Sunday, May 1, 2016

नविन पेंशन प्रणाली, होते हुए भी खाली हाथ सेवानिवृत्त होते अध्यापक

दुखी करती तस्वीर
 


        मझोली जबलपुर में  प्राथमिक शाला हरदुआ की सहायक अध्यापक प्रेमवती सोनी  सेवानिवृत्त हो गई । विभागीय त्रुटि से आज तक प्रान नंबर जारी न होने से एक रु की भी कटौती नहीं हो पाई थी । संकुल रानीताल के अध्यापको ने प्रण किया कि मैडम को ख़ाली हाथ न जाने देंगे।
हमे  गर्व है अपने समस्त साथियों पर जिन्होंने अनुकरणीय उदाहरण प्रदेश के सामने रखा।
        परन्तु विभागीय त्रुटि से ज्यादा विभागीय अधिकारियों की लापरवाही ही कही जायेगी  विभाग के जिन लोगो कि  त्रुटी के कारण बिना सी. पी. एफ. के श्रीमती सोनी मैडम को सेवानिव्रत होना पडा उनके विरुध कार्यवाही के लिये एक डीईओ और जिलाधीश को ज्ञापन दिया जाना चाहिए और अध्यपको की नुमायनद्गी करने वाले स्थानीय नेताओं  को भी अपने कार्यो की समीक्षा करनी चाहिए  की उनके रहते कीसी अध्यापक को इस तरह से सेवानिव्रत होना पड़ रहा है ? आखिर 2011 से अब तक आज 60 माह का कटोत्रा और सरकार का अंशदान तो अवश्य मिलता ऐसे साथियो को। 

      वैसे हम सभी जानते है की ,की 1998 के भर्ती नियम में  पेंशन और बिमा के कोई नियम नहीं थे,और आज के समय सेवानिवृत्त होने वाले साथी तत्कालीन समय में  40 से 45 वर्ष की आयु के दौरान सेवा में आये होंगे। परन्तु हमे जब आज के समय में यह सुविधा मिलने लगी है उसका लाभ अवश्य लेवे  और पदाधिकारी अधिक से अधिक साथियो की सहायता करें। 

3 comments:

  1. करतूत तो सब आपकी ही जिन्होने अध्यापको को २०१३ में शिवराज के साथ सौदा किया तुलसी हाय गरीब की निष्फल कबहू न जाये

    ReplyDelete
    Replies
    1. पंडित जी सबसे बड़ी अदालत उपरवाले की है यदि गलत किया है वंहा जरूर न्याय होगा ,वैसे सोशयल मीडीया पर बात करने का सलिका सिख लेवे श्रीमान

      Delete

Comments system

Sunday, May 1, 2016

नविन पेंशन प्रणाली, होते हुए भी खाली हाथ सेवानिवृत्त होते अध्यापक

दुखी करती तस्वीर
 


        मझोली जबलपुर में  प्राथमिक शाला हरदुआ की सहायक अध्यापक प्रेमवती सोनी  सेवानिवृत्त हो गई । विभागीय त्रुटि से आज तक प्रान नंबर जारी न होने से एक रु की भी कटौती नहीं हो पाई थी । संकुल रानीताल के अध्यापको ने प्रण किया कि मैडम को ख़ाली हाथ न जाने देंगे।
हमे  गर्व है अपने समस्त साथियों पर जिन्होंने अनुकरणीय उदाहरण प्रदेश के सामने रखा।
        परन्तु विभागीय त्रुटि से ज्यादा विभागीय अधिकारियों की लापरवाही ही कही जायेगी  विभाग के जिन लोगो कि  त्रुटी के कारण बिना सी. पी. एफ. के श्रीमती सोनी मैडम को सेवानिव्रत होना पडा उनके विरुध कार्यवाही के लिये एक डीईओ और जिलाधीश को ज्ञापन दिया जाना चाहिए और अध्यपको की नुमायनद्गी करने वाले स्थानीय नेताओं  को भी अपने कार्यो की समीक्षा करनी चाहिए  की उनके रहते कीसी अध्यापक को इस तरह से सेवानिव्रत होना पड़ रहा है ? आखिर 2011 से अब तक आज 60 माह का कटोत्रा और सरकार का अंशदान तो अवश्य मिलता ऐसे साथियो को। 

      वैसे हम सभी जानते है की ,की 1998 के भर्ती नियम में  पेंशन और बिमा के कोई नियम नहीं थे,और आज के समय सेवानिवृत्त होने वाले साथी तत्कालीन समय में  40 से 45 वर्ष की आयु के दौरान सेवा में आये होंगे। परन्तु हमे जब आज के समय में यह सुविधा मिलने लगी है उसका लाभ अवश्य लेवे  और पदाधिकारी अधिक से अधिक साथियो की सहायता करें। 

3 comments:

  1. करतूत तो सब आपकी ही जिन्होने अध्यापको को २०१३ में शिवराज के साथ सौदा किया तुलसी हाय गरीब की निष्फल कबहू न जाये

    ReplyDelete
    Replies
    1. पंडित जी सबसे बड़ी अदालत उपरवाले की है यदि गलत किया है वंहा जरूर न्याय होगा ,वैसे सोशयल मीडीया पर बात करने का सलिका सिख लेवे श्रीमान

      Delete