता,चिकित्सभत्ता) जोड़े । साथ ही गृह सम्पत्ति से आय ,केपीटल गेन (पूंजी लाभ) अन्य स्त्रोतों से लाभ को भी जोड़ा जाए यह सकल आय हुई । सकल वेतन की गणना में करमुक्त भत्ते (धारा 10 (14) अनुसार) , 80 EE (गृह ऋण का ब्याज ) वृत्तिकर को भी सकल वेतन से कम किया जाएगा ।
दुसरे चरण में,कर योग्य कुल आय (Total
Income) की गणना करेंगे , कुल आय (Total Income) ज्ञात करने के लिए सकल
आय Gross
Total Income में से धारा 80 C,80D,80E,80U और उसकी उपधाराओं की कटौतियां खर्च या निवेश को कम
करेंगे (80 EE को छोड़कर) ।
तीसरे
चरण में, कुल आय पर कर (Tax Toatal Income) की गणना की जाती है,इसमे Total Income
ज्ञात कर के पर स्लेब अनुसार कर योग्य आय की गणना करते हैं । कुल आय यदि 5 लाख या कम है तो धारा 87A अनुसार 5,000 की टेक्स रिबेट मिलेगी ।
चौथे चरण में ,भुगतान योग्य आय कर (Tax Payable) की गणना अब हम स्लेब अनुसार आयकर राशी की गणना करेंगे , जैसे 10 प्रतिशत 20 प्रतिशत या 30 प्रतिशत जैसा भी लागु होगा ,ज्ञात करेंगे । उसके बाद उस कर योग्य राशी पर 3 प्रतिशत शिक्षा और उच्च शिक्षा उपकर जोड़ देंगे इस प्रकार (Net Tax Payeble) शुद्ध आयकर भूगतान योग्य राशी ज्ञात होगी ।
चौथे चरण में ,भुगतान योग्य आय कर (Tax Payable) की गणना अब हम स्लेब अनुसार आयकर राशी की गणना करेंगे , जैसे 10 प्रतिशत 20 प्रतिशत या 30 प्रतिशत जैसा भी लागु होगा ,ज्ञात करेंगे । उसके बाद उस कर योग्य राशी पर 3 प्रतिशत शिक्षा और उच्च शिक्षा उपकर जोड़ देंगे इस प्रकार (Net Tax Payeble) शुद्ध आयकर भूगतान योग्य राशी ज्ञात होगी ।
एरियर्स पर धारा 89
(i) अंतर्गत राहत की गणना :- कर्मचारियों को एरियर्स
(बकाया राशी) पिछले वर्षों का दिया जाता है ,जिसमे कर्मचारियों का कोई दोष नहीं होता
है । परन्तु इस कारण स्लेब में अंतर आने से कर्मचारी
को आयकर देना पड़ता है । इस लिए शासन ने
कर्मचारी को विकल्प दिया है की वह एरियर्स की गणना उस वर्ष की स्लेब अनुसार करवा
सकते हैं जिस वर्ष का एरियर्स उन्हें दिया गया है ।
आयकर अधिनियम
अंतर्गत कर्मचारियों के आयकर कटौती और जमा करने का दायित्व DDO का है।
सुरेशयादव@रतलाम https://adhyapkjagat.blogspot.in/ ब्लॉग और facebook.com/adhyapak.morcha फेसबुक पर फालो
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