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Friday, October 14, 2016
राष्ट्रीय स्तर पर समान पाठ्यक्रम होना आवश्यक है - विष्णु पाटीदार (खरगोन)
विष्णु पाटीदार - यदि सरकारी विद्यालयों में राष्ट्रीय स्तर पर समान पाठ्यक्रम लागू हो जाता है तो राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में सभी छात्र / छात्राओं को प्रतियोगिता का बराबर अवसर मिलेगा जैसे - नीट, जेईई, यूपीएससी आदि
अशासकीय शालाओं की मनमानी भी कम हो जायेगी तथा अशासकीय शालाओं से लोगों का मोह कम हो जायेगा, पाठ्यक्रम एक जैसा होगा तो पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता भी अधिक होगी
राज्य स्तर का पाठ्यक्रम सीबीएसई के पाठ्यक्रम की तुलना में सरल है साथ ही एम पी के पाठ्यक्रम की बात करें तो परीक्षा परिणाम को सुधारने के लिए राज्य सरकार ने पाठ्यक्रम को सरल बनाने के साथ साथ विद्यार्थीयों को कई प्रकार से सुविधाएं भी दी जा रही है जैसे 25 प्रतिशत वैकल्पिक प्रश्न देना, दो विषय में पूरक देना और अब हाईस्कूल स्तर पर बेस्ट आँफ फाईव लागू किया गया है एवं अगले वर्ष सामान्य गणित एवं उच्च गणित के चयन करने का विकल्प रहेगा इससे गणित में कमजोर विद्यार्थीयों को सुविधा रहेगी लेकिन ऐसे विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में पिछड़ जायेंगे ।लेखक स्वय अध्यापक हैं और यह उनकी निजी राय है "सरकारी विद्यालयों में राष्ट्रीय स्तर पर सामान पाठ्य क्रम होना क्यों आवश्यक है ? " विषय पर आप ने पक्ष में लिखा है आप के लेख को तृतीय स्थान पर चुना गया है।
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