Wednesday, November 9, 2016

एनसीईआरटी सिलेबस से प्रश्न-पत्र का प्रारूप भी बदलेगा

प्रदेश के स्कूलों में एनसीईआरटी सिलेबस लागू होने के बाद स्कूली शिक्षा में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। पाठ्यक्रम लागू होने पर पढ़ाई के साथ-साथ बोर्ड की परीक्षा पैटर्न में भी कुछ अंतर आ जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक एनसीईआरटी का सिलेबस एक्टिविटी बेस्ड है, जिससे बच्चों को सीखने में आसानी होती है।

स्कूल शिक्षा विभाग की पदेन सचिव दीप्ती गौड़ मुकर्जी के मुताबिक एनसीईआरटी का सिलेबस लागू होने के बाद बोर्ड की परीक्षा में प्रश्न-पत्र का पैटर्न चेंज होगा। प्रश्न-पत्र में वैकल्पिक प्रश्न भी शामिल किए जाएंगे। इसके साथ ही मौजूदा दौर में पूछे जाने वाले प्रश्नों की जगह अवधारणा पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे।

शिक्षकों की दी जाएगी ट्रेनिंग
नया सिलेबस 2017 से लागू होगा। इसके लिए शिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने एनसीईआरटी के भोपाल स्थित रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन से इस संबंध में बातचीत भी की है। जल्द ही पहली से सातवीं तक के शिक्षकों को यहां ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथ ही 9वीं से 12वीं के शिक्षकों को भी इसे लेकर ट्रेनिंग दी जाएगी।

16 करोड़ का बोझ
मप्र पाठ्य पुस्तक निगम अगले शिक्षण सत्र के लिए नई किताबें छापेगा। छपाई से सरकार पर 16 करोड़ स्र्पए का बोझ आएगा।

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Wednesday, November 9, 2016

एनसीईआरटी सिलेबस से प्रश्न-पत्र का प्रारूप भी बदलेगा

प्रदेश के स्कूलों में एनसीईआरटी सिलेबस लागू होने के बाद स्कूली शिक्षा में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। पाठ्यक्रम लागू होने पर पढ़ाई के साथ-साथ बोर्ड की परीक्षा पैटर्न में भी कुछ अंतर आ जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक एनसीईआरटी का सिलेबस एक्टिविटी बेस्ड है, जिससे बच्चों को सीखने में आसानी होती है।

स्कूल शिक्षा विभाग की पदेन सचिव दीप्ती गौड़ मुकर्जी के मुताबिक एनसीईआरटी का सिलेबस लागू होने के बाद बोर्ड की परीक्षा में प्रश्न-पत्र का पैटर्न चेंज होगा। प्रश्न-पत्र में वैकल्पिक प्रश्न भी शामिल किए जाएंगे। इसके साथ ही मौजूदा दौर में पूछे जाने वाले प्रश्नों की जगह अवधारणा पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे।

शिक्षकों की दी जाएगी ट्रेनिंग
नया सिलेबस 2017 से लागू होगा। इसके लिए शिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने एनसीईआरटी के भोपाल स्थित रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन से इस संबंध में बातचीत भी की है। जल्द ही पहली से सातवीं तक के शिक्षकों को यहां ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथ ही 9वीं से 12वीं के शिक्षकों को भी इसे लेकर ट्रेनिंग दी जाएगी।

16 करोड़ का बोझ
मप्र पाठ्य पुस्तक निगम अगले शिक्षण सत्र के लिए नई किताबें छापेगा। छपाई से सरकार पर 16 करोड़ स्र्पए का बोझ आएगा।

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