Sunday, June 19, 2016

होंसलो की उडान - राशी राठौर देवास

राशी राठौर देवास - म.प्र. की बेटी अवनी चतुर्वेदी के साथ ही तीन भारतीय नारी ने भारतीय वायुसेना मै प्रथम महिला फाइटर पायलेट होने का गौरव प्राप्त कर इतिहास रच दिया है। बुलंद इरादे और कडी मेहनत ने एक बार फिर साबित कर दिया है की पंखो से कुछ नही होता होंसलो से उडान होती है। इन नारी शक्ति ने जनमानस को स्पष्ट संदेश दिया है की अब समय आ गया है जब उसे भी दोयम दर्जे का मानव ना मानते हुऐ, हर क्षेत्र मै बराबरी के अधिकार दिये जाये। अब से पहले वायुसेना मै सिर्फ पुरूष फाइटर पायलेट हुआ करते थे।सिर्फ पुरूषों के वर्चस्व वाले इस क्षैत्र मै नारी शक्ति ने अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज की है। इन महिला फाइटर ने वर्तमान समाज की नारी के प्रति मानसिकता को हसिये पर डालते हुऐ आने वाली पीढी के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। कई सामाजिक, पारिवारिक, दायरों मै बंधे होने के बाद भी शिक्षा, चिकित्सा, अभियान्त्रिकी, बैंकिंग, सेना, ही नही बल्कि हर उस क्षैत्र मै महिलाओं ने अद्भुत और अदम्य साहस दिखाया है जिसकी समाज कल्पना भी नही कर सकता।
        
 किन्तु यह देश की प्रतिभावान बेटियों का दुर्भाग्य ही है की नारी शक्ति इस अदम्य साहस का दमन समाज के कुछ अनैतिक तत्वो के द्वारा किया जा रहा है। प्रदेश की राजधानी भोपाल मै कालेज लेक्चरर शैलजा नामदेव के साथ हुई घटना सरकार के बेटी सुरक्षा के खोखले दावो का पोल खोलती है। समाज को इस दिशा मै प्रभावकारी कदम उठाते हुऐ बेटियों के साथ अपराध करने वाले इन जघन्य अपराधी का सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए।सरकार को चाहिए की बेटियों को आगे बढने के पुख्ता अवसर और सुरक्षा मुहैया कराये ताकी ताकी हर घर मै कोई अवनी चतुर्वेदी,  चंदाकोचर, कल्पना चांवला, किरन बेदी जन्म ले सके।

ऐसी विलक्षण प्रतिभा की धनी नारी शक्तियों को नमन है।

नॉट :- भारतीय वायुसेना मे  200 महिला पायलेट हैं ,लेकिन् लड़ाकू विमान उड़ाने की जिमेदारी पहली बार महिला पायलेट को सौंपी जाएगी। भारतीय सेना मे औऱ अर्धसैनिक  बलो मे भारत की बेटियां पहले से ही सैनिक से लेकर अफसर तक का दायित्व सम्हला रहीं है। 



   

No comments:

Post a Comment

Comments system

Sunday, June 19, 2016

होंसलो की उडान - राशी राठौर देवास

राशी राठौर देवास - म.प्र. की बेटी अवनी चतुर्वेदी के साथ ही तीन भारतीय नारी ने भारतीय वायुसेना मै प्रथम महिला फाइटर पायलेट होने का गौरव प्राप्त कर इतिहास रच दिया है। बुलंद इरादे और कडी मेहनत ने एक बार फिर साबित कर दिया है की पंखो से कुछ नही होता होंसलो से उडान होती है। इन नारी शक्ति ने जनमानस को स्पष्ट संदेश दिया है की अब समय आ गया है जब उसे भी दोयम दर्जे का मानव ना मानते हुऐ, हर क्षेत्र मै बराबरी के अधिकार दिये जाये। अब से पहले वायुसेना मै सिर्फ पुरूष फाइटर पायलेट हुआ करते थे।सिर्फ पुरूषों के वर्चस्व वाले इस क्षैत्र मै नारी शक्ति ने अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज की है। इन महिला फाइटर ने वर्तमान समाज की नारी के प्रति मानसिकता को हसिये पर डालते हुऐ आने वाली पीढी के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। कई सामाजिक, पारिवारिक, दायरों मै बंधे होने के बाद भी शिक्षा, चिकित्सा, अभियान्त्रिकी, बैंकिंग, सेना, ही नही बल्कि हर उस क्षैत्र मै महिलाओं ने अद्भुत और अदम्य साहस दिखाया है जिसकी समाज कल्पना भी नही कर सकता।
        
 किन्तु यह देश की प्रतिभावान बेटियों का दुर्भाग्य ही है की नारी शक्ति इस अदम्य साहस का दमन समाज के कुछ अनैतिक तत्वो के द्वारा किया जा रहा है। प्रदेश की राजधानी भोपाल मै कालेज लेक्चरर शैलजा नामदेव के साथ हुई घटना सरकार के बेटी सुरक्षा के खोखले दावो का पोल खोलती है। समाज को इस दिशा मै प्रभावकारी कदम उठाते हुऐ बेटियों के साथ अपराध करने वाले इन जघन्य अपराधी का सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए।सरकार को चाहिए की बेटियों को आगे बढने के पुख्ता अवसर और सुरक्षा मुहैया कराये ताकी ताकी हर घर मै कोई अवनी चतुर्वेदी,  चंदाकोचर, कल्पना चांवला, किरन बेदी जन्म ले सके।

ऐसी विलक्षण प्रतिभा की धनी नारी शक्तियों को नमन है।

नॉट :- भारतीय वायुसेना मे  200 महिला पायलेट हैं ,लेकिन् लड़ाकू विमान उड़ाने की जिमेदारी पहली बार महिला पायलेट को सौंपी जाएगी। भारतीय सेना मे औऱ अर्धसैनिक  बलो मे भारत की बेटियां पहले से ही सैनिक से लेकर अफसर तक का दायित्व सम्हला रहीं है। 



   

No comments:

Post a Comment