Saturday, November 5, 2016

अनुदान प्राप्त विद्यालयो में कार्यरत शिक्षाकर्मियों को अध्यापक संवर्ग में ,संविलियन और अध्य्यापक संवर्ग के समान वेतन मान प्रदान करने का आदेश

प्रदेश के अनुदान प्राप्त विद्यालयो में कार्यरत शिक्षाकर्मियों को अध्यापक संवर्ग में ,संविलियन और अध्य्यापक संवर्ग के समान वेतन मान प्रदान करने का आदेश जारी किया गया है । राज्य शासन ने यह आदेश ,उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में जारी किया है ।

 प्रकरण इस प्रकार था ," प्रदेश के अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयो में वर्ष 1998 से 1 अप्रैल 2000 तक 107 शिक्षा कर्मियों की नियुक्ति की गयी थी ।जिन्हें अभी तक अध्यापक भी नहीं बनाया गया था । जबलपुर निवासी रूपंजाली पिटर व अन्य ने वर्ष 2011 में उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर अध्यापक के समान वेतंन प्रदान करने की मांग की ,न्यायालय ने अध्यापक के समान वेतन और सुविधाएं प्रदान करने का आदेश दिया गया ।शासन ने उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ,में पुनरीक्षण याचिका दायर की परंतु वह खारिज कर दी गयी। अब  राज्य शासन ने इन 93 शिक्षाकर्मियों को अध्यापक संवर्ग के समान वेतन और सुविधाएँ प्रदान करने का आदेश जारी किया है । आदेश PDF में प्राप्त करने के लिए इन लिंक को ओपन करें

 इसी प्रकार गत वर्ष भी राज्य शासन ने कुछ निजी विद्यालयों (उक्त विद्यालय को शासकीय विद्यालय बनाया जा चूका था ) में कार्यरत शिक्षा कर्मियों और अन्य स्टाफ का शिक्षा विभाग में संविलियन कर शिक्षक और अन्य की भाँती वेतन और सुविधाएं प्रादन करने के आदेश जारी किये  थे ।इस प्रकरण का अध्ययन करने और समझने के लिए आप इस लिंक को ओपन कर के आदेश और लेख देख सकते हैं।



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Saturday, November 5, 2016

अनुदान प्राप्त विद्यालयो में कार्यरत शिक्षाकर्मियों को अध्यापक संवर्ग में ,संविलियन और अध्य्यापक संवर्ग के समान वेतन मान प्रदान करने का आदेश

प्रदेश के अनुदान प्राप्त विद्यालयो में कार्यरत शिक्षाकर्मियों को अध्यापक संवर्ग में ,संविलियन और अध्य्यापक संवर्ग के समान वेतन मान प्रदान करने का आदेश जारी किया गया है । राज्य शासन ने यह आदेश ,उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में जारी किया है ।

 प्रकरण इस प्रकार था ," प्रदेश के अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयो में वर्ष 1998 से 1 अप्रैल 2000 तक 107 शिक्षा कर्मियों की नियुक्ति की गयी थी ।जिन्हें अभी तक अध्यापक भी नहीं बनाया गया था । जबलपुर निवासी रूपंजाली पिटर व अन्य ने वर्ष 2011 में उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर अध्यापक के समान वेतंन प्रदान करने की मांग की ,न्यायालय ने अध्यापक के समान वेतन और सुविधाएं प्रदान करने का आदेश दिया गया ।शासन ने उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ,में पुनरीक्षण याचिका दायर की परंतु वह खारिज कर दी गयी। अब  राज्य शासन ने इन 93 शिक्षाकर्मियों को अध्यापक संवर्ग के समान वेतन और सुविधाएँ प्रदान करने का आदेश जारी किया है । आदेश PDF में प्राप्त करने के लिए इन लिंक को ओपन करें

 इसी प्रकार गत वर्ष भी राज्य शासन ने कुछ निजी विद्यालयों (उक्त विद्यालय को शासकीय विद्यालय बनाया जा चूका था ) में कार्यरत शिक्षा कर्मियों और अन्य स्टाफ का शिक्षा विभाग में संविलियन कर शिक्षक और अन्य की भाँती वेतन और सुविधाएं प्रादन करने के आदेश जारी किये  थे ।इस प्रकरण का अध्ययन करने और समझने के लिए आप इस लिंक को ओपन कर के आदेश और लेख देख सकते हैं।



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