मंडला - शुक्रवार को राज्य अध्यापक संघ के पदाधिकारी जिला शाखा अध्यक्ष डी.के.सिंगौर की अगुवाई में कलेक्टर मण्डला श्रीमति प्रीति मैथिल से मुलाकात की और बताया कि लापरवाह शिक्षकों की शिकायत आम जनता द्वारा आपके दूरभाष में करने के प्रावधान के चलते बिना जांच के और बिना दोष सिद्ध हुये ही शिक्षकों के नाम समाचार पत्र और सोशल मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित किये जा रहे हैं जो कि अनुचित है।
राज्य अध्यापक संघ को प्रशासन के इस निर्णय से आपत्ति नहीं है, लेकिन जब तक जांच न हो और दोष सिद्ध न हो शिक्षक अध्यापक का नाम समाचार पत्रों में प्रकाशित नहीं होना चाहिये क्योंकि कई मामलों में शिक्षक निर्दोष भी रहते हैं। आपसी रंजिश, द्वैषता और अनुचित लाभ नहीं मिलने आदि के कारण भी लोगों के द्वारा शिक्षकों की शिकायत कर दी जाती है। सोशल मीडिया के चलते भी निर्दोष शिक्षक का बहुत ज्यादा दुष्प्रचार हो जाता है।
कलेक्टर को अवगत कराया गया कि नैझर में पदस्थ अध्यापक चरण लाल झारिया के मामले में ऐसा ही हुआ है अतिथि शिक्षक नहीं रखे जाने पर ग्राम के व्यक्ति द्वारा झूठी शिकायत की गई और उसका नाम समाचार पत्रों और फेसबुक में समाचार प्रसारित किया गया। कलेक्टर ने संघ के तर्क से सहमत होते हुये कहा कि पहले तो समाचार पत्र और सोशल मीडिया में नाम देने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है और यदि ऐसा हुआ है तो अब बिना जांच और दोष सिद्व हुये नाम प्रचारित नहीं किया जायेगा।
संघ ने फ्लेक्स में महिला शिक्षिकाओं के मोबाइल नम्बर न लिखे जाने केे आग्रह को अस्वीकार कर दिया। संघ ने मण्डला में बच्चों को यूनिफार्म वितरण का मुद्दा भी उठाया। कलेक्टर ने वितरित की जाने वाली यूनिफार्म का सेम्पल मंगाया है। कलेक्टर ने अध्यापकों से कई मुद्दो पर चर्चा की और बच्चों की पढ़ाई की ओर जोर देने हेतु निर्देशित किया। प्रतिनिधि मण्डल में डी.के.सिंगौर,राकेश चौरसिया, प्रकाश सिंगौर, सुनील नामदेव,राजकुमार रजक,मंशाराम झारिया, चंद्रशेखर तिवारी लखन शुक्ला,बंसंत मिश्रा,श्याम सिंगरौरे,मोनू विश्वकर्मा,हरिलाल वरकडे़,ओमकार सिंह थे।
राज्य अध्यापक संघ को प्रशासन के इस निर्णय से आपत्ति नहीं है, लेकिन जब तक जांच न हो और दोष सिद्ध न हो शिक्षक अध्यापक का नाम समाचार पत्रों में प्रकाशित नहीं होना चाहिये क्योंकि कई मामलों में शिक्षक निर्दोष भी रहते हैं। आपसी रंजिश, द्वैषता और अनुचित लाभ नहीं मिलने आदि के कारण भी लोगों के द्वारा शिक्षकों की शिकायत कर दी जाती है। सोशल मीडिया के चलते भी निर्दोष शिक्षक का बहुत ज्यादा दुष्प्रचार हो जाता है।
कलेक्टर को अवगत कराया गया कि नैझर में पदस्थ अध्यापक चरण लाल झारिया के मामले में ऐसा ही हुआ है अतिथि शिक्षक नहीं रखे जाने पर ग्राम के व्यक्ति द्वारा झूठी शिकायत की गई और उसका नाम समाचार पत्रों और फेसबुक में समाचार प्रसारित किया गया। कलेक्टर ने संघ के तर्क से सहमत होते हुये कहा कि पहले तो समाचार पत्र और सोशल मीडिया में नाम देने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है और यदि ऐसा हुआ है तो अब बिना जांच और दोष सिद्व हुये नाम प्रचारित नहीं किया जायेगा।
संघ ने फ्लेक्स में महिला शिक्षिकाओं के मोबाइल नम्बर न लिखे जाने केे आग्रह को अस्वीकार कर दिया। संघ ने मण्डला में बच्चों को यूनिफार्म वितरण का मुद्दा भी उठाया। कलेक्टर ने वितरित की जाने वाली यूनिफार्म का सेम्पल मंगाया है। कलेक्टर ने अध्यापकों से कई मुद्दो पर चर्चा की और बच्चों की पढ़ाई की ओर जोर देने हेतु निर्देशित किया। प्रतिनिधि मण्डल में डी.के.सिंगौर,राकेश चौरसिया, प्रकाश सिंगौर, सुनील नामदेव,राजकुमार रजक,मंशाराम झारिया, चंद्रशेखर तिवारी लखन शुक्ला,बंसंत मिश्रा,श्याम सिंगरौरे,मोनू विश्वकर्मा,हरिलाल वरकडे़,ओमकार सिंह थे।
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