Saturday, December 3, 2016

पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई में देरी से नाराज सपाक्स ने सरकार के खिलाफ संघर्ष का ऐलान किया

भोपाल पदोन्नति  में आरक्षण मामले में  कर्मचारियों  संगठन अजाक्स को झटका लगा है। संघ ने सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका लगाई थी, जो सुनवाई के दौरान शुक्रवार को खारिज हो गई, जबकि तीन अन्य याचिकाकर्ताओं को पहले से चल रही सुनवाई में शामिल होकर पक्ष रखने को कहा गया है। उधर,  कर्मचारियों संगठन सपाक्स ने इसे सुनवाई में पेंचबाजी मानते हुए सरकार के खिलाफ संघर्ष का ऐलान किया है। अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी।

स्पाक्स सरकार के खिलाफ मैदान में उतरेगा 

सपाक्स ने शुक्रवार को प्रांतीय कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाई, जिसमें सरकार के खिलाफ आंदोलन का निर्णय लिया है। संघ के प्रवक्ता शोएब सिद्दीकी ने बताया कि राज्य सरकार, अजाक्स और आरक्षित वर्ग के दो अन्य पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में व्यक्तिगत हैसियत से 4 याचिकाएं लगाई थीं। इनकी सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से वकील हरीश साल्वे, अजाक्स की ओर से वकील इंद्राजय सिंह और दो अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से वेणुगोपाल एवं सेवानिवृत्त न्यायाधीश संजय हेंगड़े ने दलील दी।

सुनवाई में देरी की रणनीति स्पाक्स  का आरोप 

आपात बैठक में सपाक्स ने बताया  कि सरकार और अजाक्स मामले की सुनवाई में देरी की मंशा से नई याचिकाएं लगवा रहे हैं। संगठन ने तय किया कि 7 दिसंबर की सुनवाई में अवरोध हुआ, तो सरकार के खिलाफ जनांदोलन शुरू किया जाएगा। इस दौरान प्रदेश की जनता को बताएंगे कि सरकार एक पक्ष का साथ दे रही है ।

वहीं एक सुनवाई पर वकीलों की फीस के रूप में 50 लाख से अधिक राशि खर्च कर रही है, जो जनता द्वारा दिए जा रहे टैक्स का दुरुपयोग है। फिजूलखर्ची के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। संगठन ने वकीलों से इस संबंध में लगने वाली नई याचिकाएं अस्वीकार करने का अनुरोध किया है। संगठन का तर्क है कि प्रकरण पहले से कोर्ट में चल रहा है।

जिलों में सौंपे जाएंगे ज्ञापन

 सरकार की गतिविधियों के खिलाफ प्रदेश और जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही कलेक्टर और विधायकों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे जाएंगे, जिनमें कहेंगे कि वे सामान्य वर्ग के भी मुख्यमंत्री हैं। बैठक के बाद संघ पदाधिकारियों ने खनिज मंत्री राजेन्द्र शुक्ल को ज्ञापन सौंपा और प्रकरण में जल्द सुनवाई का अनुरोध किया।
स्त्रोत नईदुनिया 



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Saturday, December 3, 2016

पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई में देरी से नाराज सपाक्स ने सरकार के खिलाफ संघर्ष का ऐलान किया

भोपाल पदोन्नति  में आरक्षण मामले में  कर्मचारियों  संगठन अजाक्स को झटका लगा है। संघ ने सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका लगाई थी, जो सुनवाई के दौरान शुक्रवार को खारिज हो गई, जबकि तीन अन्य याचिकाकर्ताओं को पहले से चल रही सुनवाई में शामिल होकर पक्ष रखने को कहा गया है। उधर,  कर्मचारियों संगठन सपाक्स ने इसे सुनवाई में पेंचबाजी मानते हुए सरकार के खिलाफ संघर्ष का ऐलान किया है। अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी।

स्पाक्स सरकार के खिलाफ मैदान में उतरेगा 

सपाक्स ने शुक्रवार को प्रांतीय कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाई, जिसमें सरकार के खिलाफ आंदोलन का निर्णय लिया है। संघ के प्रवक्ता शोएब सिद्दीकी ने बताया कि राज्य सरकार, अजाक्स और आरक्षित वर्ग के दो अन्य पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में व्यक्तिगत हैसियत से 4 याचिकाएं लगाई थीं। इनकी सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से वकील हरीश साल्वे, अजाक्स की ओर से वकील इंद्राजय सिंह और दो अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से वेणुगोपाल एवं सेवानिवृत्त न्यायाधीश संजय हेंगड़े ने दलील दी।

सुनवाई में देरी की रणनीति स्पाक्स  का आरोप 

आपात बैठक में सपाक्स ने बताया  कि सरकार और अजाक्स मामले की सुनवाई में देरी की मंशा से नई याचिकाएं लगवा रहे हैं। संगठन ने तय किया कि 7 दिसंबर की सुनवाई में अवरोध हुआ, तो सरकार के खिलाफ जनांदोलन शुरू किया जाएगा। इस दौरान प्रदेश की जनता को बताएंगे कि सरकार एक पक्ष का साथ दे रही है ।

वहीं एक सुनवाई पर वकीलों की फीस के रूप में 50 लाख से अधिक राशि खर्च कर रही है, जो जनता द्वारा दिए जा रहे टैक्स का दुरुपयोग है। फिजूलखर्ची के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। संगठन ने वकीलों से इस संबंध में लगने वाली नई याचिकाएं अस्वीकार करने का अनुरोध किया है। संगठन का तर्क है कि प्रकरण पहले से कोर्ट में चल रहा है।

जिलों में सौंपे जाएंगे ज्ञापन

 सरकार की गतिविधियों के खिलाफ प्रदेश और जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही कलेक्टर और विधायकों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे जाएंगे, जिनमें कहेंगे कि वे सामान्य वर्ग के भी मुख्यमंत्री हैं। बैठक के बाद संघ पदाधिकारियों ने खनिज मंत्री राजेन्द्र शुक्ल को ज्ञापन सौंपा और प्रकरण में जल्द सुनवाई का अनुरोध किया।
स्त्रोत नईदुनिया 



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