अध्यापक संघर्ष समिति के प्रांतीय आव्हान पर जिले के अध्यापकों ने भी छ्ठ्वे वेतनमान के विसंगतिपूर्ण आदेश की होली जलाकर शासन के प्रति आक्रोश व्यक्त किया और सरकार से गणना पत्रक में संशोधन की माँग की ।अध्यापक संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष डी के सिंगौर ने बताया कि अध्यापकों को छठवें वेतन मान का जारी गणना पत्रक बेहद भ्रामक और विसंगति युक्त है जिसमें वेतन निर्धारण का कोई स्पष्ट फॉर्मूला नहीँ दिया गया है अध्यापकों की वरिष्ठता के आधार पर भी वेतन का निर्धारण नहीँ हो रहा है सहायक अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक की टेबल 1.86 के गुणांकों के आधार पर बनाई गई है तो अध्यापकों की टेबल 3% वार्षिक वेतन वृद्धि के आधार पर बनाई गई है। वेतन निर्धारण के दो दो फॉर्मूले दिये गये है और दोनो ही वेतन निर्धारण की प्रक्रिया को पूर्ण नहीँ कराते है एक कंडिका के अनुसार दिसम्बर 2015 के विद्द्मान वेतनमान से गणना का नियम है लेकिन यह विद्द्मान वेतन टेबल में नहीँ है दूसरी कंडिका के अनुसार वेतन निर्धारण 2007 से सेवाकाल की गणना के आधार पर करने का नियम है इससे गणना करने पर 2007 से पहले नियुक्त अध्यापक का वेतन कम हो रहा है । गणना पत्रक में क्रमोन्न्ती प्राप्त अध्यापकों के वेतन निर्धारण को लेकर कोई भी नियम नहीँ है स्पष्ट निर्देशों के अभाव में प्राचार्य लेखापाल डी ई ओ स्थानीय निधि सम्प्रीक्षा सहित अध्यापक संगठन भी हैरान और परेशान है अध्यापकों का आक्रोश गणना पत्रक जलाने तक तब बढ़ गया जब डी पी आई द्वारा स्पष्ट मार्गदर्शन देने की बजाय डीडीओ द्वारा किये गये वेतन निर्धारण को गलत बताकर निरस्त कराने की कार्रवाई की जाने लगी । बता दें कि सरकार एक बार पहले ही अपने त्रुटि पूर्ण गणना पत्रक को निरस्त कर चुकी है लेकिन दूसरी बार भी सबक न लेते हुये उन्ही त्रुटियों के साथ गणना पत्रक जारी कर दिया गया बल्कि अलग अलग आधर पर टेबल तैयार करके नई विसंगतिया भी जोड़ दी ।अब अध्यापक संघर्ष समिति न केवल विसंगति रहित गणना पत्रक चाहती है अपितु बार बार विसंगति युक्त गणना पत्रक जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी चाहती है अध्यापक संघर्ष समिति चाहती है कि सभी टेबल 3% वार्षिक वृद्धि के साथ बनाई जाये, वेतन निर्धारण नियम में वरिष्ठता का पूरा लाभ दिया जाये, क्रमौन्न्त्त अध्यापक के लिये स्पष्ट गणना नियम हो, पदोन्नति प्राप्त अध्यापक के वेतन निर्धारण की विसंगति को दूर किया जाये ,क्रमौन्न्त वरिष्ठ अध्यापकों के वेतन निर्धारण की गणना 4200 ग्रेड पे वाली 10 नंबर टेबल से किया जाये,क्रमौन्न्त अध्यापकों के विद्द्मान वेतन की टेबल बनाते समय यह ध्यान रखा जाये कि वही वेतन शामिल किया जाये जो वेतनमान क्रमोन्न्ती में दिया गया है ।
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Friday, December 2, 2016
अध्यापकों को क्यों जलाना पढ़ रही है आदेश की होली ?- डी के सिंगौर
अध्यापक संघर्ष समिति के प्रांतीय आव्हान पर जिले के अध्यापकों ने भी छ्ठ्वे वेतनमान के विसंगतिपूर्ण आदेश की होली जलाकर शासन के प्रति आक्रोश व्यक्त किया और सरकार से गणना पत्रक में संशोधन की माँग की ।अध्यापक संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष डी के सिंगौर ने बताया कि अध्यापकों को छठवें वेतन मान का जारी गणना पत्रक बेहद भ्रामक और विसंगति युक्त है जिसमें वेतन निर्धारण का कोई स्पष्ट फॉर्मूला नहीँ दिया गया है अध्यापकों की वरिष्ठता के आधार पर भी वेतन का निर्धारण नहीँ हो रहा है सहायक अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक की टेबल 1.86 के गुणांकों के आधार पर बनाई गई है तो अध्यापकों की टेबल 3% वार्षिक वेतन वृद्धि के आधार पर बनाई गई है। वेतन निर्धारण के दो दो फॉर्मूले दिये गये है और दोनो ही वेतन निर्धारण की प्रक्रिया को पूर्ण नहीँ कराते है एक कंडिका के अनुसार दिसम्बर 2015 के विद्द्मान वेतनमान से गणना का नियम है लेकिन यह विद्द्मान वेतन टेबल में नहीँ है दूसरी कंडिका के अनुसार वेतन निर्धारण 2007 से सेवाकाल की गणना के आधार पर करने का नियम है इससे गणना करने पर 2007 से पहले नियुक्त अध्यापक का वेतन कम हो रहा है । गणना पत्रक में क्रमोन्न्ती प्राप्त अध्यापकों के वेतन निर्धारण को लेकर कोई भी नियम नहीँ है स्पष्ट निर्देशों के अभाव में प्राचार्य लेखापाल डी ई ओ स्थानीय निधि सम्प्रीक्षा सहित अध्यापक संगठन भी हैरान और परेशान है अध्यापकों का आक्रोश गणना पत्रक जलाने तक तब बढ़ गया जब डी पी आई द्वारा स्पष्ट मार्गदर्शन देने की बजाय डीडीओ द्वारा किये गये वेतन निर्धारण को गलत बताकर निरस्त कराने की कार्रवाई की जाने लगी । बता दें कि सरकार एक बार पहले ही अपने त्रुटि पूर्ण गणना पत्रक को निरस्त कर चुकी है लेकिन दूसरी बार भी सबक न लेते हुये उन्ही त्रुटियों के साथ गणना पत्रक जारी कर दिया गया बल्कि अलग अलग आधर पर टेबल तैयार करके नई विसंगतिया भी जोड़ दी ।अब अध्यापक संघर्ष समिति न केवल विसंगति रहित गणना पत्रक चाहती है अपितु बार बार विसंगति युक्त गणना पत्रक जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी चाहती है अध्यापक संघर्ष समिति चाहती है कि सभी टेबल 3% वार्षिक वृद्धि के साथ बनाई जाये, वेतन निर्धारण नियम में वरिष्ठता का पूरा लाभ दिया जाये, क्रमौन्न्त्त अध्यापक के लिये स्पष्ट गणना नियम हो, पदोन्नति प्राप्त अध्यापक के वेतन निर्धारण की विसंगति को दूर किया जाये ,क्रमौन्न्त वरिष्ठ अध्यापकों के वेतन निर्धारण की गणना 4200 ग्रेड पे वाली 10 नंबर टेबल से किया जाये,क्रमौन्न्त अध्यापकों के विद्द्मान वेतन की टेबल बनाते समय यह ध्यान रखा जाये कि वही वेतन शामिल किया जाये जो वेतनमान क्रमोन्न्ती में दिया गया है ।
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