Monday, November 28, 2016

विसंगती का निराकरण अब तक नहीं ज़िमेदार कौन ?-सियाराम पटेल

समस्त ज्येष्ठ श्रेष्ठ बुद्धीजीवी अपने आपको राष्ट्रनिर्माता या राष्ट्र का निर्माण करने वाले समस्त समूह के उन सभी नेतृत्वकर्ताओं व उनके सभी सहयोगियों को सादर वंदे।
हम कितना भी दम्भ भर लें कि मैंने ये करा दिया और वो दिया अपने समूह के लिए जिसका हम नेतृत्व कर रहे हैं, यदि समूह विशेष के लिए हमने सच्चे मन से लक्ष्य निर्धारित कर प्रयास किया है तो उस लक्ष्य विशेष के अनुरूप यदि परिणाम नही आये तो आज हम चुप क्यों और मूक दर्शक क्यों ?
शायद मेरी बात हो सकता है कुछ लोगों को पसंद न आये पर हम जिन लोगों के समर्थन के सहारे नेतृत्व करते यदि उनके भविष्य से जुड़े हुए किसी विशेष प्रयोजन को लेकर किये हुए संघर्ष का जब परिणाम आये और परिणाम भी ऐसा क़ि उस परिणाम का सही लाभ प्राप्त न हो उस स्थिति को में अर्थात सिक्स्थ पे अध्यापक संवर्ग का आर्डर 15 अक्टूबर 2016 को हुआ और उसके पालन को लेकर शासन द्वारा जारी टेबल के विरुद्ध जिला स्तर से वेतन तालिका जारी करने हेतु प्रयास करना पड़े और करा भी लें उसके बाद भी ऊहापोह की स्थिति निर्मित हो और शासन के आदेश का संपूर्ण प्रदेश में एकसमान पालन न होना या तो शासन की कार्यप्रणाली को दोषपूर्ण होना सिद्ध करता है या हमारे समस्त संघों के प्रान्त प्रमुख की कार्य प्रणाली को दोषपूर्ण सिद्ध करता है।
शासन द्वारा अध्यापक संवर्ग को प्रदत्त छटे वेतन की तालिका को जारी किये हुए डेढ़ माह हो गए और अभी भी संपूर्ण प्रदेश में समान रूप से वेतन फिक्सेशन नही हुआ तो इसके लिए जितना शासन दोषी उतना ही अध्यापक संवर्ग के समस्त संघों के प्रान्तीय अध्यक्ष भी उतने ही दोषी हैं क्योंकि किसी भी संघ विशेष के प्रांतीय नेतृत्व द्वारा डेढ़ माह की समयावधि उपरान्त भी आदेश के एकसमान वेतन फिक्सेशन में पालन न होने की स्थिति निर्मित होने पर भी कोई सकारात्मक प्रयास नही करना क्या प्रदर्शित करता है ?
आज अध्यापक संघर्ष समिति या किसी संघ विशेष के भरोषे प्रदेश के तीन लाख अध्यापक साथी के परिवार अपने भविष्य को लेकर आशान्वित है, पर जिस नेतृत्व के प्रति आज हम आशान्वित हैं और उसके द्वारा अपने संम्वर्ग के तीन लाख परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करने हेतु कोई भी पहल न किया जाना प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
जागो साथियों जागो...
जितना दोषी शासन कही उससे ज्यादा दोषी हमारे भविष्य के निर्माता हमारे नेतृत्वकर्त्ता प्रान्त प्रमुख ही तो नही।
आपका साथी- सियाराम पटेल,
नरसिंहपुर
 

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Monday, November 28, 2016

विसंगती का निराकरण अब तक नहीं ज़िमेदार कौन ?-सियाराम पटेल

समस्त ज्येष्ठ श्रेष्ठ बुद्धीजीवी अपने आपको राष्ट्रनिर्माता या राष्ट्र का निर्माण करने वाले समस्त समूह के उन सभी नेतृत्वकर्ताओं व उनके सभी सहयोगियों को सादर वंदे।
हम कितना भी दम्भ भर लें कि मैंने ये करा दिया और वो दिया अपने समूह के लिए जिसका हम नेतृत्व कर रहे हैं, यदि समूह विशेष के लिए हमने सच्चे मन से लक्ष्य निर्धारित कर प्रयास किया है तो उस लक्ष्य विशेष के अनुरूप यदि परिणाम नही आये तो आज हम चुप क्यों और मूक दर्शक क्यों ?
शायद मेरी बात हो सकता है कुछ लोगों को पसंद न आये पर हम जिन लोगों के समर्थन के सहारे नेतृत्व करते यदि उनके भविष्य से जुड़े हुए किसी विशेष प्रयोजन को लेकर किये हुए संघर्ष का जब परिणाम आये और परिणाम भी ऐसा क़ि उस परिणाम का सही लाभ प्राप्त न हो उस स्थिति को में अर्थात सिक्स्थ पे अध्यापक संवर्ग का आर्डर 15 अक्टूबर 2016 को हुआ और उसके पालन को लेकर शासन द्वारा जारी टेबल के विरुद्ध जिला स्तर से वेतन तालिका जारी करने हेतु प्रयास करना पड़े और करा भी लें उसके बाद भी ऊहापोह की स्थिति निर्मित हो और शासन के आदेश का संपूर्ण प्रदेश में एकसमान पालन न होना या तो शासन की कार्यप्रणाली को दोषपूर्ण होना सिद्ध करता है या हमारे समस्त संघों के प्रान्त प्रमुख की कार्य प्रणाली को दोषपूर्ण सिद्ध करता है।
शासन द्वारा अध्यापक संवर्ग को प्रदत्त छटे वेतन की तालिका को जारी किये हुए डेढ़ माह हो गए और अभी भी संपूर्ण प्रदेश में समान रूप से वेतन फिक्सेशन नही हुआ तो इसके लिए जितना शासन दोषी उतना ही अध्यापक संवर्ग के समस्त संघों के प्रान्तीय अध्यक्ष भी उतने ही दोषी हैं क्योंकि किसी भी संघ विशेष के प्रांतीय नेतृत्व द्वारा डेढ़ माह की समयावधि उपरान्त भी आदेश के एकसमान वेतन फिक्सेशन में पालन न होने की स्थिति निर्मित होने पर भी कोई सकारात्मक प्रयास नही करना क्या प्रदर्शित करता है ?
आज अध्यापक संघर्ष समिति या किसी संघ विशेष के भरोषे प्रदेश के तीन लाख अध्यापक साथी के परिवार अपने भविष्य को लेकर आशान्वित है, पर जिस नेतृत्व के प्रति आज हम आशान्वित हैं और उसके द्वारा अपने संम्वर्ग के तीन लाख परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करने हेतु कोई भी पहल न किया जाना प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
जागो साथियों जागो...
जितना दोषी शासन कही उससे ज्यादा दोषी हमारे भविष्य के निर्माता हमारे नेतृत्वकर्त्ता प्रान्त प्रमुख ही तो नही।
आपका साथी- सियाराम पटेल,
नरसिंहपुर
 

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