दीपावली के इस पावन पर्व पर सबसे पहले तो सभी साथियों,को हार्दिक बधाई। आपके आने वाले दिन खुशियो से,भरपूर रहै।
अध्यापक संवर्ग की अभी तक की सबसे बडी कामयाबी 2016 और छठवॉ वेतनमान निश्चित रूप से सभी साथियों को एक बार फिर प्रदेश सरकार ने देर से ही सही पर उन सब कर्मचारियो के अनुपातिक लाकर खड़ा कर दिया जो कभी हमे बडी हेय दृष्टि और अकसर इस बात की याद दिलाते रहते थे कि यार इन्हे तो मिलता ही क्या है पर आज बराबर का ग्रेड और सम्मानजनक स्थिति जिसका पूरा श्रेय जाता है उस आम अध्यापक के संघर्ष को जो कभी भी कहीं भी अपने एक साथी की ऑवाज पर पहुच जाता रहा है। अक्टूबर माह शहडोल कॉल और चढ़ गये एक सीढी उपर।
. अब चल रहा है मुख्यमंत्री जी के स्वागत की बयार जहॉ अध्यापको का एक धड़ा चाहता है कि स्वागत हो बही दूसरे धडे का कहना है कि बिलकुल हो पर पहले बिना विसंगति एक माह का नया वेतन प्रदेश के समस्त अध्यापको के खाते मे डिलीवर हो और आम अध्यापको की ऑवॉज भी यही है क्योकि अभी सरकार ने जो दिया वह हमारी एकता और संख्याबल को मानकर दिया है न की घर बुलाकर दिया । पर अभी भी कुछ मूलभूत छोटी छोटी समस्याये है जो बिना आर्थिक लॉस के पूरी हो सकती है पर शासन की मंशा समझ से परे है जैसे स्थानांतरण,बीमा, स्थाई पेंशन, सी सी एल,और गृह भाड़ा भत्ता इसमें शायद कुछ सहमति स्थानांतरण पर बनी है जो एक नबंबर से ऑनलाईन शुरू हो रही है पर उसमे भी कुछ न कुछ लोचा अवश्य होगा क्योकि अभी तक उसका प्रारूप सामने नही है और एक नबंबर पास है खैर ।
अब सबसे बडी बात है जो कुछ विसंगति नये वेतनमान में है जिनके लिए हमारे साथियों,ने अपने प्रयास भी तेज किये है खासकर बरिष्ट अध्यापक की क्रमौन्नति पश्चात संवर्ग वेतन जो 4200 है की लिखित कार्यवाही अन्य जो छोटी मोटी कमी है वे दूर हो साथ ही स्थानीय लेखा संपरिक्षा विभाग से सेवा पुस्तिका का सत्यापन होना मतलब संकुल के बाबू को भी साधना होगा जिससे समय सीमा में कार्यवाही पूरी हो जिसके लिए सरकार शीघ्र हमारी जो नये वेतनमान मे कमी रह गई है पूर्ण करें।
इसी आशा के साथ एक बार पुन: आप सभी को दीपावली की शुभकामनाए।
. कुलदीप सिंह राजपूत, ग्वालियर।
(लेखक स्वय अध्यापक हैं , और यह उनके निजी विचार हैं )
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