Thursday, July 7, 2016

अभी मैं केजी का बच्चा हूं... चार दिन पहले ही मंत्री बना हूं...सीख रहा हूं... धीरे-धीरे सबको ठीक कर दूंगा -विजय शाह

इंदौर अभी मैं केजी का बच्चा हूं... चार दिन पहले ही मंत्री बना हूं...सीख रहा हूं... धीरे-धीरे सबको ठीक कर दूंगा।


- स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने शिक्षा विभाग के अफसरों की क्लास ली

- ई-अटेंडेंस पर बोले- जो पालन नहीं कर रहा, पहले उन्हें गुलाब दें, यह भी बताएं कि उसमें कांटे भी होते हैं

- प्रदेश में शिक्षा के अधिकार के तहत अब स्कूलों में 12 जुलाई तक होंगे प्रवेश



यह कहना था चार दिन पहले खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री से स्कूल शिक्षा मंत्री बने विजय शाह का। वे बुधवार को शिक्षा विभाग की बैठक लेने इंदौर आए थे।
उन्होंने ई-अटेंडेंस की समीक्षा करते हुआ जिला शिक्षा अधिकारी से कहा कि इस योजना को प्रदेश में अनिवार्य किया है, जो शिक्षक इसका पालन नहीं कर रहे, पहले उन्हें गुलाब के फूल दें। वे 31 जुलाई तक उसकी खुशबू लें। इसके बाद याद रखें कि फूल के नीचे कांटे भी होते हैं। पालन नहीं करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। शिक्षकों को अगर कोई दिक्कत आ रही है तो वे मुझे और अधिकारियों को बताएं कि क्या समस्या है। विभाग उन्हें ट्रेनिंग देगा। जहां मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं है, उन जगहों को बताएं। समस्याओं को तत्काल हल किया जाएगा।

मंत्री ने प्रदेशभर में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में होने वाले ऑनलाइन और ऑफ लाइन एडमिशन की तारीख को भी 12 जुलाई कर दी है।

बैठक में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण इंदौर संभाग ओएल मंडलोई, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक नरेंद्र जैन, जिला परियोजना समन्वयक अक्षय सिंह राठौर, उत्कृष्ट स्कूल व मॉडल स्कूल के प्राचार्य सहित अन्य मौजूद थे।

मेयर बोलीं- डीईओ साहब मैं आपसे बात कर रही हूं....बैठक पर ध्यान दीजिए
बैठक में महापौर मालिनी गाड भी थीं। उन्होंने जब डीईओ डॉ. अनुराग जायसवाल से कुछ कहा तो उनका ध्यान कहीं और था। इस पर महापौर ने नाराजगी जताते हुए कहा- डीईओ साहब मैं आपसे बात कर रही हूं... बैठक में ध्यान दीजिए। मैं खुद महापौर और विधायक हूं। कई बार डीईओ को फोन करते हैं तो वे फोन नहीं उठाते। उन्होंने मंत्री से कहा कि शहर के कई स्कूलों में अभी प्राचार्य की नियुक्ति नहीं हुई है। कुछ हाई स्कूलों को हायर सेकंडरी किया जाए। महापौर ने शिक्षा विभाग का निगम से संबंधित कोई भी काम हो तो उन्हें बताने को कहा।
फोन लगाकर पूछो कलेक्टर से उन्होंने मना किया क्या

बैठक में शाह ने सभी विकासखंड स्रोत समन्वयक (बीआरसी) से पूछा कि कितने दिन ग्रामीण क्षेत्रों में जाते हो। वहां रात में रुकते हो? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि रोज चार से पांच स्कूलों का निरीक्षण करते हैं। कलेक्टर और कमिश्नर साहब दौरे पर जाते हैं तो रात में भी रुकते हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि फोन लगाकर कलेक्टर से पूछते हैं कि क्या उन्होंने कहा है कि जब उनका दौरा हो, तभी रात में रुको। उन्होंने डीईओ को निर्देश दिए की सभी बीआरसी की डायरी को चेक की जाएं कि वे रोज कितने स्कूलों का निरीक्षण करते हैं, कितने दिन, रात में रुकते हैं। इसकी जानकारी विभाग को भी दें।


ये निर्देश भी दिए

- मंत्री ने जेडी और डीईओ को फटकार लगाते हुए कहा कि जिन स्कूलों के परीक्षा परिणाम कम आए, उनके प्राचार्यों को नोटिस अब तक क्यों नहीं दिए गए। उन्हें नोटिस दिए जाएं।

- प्राचार्य और हेड मास्टर रोज विभाग के अफसरों को एमएमएस कर जानकारी दें कि स्कूल में क्या हुआ। वहां की स्थिति कैसी है।

- सभी बच्चों के आधार कार्ड, बैंक में खाता और छात्रवृत्ति वितरण का काम 1 नवंबर तक पूरा किया जाए।

- ब्लॉक स्तर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था की जाए। हर सप्ताह वीसी ली जाएगी।

- आरटीई में प्रवेश की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। स्कूल चले हम अभियान को प्राथमिकता से लें।


साभार नईदुनिया 


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Thursday, July 7, 2016

अभी मैं केजी का बच्चा हूं... चार दिन पहले ही मंत्री बना हूं...सीख रहा हूं... धीरे-धीरे सबको ठीक कर दूंगा -विजय शाह

इंदौर अभी मैं केजी का बच्चा हूं... चार दिन पहले ही मंत्री बना हूं...सीख रहा हूं... धीरे-धीरे सबको ठीक कर दूंगा।


- स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने शिक्षा विभाग के अफसरों की क्लास ली

- ई-अटेंडेंस पर बोले- जो पालन नहीं कर रहा, पहले उन्हें गुलाब दें, यह भी बताएं कि उसमें कांटे भी होते हैं

- प्रदेश में शिक्षा के अधिकार के तहत अब स्कूलों में 12 जुलाई तक होंगे प्रवेश



यह कहना था चार दिन पहले खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री से स्कूल शिक्षा मंत्री बने विजय शाह का। वे बुधवार को शिक्षा विभाग की बैठक लेने इंदौर आए थे।
उन्होंने ई-अटेंडेंस की समीक्षा करते हुआ जिला शिक्षा अधिकारी से कहा कि इस योजना को प्रदेश में अनिवार्य किया है, जो शिक्षक इसका पालन नहीं कर रहे, पहले उन्हें गुलाब के फूल दें। वे 31 जुलाई तक उसकी खुशबू लें। इसके बाद याद रखें कि फूल के नीचे कांटे भी होते हैं। पालन नहीं करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। शिक्षकों को अगर कोई दिक्कत आ रही है तो वे मुझे और अधिकारियों को बताएं कि क्या समस्या है। विभाग उन्हें ट्रेनिंग देगा। जहां मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं है, उन जगहों को बताएं। समस्याओं को तत्काल हल किया जाएगा।

मंत्री ने प्रदेशभर में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में होने वाले ऑनलाइन और ऑफ लाइन एडमिशन की तारीख को भी 12 जुलाई कर दी है।

बैठक में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण इंदौर संभाग ओएल मंडलोई, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक नरेंद्र जैन, जिला परियोजना समन्वयक अक्षय सिंह राठौर, उत्कृष्ट स्कूल व मॉडल स्कूल के प्राचार्य सहित अन्य मौजूद थे।

मेयर बोलीं- डीईओ साहब मैं आपसे बात कर रही हूं....बैठक पर ध्यान दीजिए
बैठक में महापौर मालिनी गाड भी थीं। उन्होंने जब डीईओ डॉ. अनुराग जायसवाल से कुछ कहा तो उनका ध्यान कहीं और था। इस पर महापौर ने नाराजगी जताते हुए कहा- डीईओ साहब मैं आपसे बात कर रही हूं... बैठक में ध्यान दीजिए। मैं खुद महापौर और विधायक हूं। कई बार डीईओ को फोन करते हैं तो वे फोन नहीं उठाते। उन्होंने मंत्री से कहा कि शहर के कई स्कूलों में अभी प्राचार्य की नियुक्ति नहीं हुई है। कुछ हाई स्कूलों को हायर सेकंडरी किया जाए। महापौर ने शिक्षा विभाग का निगम से संबंधित कोई भी काम हो तो उन्हें बताने को कहा।
फोन लगाकर पूछो कलेक्टर से उन्होंने मना किया क्या

बैठक में शाह ने सभी विकासखंड स्रोत समन्वयक (बीआरसी) से पूछा कि कितने दिन ग्रामीण क्षेत्रों में जाते हो। वहां रात में रुकते हो? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि रोज चार से पांच स्कूलों का निरीक्षण करते हैं। कलेक्टर और कमिश्नर साहब दौरे पर जाते हैं तो रात में भी रुकते हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि फोन लगाकर कलेक्टर से पूछते हैं कि क्या उन्होंने कहा है कि जब उनका दौरा हो, तभी रात में रुको। उन्होंने डीईओ को निर्देश दिए की सभी बीआरसी की डायरी को चेक की जाएं कि वे रोज कितने स्कूलों का निरीक्षण करते हैं, कितने दिन, रात में रुकते हैं। इसकी जानकारी विभाग को भी दें।


ये निर्देश भी दिए

- मंत्री ने जेडी और डीईओ को फटकार लगाते हुए कहा कि जिन स्कूलों के परीक्षा परिणाम कम आए, उनके प्राचार्यों को नोटिस अब तक क्यों नहीं दिए गए। उन्हें नोटिस दिए जाएं।

- प्राचार्य और हेड मास्टर रोज विभाग के अफसरों को एमएमएस कर जानकारी दें कि स्कूल में क्या हुआ। वहां की स्थिति कैसी है।

- सभी बच्चों के आधार कार्ड, बैंक में खाता और छात्रवृत्ति वितरण का काम 1 नवंबर तक पूरा किया जाए।

- ब्लॉक स्तर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था की जाए। हर सप्ताह वीसी ली जाएगी।

- आरटीई में प्रवेश की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। स्कूल चले हम अभियान को प्राथमिकता से लें।


साभार नईदुनिया 


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