Thursday, October 27, 2016

हम शिक्षाकर्मी और संविदा से बने 98 से 2003 तक नियुक्त अध्यापको की सेवा की गणना 2007 से क्यों कर रहे है ?-रिजवान खान

1 अंतरिम राहत का निर्धारण 2007 से सेवा की गणना करके किया गया है. वर्तमान आदेश 2013 के अंतरिम राहत आदेश के अनुक्रम में जारी किया गया है.

 2 वर्तमान गणना पत्रक में प्रथम स्टेप क्रमशः 7440 9300 और  10230 है जो की 01.01.2016 के बाद नियुक्त अध्यापको को मिलेगी. अब देखे की यह स्टेप कहां से आई है.
4000*1.86=7440
5000*1.86=9300
5500*1.86=10230
स्पष्ट है की यदि 01.01.16 के बाद नियुक्त अध्यापको की गणना पांचवे वेतन के न्यूनतम को आधार मान कर की गई है तो 2007 में संवर्ग गठन के समय नियुक्त स्मविलियित अध्यापको को भी पांचवे वेतन को आधार मानकर 01.04.2007 की स्तिथि में अपना प्रारम्भिक वेतन निर्धारित करके ही 2016 ने तत्स्थानि वेतन निर्धारित करना होगा अन्यथा यह छठे वेतन की मूल भावना से खिलवाड़ करना होगा.

 3 शासन के आदेशानुसार शिक्षाकर्मियों को अपनी सेवाओ में अध्यापक संवर्ग में निरन्तरता प्राप्त है. इसी निरन्तरता के फलस्वरूप पूर्व काल की सेवा का वेटेज तीन वर्ष की एक वेतन व्रद्धि प्रदान करके दिया गया है. अतः इस निरन्तरता के फलस्वरूप मिले आर्थिक लाभ को शून्य करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध होंगा.
          अन्य लीगल पॉइंट भी है जो समय आने पर वरिष्ठ अध्यापक साथियो द्वारा बता दिए जायेंगे. अध्यापक ने एक समय वेतन आवंटन के लिए भी जिला स्तर पर लड़ाई लड़ी है. हमारा कोई काम आसान होता ही नही है. अतः यह कार्य भी आसान नही होंगा..
कोई बात नही.....एक और सही......रिजवान खान 9424403151
(लेखक स्वय अध्यापक हैं , और यह उनके निजी विचार हैं )

1 comment:

  1. निवेदन है कि मेरी माताजी शासकीय उ.मा.विद्यालय में अध्यापक के पद पर कार्यरत थीं। सेवा में रहते हुए दिनांक 19.08.2010 को उनका स्वर्गवास हो गया था । उस समय मैं कक्षा 8 वीं (आयु 12 वर्ष) में अध्ययनरत थी। कक्षा 12 वीं उत्तीर्ण (आयु 18 वर्ष पूर्ण ) होने के पश्चात मेरे द्वारा पुनः आवेदन दिया गया था।
    परंतु कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी नरसिंहपुर द्वारा कोई कार्यवाही न किए जाने से सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की गई थी जिसमे एल1 अधिकारी द्वारा ” शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत के निराकरण में शासन के नियमानुसार अनुकंपा हेतु डी.एड.jरूरी है साथ ही व्यापम परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है ये दोनो योग्यता दीप्ती नेमा जी में नही होने के कारण अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नही है। अतः उक्त शिकायत को सी.एम.र्टल से विलोपित करने का कष्ट करें ।“ की टीप दी गई है।
    तत्संबंध में लेख है कि १२वीं ८८ः से पास करने के बाद मैं अभी डीएड द्वितीय वर्ष में पढ़ रही हूँ परंतु डीएड पास होने तक मेरी माँ के देहांत हुए सात वर्ष हो जाएंगें फिर अनुकम्पा की पात्रता नहीं होगी जबकि मेरी छोटी बहिन ६ वीं में पढ़ रही है जिसकी पूरी जबावदारी मेरे ऊपर है कृप्या उचित निराकरण कराकर मुझे अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान कराने का कष्ट करेंप्
    अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान कराने की महती कृपा करें।

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Thursday, October 27, 2016

हम शिक्षाकर्मी और संविदा से बने 98 से 2003 तक नियुक्त अध्यापको की सेवा की गणना 2007 से क्यों कर रहे है ?-रिजवान खान

1 अंतरिम राहत का निर्धारण 2007 से सेवा की गणना करके किया गया है. वर्तमान आदेश 2013 के अंतरिम राहत आदेश के अनुक्रम में जारी किया गया है.

 2 वर्तमान गणना पत्रक में प्रथम स्टेप क्रमशः 7440 9300 और  10230 है जो की 01.01.2016 के बाद नियुक्त अध्यापको को मिलेगी. अब देखे की यह स्टेप कहां से आई है.
4000*1.86=7440
5000*1.86=9300
5500*1.86=10230
स्पष्ट है की यदि 01.01.16 के बाद नियुक्त अध्यापको की गणना पांचवे वेतन के न्यूनतम को आधार मान कर की गई है तो 2007 में संवर्ग गठन के समय नियुक्त स्मविलियित अध्यापको को भी पांचवे वेतन को आधार मानकर 01.04.2007 की स्तिथि में अपना प्रारम्भिक वेतन निर्धारित करके ही 2016 ने तत्स्थानि वेतन निर्धारित करना होगा अन्यथा यह छठे वेतन की मूल भावना से खिलवाड़ करना होगा.

 3 शासन के आदेशानुसार शिक्षाकर्मियों को अपनी सेवाओ में अध्यापक संवर्ग में निरन्तरता प्राप्त है. इसी निरन्तरता के फलस्वरूप पूर्व काल की सेवा का वेटेज तीन वर्ष की एक वेतन व्रद्धि प्रदान करके दिया गया है. अतः इस निरन्तरता के फलस्वरूप मिले आर्थिक लाभ को शून्य करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध होंगा.
          अन्य लीगल पॉइंट भी है जो समय आने पर वरिष्ठ अध्यापक साथियो द्वारा बता दिए जायेंगे. अध्यापक ने एक समय वेतन आवंटन के लिए भी जिला स्तर पर लड़ाई लड़ी है. हमारा कोई काम आसान होता ही नही है. अतः यह कार्य भी आसान नही होंगा..
कोई बात नही.....एक और सही......रिजवान खान 9424403151
(लेखक स्वय अध्यापक हैं , और यह उनके निजी विचार हैं )

1 comment:

  1. निवेदन है कि मेरी माताजी शासकीय उ.मा.विद्यालय में अध्यापक के पद पर कार्यरत थीं। सेवा में रहते हुए दिनांक 19.08.2010 को उनका स्वर्गवास हो गया था । उस समय मैं कक्षा 8 वीं (आयु 12 वर्ष) में अध्ययनरत थी। कक्षा 12 वीं उत्तीर्ण (आयु 18 वर्ष पूर्ण ) होने के पश्चात मेरे द्वारा पुनः आवेदन दिया गया था।
    परंतु कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी नरसिंहपुर द्वारा कोई कार्यवाही न किए जाने से सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की गई थी जिसमे एल1 अधिकारी द्वारा ” शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत के निराकरण में शासन के नियमानुसार अनुकंपा हेतु डी.एड.jरूरी है साथ ही व्यापम परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है ये दोनो योग्यता दीप्ती नेमा जी में नही होने के कारण अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नही है। अतः उक्त शिकायत को सी.एम.र्टल से विलोपित करने का कष्ट करें ।“ की टीप दी गई है।
    तत्संबंध में लेख है कि १२वीं ८८ः से पास करने के बाद मैं अभी डीएड द्वितीय वर्ष में पढ़ रही हूँ परंतु डीएड पास होने तक मेरी माँ के देहांत हुए सात वर्ष हो जाएंगें फिर अनुकम्पा की पात्रता नहीं होगी जबकि मेरी छोटी बहिन ६ वीं में पढ़ रही है जिसकी पूरी जबावदारी मेरे ऊपर है कृप्या उचित निराकरण कराकर मुझे अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान कराने का कष्ट करेंप्
    अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान कराने की महती कृपा करें।

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