Friday, October 28, 2016

अतिशेष की स्थितयों से शालाओ को बचाओ अन्यथा,,,,,,? प्रशान्त दीक्षित खंडवा

प्रशान्त दीक्षित - खण्डवा सहित MP  के अनेक ज़िलों मे RTE  के नियमानुसार दर्ज संख्या के मान से शिक्षको की अधिक संख्या व उनका युक्ति युत करण हमारे भविष्य के दीर्घकालिक स्थिति को प्रभावित कर रहा है,,, इससे बचने बचाने के जो भी उपाय हो उन पर चिंतन आवश्यक है,,साथ ही उन पर कार्यवाही व क्रियान्वयन भी आवश्यक है अन्यथा की स्थिति अत्यंत भयावह प्रतित होती है,, कभी कभी तो इस बिंदु को लेकर नींद तक नही आती है।।अभी ब्लॉक व ज़िले के अंदर ही युक्तियुक्त करण हो रहा है, लेकिन सेटअप व्यवस्थित होने पर अन्य ज़िलों मे भी जाना पड़ सकता है,, अभी कुछ ज़िलों मे यह स्थिति हो चुकी है, जिसे युक्तियुत करने के लिए राज्य स्तर पर सूची बुलाई है,, सोचे, समझे,, आगे बढे,,, हमने संग़ठन स्तर के साथ मन्त्री जी को अनुरोध पूर्वक सुझाव दिया है कि  2 माध्यम की शिक्षा प्रणाली शासकीय शालाओ मे लागु की जाये,, (खण्डवा फार्मूला),,,इस पर माननीय शिक्षा मंत्री जी कु. विजय शाह जी ने भी अनोपचारिक सहमती व्यक्त की है।।मेरा सभी शिक्षको से अनुरोध है कि इस पर सभी विचार करें।।।जब हमारे पढ़ाये हुए बच्चे अंग्रेजी माध्यम स्कूल मे पढ़ा सकते है, तो हम क्यों नही,,, जिस प्रकार लगभग बैंक, बीमा,, रेलवे, पोस्ट, कोष,आयकर आदि राज्य व केंद्र के  विभाग कंप्यूटर युक्त हो गए है,एवम् इसमें काम करने वाले लोकसेवक चाहे युवा हो या सेवानिवृत्ति के करीब उन्हें काम करने के लिए अपने ज्ञान को समय के साथ अपडेट करना पड़ा,,क्या हम अपने आप को समाज की शैक्षिक आवश्यकताओं के अनुरूप अपडेट नही कर सकते,, यदि कर सकते है, तो उठो, जगो खुद को पहचानो,,, दीर्घकालिक सेवा के साथ 7th व 8 th वेतनमान के लिए भी आवश्यक है,और कोई बेहतर चिंतन हो वह भी स्वागत योग्य है,लेकिन सुझाव समाज की स्वतन्त्रता को बाधक न हो उनके सहयोग व विकास के लिए हो,,सोचे,, सोचे,,,, चिंतन करे ,,चिन्ता भी करे,,,,,,सादर,,,।।(लेखक स्वय अध्यापक  हैं और यह इनके निजी विचार हैं )

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Friday, October 28, 2016

अतिशेष की स्थितयों से शालाओ को बचाओ अन्यथा,,,,,,? प्रशान्त दीक्षित खंडवा

प्रशान्त दीक्षित - खण्डवा सहित MP  के अनेक ज़िलों मे RTE  के नियमानुसार दर्ज संख्या के मान से शिक्षको की अधिक संख्या व उनका युक्ति युत करण हमारे भविष्य के दीर्घकालिक स्थिति को प्रभावित कर रहा है,,, इससे बचने बचाने के जो भी उपाय हो उन पर चिंतन आवश्यक है,,साथ ही उन पर कार्यवाही व क्रियान्वयन भी आवश्यक है अन्यथा की स्थिति अत्यंत भयावह प्रतित होती है,, कभी कभी तो इस बिंदु को लेकर नींद तक नही आती है।।अभी ब्लॉक व ज़िले के अंदर ही युक्तियुक्त करण हो रहा है, लेकिन सेटअप व्यवस्थित होने पर अन्य ज़िलों मे भी जाना पड़ सकता है,, अभी कुछ ज़िलों मे यह स्थिति हो चुकी है, जिसे युक्तियुत करने के लिए राज्य स्तर पर सूची बुलाई है,, सोचे, समझे,, आगे बढे,,, हमने संग़ठन स्तर के साथ मन्त्री जी को अनुरोध पूर्वक सुझाव दिया है कि  2 माध्यम की शिक्षा प्रणाली शासकीय शालाओ मे लागु की जाये,, (खण्डवा फार्मूला),,,इस पर माननीय शिक्षा मंत्री जी कु. विजय शाह जी ने भी अनोपचारिक सहमती व्यक्त की है।।मेरा सभी शिक्षको से अनुरोध है कि इस पर सभी विचार करें।।।जब हमारे पढ़ाये हुए बच्चे अंग्रेजी माध्यम स्कूल मे पढ़ा सकते है, तो हम क्यों नही,,, जिस प्रकार लगभग बैंक, बीमा,, रेलवे, पोस्ट, कोष,आयकर आदि राज्य व केंद्र के  विभाग कंप्यूटर युक्त हो गए है,एवम् इसमें काम करने वाले लोकसेवक चाहे युवा हो या सेवानिवृत्ति के करीब उन्हें काम करने के लिए अपने ज्ञान को समय के साथ अपडेट करना पड़ा,,क्या हम अपने आप को समाज की शैक्षिक आवश्यकताओं के अनुरूप अपडेट नही कर सकते,, यदि कर सकते है, तो उठो, जगो खुद को पहचानो,,, दीर्घकालिक सेवा के साथ 7th व 8 th वेतनमान के लिए भी आवश्यक है,और कोई बेहतर चिंतन हो वह भी स्वागत योग्य है,लेकिन सुझाव समाज की स्वतन्त्रता को बाधक न हो उनके सहयोग व विकास के लिए हो,,सोचे,, सोचे,,,, चिंतन करे ,,चिन्ता भी करे,,,,,,सादर,,,।।(लेखक स्वय अध्यापक  हैं और यह इनके निजी विचार हैं )

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