Tuesday, June 14, 2016

आर्थिक शोषण के 20 वर्ष दोषी कौन?- वारिस अली बागली

वारिस अली बागली-
(1).1जनवरी 1998 को जब प्रदेश के सभी कर्मचारियों को पांचवा वेतनमान दिया गया, तो उसी समय शिक्षा कर्मी भर्ती नियम 01-01-1998 के राजपत्र की अनुसूची एक में अधिकारीयों ने बीस साल पुराना वेतनमान,800,1000,1200 का उल्लेख कर दिया था जो नहीं सुधर सका।
(2).तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि पुर्ण होने पर एक भी रूपये का लाभ नहीं दिया गया, म.प्र.सिविल सेवा नियम के नियम 8 उप नियम 6 के अनुसार(अन्य शिक्षकों को देय लाभ की भांति) नियोक्ता द्वारा दी गईं परिवीक्षा काल की वेतन ब्रद्धियाँ वसूल ली गई।उच्च न्यायालय जबलपुर के निरण्य के विरुद्ध ये अधिकारी 20,30,एवं40 रूपये के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गए,वसूली कर माने।
(3).उक्त वेतनमान में समय समय पर स्वीकार्य मेंहगाई भत्ता सबके साथ नहीं बढ़ाया।
01जुलाई 98 से स्वीकृत 182%महंगाई भत्ता 27-11-2004  तक एक सा मिलता रहा।
(4).संविदा शिक्षकों का मानदेय10 वर्ष तक नहीं बढ़ सका।
(5).गुरुजियों को आज भी 5000 का मानदेय मिल रहा है।
(6).01अप्रैल 2007 को प्रचलित वेतनमान से प्रथक वेतनमान 3000,4000,5000 दिया गया,इसी तिथि को अन्य कर्मचारियों को देय 50%महंगाई भत्ता मर्ज का लाभ भी नहीं दिया गया।
(7).1सितंवर 2008 से कर्मचारियों एवं अध्यापकों को 20% अंतरिम राहत देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी,कर्मचारियों को 20%अंतरिम राहत देने के नाम से आदेश15सितम्बर2008 को जारी हुआ,लेकिन अध्यापक संवर्ग को19 सितंवर 2008 को जारी आदेश में अंतरिम राहत के स्थान पर"एक मुश्त"का उल्लेख कर,सभी के साथ वेतन पुनरीक्षर के लाभ से वंचित करने षड़यंत्र रचा गया,इस"एक मुश्त"शब्द को सुधरवाने के लाख प्रयास किये लेकिन नहीं सुधरा।
यदि ये एक मुश्त,शब्द सुधर जाता तो शायद 2008 में ही छंटवा वेतनमान मिल जाता।
(8).छँटवा वेतन न मिलने पर बड़े महंगाई भत्ते को 1.86 के गुणा से दिया जाता रहा,जो अक्टूबर 11 में घटाकर 1.62 कर दिया गया था।
(9).2010 में क्रमोन्नत वेतनमान पूर्व शिक्षाकर्मी कार्यकाल में जारी वरिष्ठ पद के वेतनमान को बदलकर बीच का दिया गया।
(10).फरवरी 2013 में नवीन संशोधित वेतनमान फिर प्रचलित वेतनमान से प्रथक दिया वो भी तीनो वर्गों को वेतनमान 4500-25000 और लाभ 2300,3000,और3500 1998,2001,हो या 2010 2013 का सभी को एक जैसा लाभ।
(11).सितंवर13 मेंअंतरिम राहत का विसंगति पुर्ण भुगतान आज तक नहीं सुधारा गया,इस सम्वन्ध में जब ज्ञापन देकर चर्चा की तो यही अधिकारी कहते थे कि 2017 में समायोजन होगा एरियर्स देंगे,और एरियर्स तो दूर वसूली कर रहे हैं।
(12).स्वयं के व्यय पर शिक्षक संवर्ग को तो वेतन व्रद्धि दी लेकिन न्यायालय के निरण्य बाद भी अध्यापकों को वेतन व्रद्धियाँ नहीं दी गई।
(13).ग्रीन कार्ड के लाभ में भी पेंच 16-06-2006 के पहले को लाभ नहीं,केवल अध्यापक अवधि में ग्रीन कार्ड अपनाने पर ही लाभ दिया गया
(14).यात्रा भत्ता दैनिक भत्ता चिकित्सा प्रतिपूर्ति भत्ता मकान भाड़ा भत्ता आदि आज तक नहीं दिया गया।
(15).अमानवीयता तो देखिये अनुग्रह राशि अन्य को 50 हजार और अध्यापक संवर्ग को 25 हजार दी जा रही है।2 वर्ष से अनेक प्रयास के वावजूद आज तक संशोधन नहीं हुआ।
       उक्त गाथा से आप संगठनों को भी दोषी ठहरा सकते हैं। संगठनों ने मांग खूब की लेकिन इन्हीं अधिकारीयों ने कभी सकारात्मक रुप नहीं दिखाया है।आर्थिक नुकसान बदस्तूर जारी है और
  ,क्या जारी रहेगा  ,सोचो
" शायद उनका आखिरी हो ये सितम
हर सितम ये सोचकर हम सह गए "
      उठो जागो और अपना अधिकार प्राप्त करो।
लेखक आजाद अध्यापक के प्रांतीय पदाधिकारी है और यह उनकी निजी राय है ।

6 comments:

  1. High varjstha adhayapako ki Bharti ke sath adhayapako ko bhi niyukti kare Akela varjstha adhayapak shikshakiya avam gair shikshakiya kaisa karega kyoki ek do v . adhayapak se kuch nahi hota.

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  2. Varjstha adhayapako ki high school me niyukti k sath kuch sudhar ho

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  3. Govt teacher ke liye M.ed ke liye degi me 50% ki badhyata. Thik nahi ya to ve entrance krwa le b.ed ke 50% rakh le ya post graduation me 55% rakh le, ye criteria uchit nahi usme Rhoda change ucha shiksha vibhag ko krna chahiye,jo sarkari naukary me he usme liye % ki badhyata nahi nahi he

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  4. Apne change to ko to kaise bhi entry de dete he m Ed ke niymo me shiksha mantry shithilta Bala nniyam nikale

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  5. Apne change to ko to kaise bhi entry de dete he m Ed ke niymo me shiksha mantry shithilta Bala nniyam nikale

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  6. Apne change to ko to kaise bhi entry de dete he m Ed ke niymo me shiksha mantry shithilta Bala nniyam nikale

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Tuesday, June 14, 2016

आर्थिक शोषण के 20 वर्ष दोषी कौन?- वारिस अली बागली

वारिस अली बागली-
(1).1जनवरी 1998 को जब प्रदेश के सभी कर्मचारियों को पांचवा वेतनमान दिया गया, तो उसी समय शिक्षा कर्मी भर्ती नियम 01-01-1998 के राजपत्र की अनुसूची एक में अधिकारीयों ने बीस साल पुराना वेतनमान,800,1000,1200 का उल्लेख कर दिया था जो नहीं सुधर सका।
(2).तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि पुर्ण होने पर एक भी रूपये का लाभ नहीं दिया गया, म.प्र.सिविल सेवा नियम के नियम 8 उप नियम 6 के अनुसार(अन्य शिक्षकों को देय लाभ की भांति) नियोक्ता द्वारा दी गईं परिवीक्षा काल की वेतन ब्रद्धियाँ वसूल ली गई।उच्च न्यायालय जबलपुर के निरण्य के विरुद्ध ये अधिकारी 20,30,एवं40 रूपये के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गए,वसूली कर माने।
(3).उक्त वेतनमान में समय समय पर स्वीकार्य मेंहगाई भत्ता सबके साथ नहीं बढ़ाया।
01जुलाई 98 से स्वीकृत 182%महंगाई भत्ता 27-11-2004  तक एक सा मिलता रहा।
(4).संविदा शिक्षकों का मानदेय10 वर्ष तक नहीं बढ़ सका।
(5).गुरुजियों को आज भी 5000 का मानदेय मिल रहा है।
(6).01अप्रैल 2007 को प्रचलित वेतनमान से प्रथक वेतनमान 3000,4000,5000 दिया गया,इसी तिथि को अन्य कर्मचारियों को देय 50%महंगाई भत्ता मर्ज का लाभ भी नहीं दिया गया।
(7).1सितंवर 2008 से कर्मचारियों एवं अध्यापकों को 20% अंतरिम राहत देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी,कर्मचारियों को 20%अंतरिम राहत देने के नाम से आदेश15सितम्बर2008 को जारी हुआ,लेकिन अध्यापक संवर्ग को19 सितंवर 2008 को जारी आदेश में अंतरिम राहत के स्थान पर"एक मुश्त"का उल्लेख कर,सभी के साथ वेतन पुनरीक्षर के लाभ से वंचित करने षड़यंत्र रचा गया,इस"एक मुश्त"शब्द को सुधरवाने के लाख प्रयास किये लेकिन नहीं सुधरा।
यदि ये एक मुश्त,शब्द सुधर जाता तो शायद 2008 में ही छंटवा वेतनमान मिल जाता।
(8).छँटवा वेतन न मिलने पर बड़े महंगाई भत्ते को 1.86 के गुणा से दिया जाता रहा,जो अक्टूबर 11 में घटाकर 1.62 कर दिया गया था।
(9).2010 में क्रमोन्नत वेतनमान पूर्व शिक्षाकर्मी कार्यकाल में जारी वरिष्ठ पद के वेतनमान को बदलकर बीच का दिया गया।
(10).फरवरी 2013 में नवीन संशोधित वेतनमान फिर प्रचलित वेतनमान से प्रथक दिया वो भी तीनो वर्गों को वेतनमान 4500-25000 और लाभ 2300,3000,और3500 1998,2001,हो या 2010 2013 का सभी को एक जैसा लाभ।
(11).सितंवर13 मेंअंतरिम राहत का विसंगति पुर्ण भुगतान आज तक नहीं सुधारा गया,इस सम्वन्ध में जब ज्ञापन देकर चर्चा की तो यही अधिकारी कहते थे कि 2017 में समायोजन होगा एरियर्स देंगे,और एरियर्स तो दूर वसूली कर रहे हैं।
(12).स्वयं के व्यय पर शिक्षक संवर्ग को तो वेतन व्रद्धि दी लेकिन न्यायालय के निरण्य बाद भी अध्यापकों को वेतन व्रद्धियाँ नहीं दी गई।
(13).ग्रीन कार्ड के लाभ में भी पेंच 16-06-2006 के पहले को लाभ नहीं,केवल अध्यापक अवधि में ग्रीन कार्ड अपनाने पर ही लाभ दिया गया
(14).यात्रा भत्ता दैनिक भत्ता चिकित्सा प्रतिपूर्ति भत्ता मकान भाड़ा भत्ता आदि आज तक नहीं दिया गया।
(15).अमानवीयता तो देखिये अनुग्रह राशि अन्य को 50 हजार और अध्यापक संवर्ग को 25 हजार दी जा रही है।2 वर्ष से अनेक प्रयास के वावजूद आज तक संशोधन नहीं हुआ।
       उक्त गाथा से आप संगठनों को भी दोषी ठहरा सकते हैं। संगठनों ने मांग खूब की लेकिन इन्हीं अधिकारीयों ने कभी सकारात्मक रुप नहीं दिखाया है।आर्थिक नुकसान बदस्तूर जारी है और
  ,क्या जारी रहेगा  ,सोचो
" शायद उनका आखिरी हो ये सितम
हर सितम ये सोचकर हम सह गए "
      उठो जागो और अपना अधिकार प्राप्त करो।
लेखक आजाद अध्यापक के प्रांतीय पदाधिकारी है और यह उनकी निजी राय है ।

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  1. High varjstha adhayapako ki Bharti ke sath adhayapako ko bhi niyukti kare Akela varjstha adhayapak shikshakiya avam gair shikshakiya kaisa karega kyoki ek do v . adhayapak se kuch nahi hota.

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  2. Varjstha adhayapako ki high school me niyukti k sath kuch sudhar ho

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  3. Govt teacher ke liye M.ed ke liye degi me 50% ki badhyata. Thik nahi ya to ve entrance krwa le b.ed ke 50% rakh le ya post graduation me 55% rakh le, ye criteria uchit nahi usme Rhoda change ucha shiksha vibhag ko krna chahiye,jo sarkari naukary me he usme liye % ki badhyata nahi nahi he

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  4. Apne change to ko to kaise bhi entry de dete he m Ed ke niymo me shiksha mantry shithilta Bala nniyam nikale

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  5. Apne change to ko to kaise bhi entry de dete he m Ed ke niymo me shiksha mantry shithilta Bala nniyam nikale

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  6. Apne change to ko to kaise bhi entry de dete he m Ed ke niymo me shiksha mantry shithilta Bala nniyam nikale

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