Tuesday, July 5, 2016

विभाग की नई व्यवस्था से शिक्षकों / अध्यापको को नहीं मिला वेतन

  विभाग की नई व्यवस्था से शिक्षकों / अध्यापको को नहीं मिला वेतन  - स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा- पारदर्शिता लाने के लिए की गई व्यवस्था

भोपाल - स्कूल शिक्षा विभाग की वेतन के लिए बनाई गई नई व्यवस्था सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को भारी पड़ रही है। इस कारण उन्हें अब तक जून का वेतन नहीं मिला है। वेतन मिलने में अभी एक सप्ताह और लग सकता है। ऐसे में उन्हें आगामी दिनों में आने वाले त्योहार व अन्य खर्चों को लेकर चिंता सताने लगी है। उधर, स्कूल शिक्षा विभाग नई व्यवस्था को सिस्टम में पारदर्शिता लाने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहा है।

दरअसल, विकास खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को वित्त से संबंधित काम सौंप दिया गया है। पहले प्राचार्य स्तर पर शिक्षकों को वेतन दिया जाता था। नई व्यवस्था लागू होने के बाद से प्रदेश के लाखों शिक्षक इससे प्रभावित हो रहे हैं। राजधानी के एक शिक्षक आरके गुप्ता का कहना है कि उनका वेतन महीने की 30 तारीख को खाते में आ जाता था, लेकिन इस बार नहीं आया। इसे लेकर प्राचार्यों और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर काटना पड़ रहे हैं। विभाग के अफसरों ने बताया कि जब स्कूलों के प्राचार्य वेतन और मानदेय का डाटा एजुकेशन पोर्टल पर उपलब्ध करवाएंगे, तब बिल जनरेट होंगे। इसके बाद प्राचार्य अपने हस्ताक्षर कर इसे विकास खंड शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करवाएंगे। इसके बाद शिक्षकों को वेतन मिलेगा।


यह हो रही दिक्कत

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि संकुल स्तर से जानकारी एकत्र की जा रही है। इसे पोर्टल पर चढ़ाया जाएगा, ताकि कर्मचारी के पद और वेतनमान की जानकारी मिल सके। हालांकि बीईओ कार्यालयों में पर्याप्त स्टाफ भी नहीं है। यह भी एक बड़ी समस्या है। इस वजह से कर्मचारियों का डाटाबेस तैयार करने में समय लग रहा है।

ये है नई व्यवस्था

सरकारी स्कूलों में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन-भत्ते, कार्यालयीन व्यय और विभागीय योजनाओं में जो भी खर्चा होगा, वह विकास खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से होगा। इसकी मॉनीटरिंग का दायित्व जिला शिक्षा अधिकारियों को सौंपा गया है। विकास खंड अधिकारी कार्यालय में अगर अतिरिक्त अमला, कम्प्यूटर आदि की जरूरत होगी तो इसके लिए उत्कृष्ट विद्यालयों, मॉडल स्कूल और संकुल शालाओं में उपलब्ध संसाधानों का उपयोग किया जा सकता हैं।

पेचीदगी बढ़ गई है

शिक्षकों को अब तक वेतन नहीं दिया गया है। नई व्यवस्था से पेचीदगी बढ़ गई हैं। ईद भी आने वाली है। वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों को दिक्कत हो रही है। इस व्यवस्था का कोई औचित्य नहीं है।
- अरविंद भूषण श्रीवास्तव, प्रदेश संयोजक, तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ शिक्षा समिति

जल्द मिल जाएगा वेतन

अभी तक वेतन न मिलने की शिकायत मेरे पास नहीं आई है। नई व्यवस्था पर काम चल रहा है। करीब 32 हजार शिक्षकों को वेतन मिल चुका है। बिल प्राप्त होने पर बचे हुए शिक्षकों को भी वेतन मिल जाएगा। 30 हजार शिक्षकों के बिल प्रक्रिया में हैं, जिन पर कार्रवाई चल रही है। सभी को जल्द वेतन मिल जाएगा।
नीरज दुबे, आयुक्त लोक शिक्षण
स्त्रोत नईदुनिया 


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Tuesday, July 5, 2016

विभाग की नई व्यवस्था से शिक्षकों / अध्यापको को नहीं मिला वेतन

  विभाग की नई व्यवस्था से शिक्षकों / अध्यापको को नहीं मिला वेतन  - स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा- पारदर्शिता लाने के लिए की गई व्यवस्था

भोपाल - स्कूल शिक्षा विभाग की वेतन के लिए बनाई गई नई व्यवस्था सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को भारी पड़ रही है। इस कारण उन्हें अब तक जून का वेतन नहीं मिला है। वेतन मिलने में अभी एक सप्ताह और लग सकता है। ऐसे में उन्हें आगामी दिनों में आने वाले त्योहार व अन्य खर्चों को लेकर चिंता सताने लगी है। उधर, स्कूल शिक्षा विभाग नई व्यवस्था को सिस्टम में पारदर्शिता लाने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहा है।

दरअसल, विकास खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को वित्त से संबंधित काम सौंप दिया गया है। पहले प्राचार्य स्तर पर शिक्षकों को वेतन दिया जाता था। नई व्यवस्था लागू होने के बाद से प्रदेश के लाखों शिक्षक इससे प्रभावित हो रहे हैं। राजधानी के एक शिक्षक आरके गुप्ता का कहना है कि उनका वेतन महीने की 30 तारीख को खाते में आ जाता था, लेकिन इस बार नहीं आया। इसे लेकर प्राचार्यों और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर काटना पड़ रहे हैं। विभाग के अफसरों ने बताया कि जब स्कूलों के प्राचार्य वेतन और मानदेय का डाटा एजुकेशन पोर्टल पर उपलब्ध करवाएंगे, तब बिल जनरेट होंगे। इसके बाद प्राचार्य अपने हस्ताक्षर कर इसे विकास खंड शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करवाएंगे। इसके बाद शिक्षकों को वेतन मिलेगा।


यह हो रही दिक्कत

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि संकुल स्तर से जानकारी एकत्र की जा रही है। इसे पोर्टल पर चढ़ाया जाएगा, ताकि कर्मचारी के पद और वेतनमान की जानकारी मिल सके। हालांकि बीईओ कार्यालयों में पर्याप्त स्टाफ भी नहीं है। यह भी एक बड़ी समस्या है। इस वजह से कर्मचारियों का डाटाबेस तैयार करने में समय लग रहा है।

ये है नई व्यवस्था

सरकारी स्कूलों में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन-भत्ते, कार्यालयीन व्यय और विभागीय योजनाओं में जो भी खर्चा होगा, वह विकास खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से होगा। इसकी मॉनीटरिंग का दायित्व जिला शिक्षा अधिकारियों को सौंपा गया है। विकास खंड अधिकारी कार्यालय में अगर अतिरिक्त अमला, कम्प्यूटर आदि की जरूरत होगी तो इसके लिए उत्कृष्ट विद्यालयों, मॉडल स्कूल और संकुल शालाओं में उपलब्ध संसाधानों का उपयोग किया जा सकता हैं।

पेचीदगी बढ़ गई है

शिक्षकों को अब तक वेतन नहीं दिया गया है। नई व्यवस्था से पेचीदगी बढ़ गई हैं। ईद भी आने वाली है। वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों को दिक्कत हो रही है। इस व्यवस्था का कोई औचित्य नहीं है।
- अरविंद भूषण श्रीवास्तव, प्रदेश संयोजक, तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ शिक्षा समिति

जल्द मिल जाएगा वेतन

अभी तक वेतन न मिलने की शिकायत मेरे पास नहीं आई है। नई व्यवस्था पर काम चल रहा है। करीब 32 हजार शिक्षकों को वेतन मिल चुका है। बिल प्राप्त होने पर बचे हुए शिक्षकों को भी वेतन मिल जाएगा। 30 हजार शिक्षकों के बिल प्रक्रिया में हैं, जिन पर कार्रवाई चल रही है। सभी को जल्द वेतन मिल जाएगा।
नीरज दुबे, आयुक्त लोक शिक्षण
स्त्रोत नईदुनिया 


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