Friday, June 17, 2016

प्रमोशन में आरक्षण: कैबिनेट कमेटी गठित, 31 जुलाई तक देना होगा नियमों का मसौदा - मुद्दे पर बंटी भाजपा

प्रदेश सरकार पदोन्न्ति में आरक्षण को लेकर 31 जुलाई तक नए नियम का मसौदा तैयार करेगी। ये मसौदा वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार सहित पांच मंत्रियों की कमेटी को बनाना है। इसमें आरक्षित पदों की मौजूदा स्थिति से लेकर अब तक मिले फायदे का पूरा ब्योरा रहेगा। समिति में अनारक्षित वर्ग से सिर्फ जनसंपर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ल को रखा गया है। विजय शाह, ज्ञानसिंह और लाल सिंह आर्य भी समिति के सदस्य होंगे।


इसके संयोजक प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग होंगे। सूत्रों के मुताबिक सरकार की मंशा पदोन्न्ति में आरक्षण को बरकरार रखने की है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने अजाक्स के मंच से कैबिनेट सब कमेटी बनाने की घोषणा की। इस पर सामान्य प्रशासन विभाग ने पांच सदस्यीय कमेटी की घोषणा भी कर दी।


कमेटी के वरिष्ठ सदस्य डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने को चर्चा में बताया कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार पूरी दमदारी से केस लड़ेगी। वकील कौन हो, यह तय करने के लिए मुख्यमंत्री ने अजाक्स के महासम्मेलन में नाम तक मांग लिए। सरकार पदोन्न्ति में आरक्षण के लिए ऐसे नए नियम बनाएगी, जिनमें कोई कमी न हो। दरअसल, कोर्ट ने जिन आधारों पर पदोन्न्ति में आरक्षण नियम को असंवैधानिक करार देकर निरस्त किया था, वैसी कोई भी परिस्थिति नए नियमों में नहीं आने दी जाएगी।


उधर एक अन्य  घटनाक्रम  मे  भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में आरक्षण का मुद्दा छाया रहा। 


भाजपा के सवर्ण व दलित नेताओं के मतभेद स्पष्ट उभरकर सामने आ गए। पार्टी ने अपने राजनीतिक प्रस्ताव में पदोन्न्ति में आरक्षण बनाए रखने का ऐलान किया है। इस पर आपत्ति करते हुए ग्वालियर के वरिष्ठ नेता जय सिंह कुशवाह प्रस्ताव में संशोधन की मांग उठा दी। मामले पर जब उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता, राज्य मंत्री दीपक जोशी एवं सांसद आलोक संजर सहित कुछ अन्य नेताओं ने बोलने की कोशिश की तो उन्हें अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने रोक दिया।


भाजपा के संभागीय कार्यालय अटल कुंज में कार्यसमिति के पहले दिन सुबह से ही पदोन्न्ति में आरक्षण का मुद्दा गरमा गया। पार्टी के सवर्ण और दलित नेताओं के अलग-अलग विचार सामने आए। बैठक का उद्घ्ााटन करते हुए प्रदेश प्रभारी डा. विनय सहस्त्रबुद्धे एवं प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान ने स्पष्ट कर दिया कि भाजपा की लाइन केन्द्र से लेकर राज्य तक स्पष्ट है। पदोन्न्ति में आरक्षण को यथावत रखा जाएगा।


इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान का पार्टी समर्थन करती है। पार्टी ने अपने राजनीतिक प्रस्ताव में भी इसकी विधिवत घोषणा कर दी। बैठक में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, थावरचन्द्र गहलोत, सांसद प्रभात झा, प्रदेश के संगठन महामंत्री सुहास भगत, प्रदेश मंत्रीमण्डल के सदस्य, सांसद, विधायक एवं पदाधिकारी मौजूद थे।


आपकी बातों से कचोट रही आत्मा....


सत्र के दौरान ही कुशवाह ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यहां बैठे 80 प्रतिशत लोग प्रस्ताव से सहमति नहीं हैं। आपकी बातों से उनकी आत्मा कचोट रही है। इसलिए राजनीतिक प्रस्ताव में संशोधन होना चाहिए। कुशवाह के इतना कहते ही मंत्री उमाशंकर गुप्ता, दीपक जोशी व सांसद संजर सहित कुछ और नेताओं ने इस मुद्दे पर अपने सुझाव रखने के लिए जब अनुमति मांगी तो अध्यक्ष चौहान पशोपेश में पड़ गए। मामले को गर्माते देख उन्होंने मंच पर ही मुख्यमंत्री से फुसफुसाते हुए कुछ चर्चा की और सभी को अनुमति देने से इंकार कर दिया।


अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में पार्टी अपना स्टैण्ड ले चुकी है। इसलिए इस पर और बहस करने की गुंजाइश नहीं। लेकिन बैठक के भीतर और बाहर नेताओं के बीच इस मुद्दे पर गरमा-गरम चर्चा चलती रही। बैठक की ब्रीफिंग करने आए उपाध्यक्ष अजय प्रताप सिंह पर पत्रकारों ने जब सवालों की बौछार की तो वह जवाब देने से बचते नजर आए। दरअसल चर्चा की शुरूआत सांसद मनोहर ऊटवाल ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए की। 

स्तोत्र नईदुनिया 


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Friday, June 17, 2016

प्रमोशन में आरक्षण: कैबिनेट कमेटी गठित, 31 जुलाई तक देना होगा नियमों का मसौदा - मुद्दे पर बंटी भाजपा

प्रदेश सरकार पदोन्न्ति में आरक्षण को लेकर 31 जुलाई तक नए नियम का मसौदा तैयार करेगी। ये मसौदा वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार सहित पांच मंत्रियों की कमेटी को बनाना है। इसमें आरक्षित पदों की मौजूदा स्थिति से लेकर अब तक मिले फायदे का पूरा ब्योरा रहेगा। समिति में अनारक्षित वर्ग से सिर्फ जनसंपर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ल को रखा गया है। विजय शाह, ज्ञानसिंह और लाल सिंह आर्य भी समिति के सदस्य होंगे।


इसके संयोजक प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग होंगे। सूत्रों के मुताबिक सरकार की मंशा पदोन्न्ति में आरक्षण को बरकरार रखने की है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने अजाक्स के मंच से कैबिनेट सब कमेटी बनाने की घोषणा की। इस पर सामान्य प्रशासन विभाग ने पांच सदस्यीय कमेटी की घोषणा भी कर दी।


कमेटी के वरिष्ठ सदस्य डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने को चर्चा में बताया कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार पूरी दमदारी से केस लड़ेगी। वकील कौन हो, यह तय करने के लिए मुख्यमंत्री ने अजाक्स के महासम्मेलन में नाम तक मांग लिए। सरकार पदोन्न्ति में आरक्षण के लिए ऐसे नए नियम बनाएगी, जिनमें कोई कमी न हो। दरअसल, कोर्ट ने जिन आधारों पर पदोन्न्ति में आरक्षण नियम को असंवैधानिक करार देकर निरस्त किया था, वैसी कोई भी परिस्थिति नए नियमों में नहीं आने दी जाएगी।


उधर एक अन्य  घटनाक्रम  मे  भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में आरक्षण का मुद्दा छाया रहा। 


भाजपा के सवर्ण व दलित नेताओं के मतभेद स्पष्ट उभरकर सामने आ गए। पार्टी ने अपने राजनीतिक प्रस्ताव में पदोन्न्ति में आरक्षण बनाए रखने का ऐलान किया है। इस पर आपत्ति करते हुए ग्वालियर के वरिष्ठ नेता जय सिंह कुशवाह प्रस्ताव में संशोधन की मांग उठा दी। मामले पर जब उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता, राज्य मंत्री दीपक जोशी एवं सांसद आलोक संजर सहित कुछ अन्य नेताओं ने बोलने की कोशिश की तो उन्हें अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने रोक दिया।


भाजपा के संभागीय कार्यालय अटल कुंज में कार्यसमिति के पहले दिन सुबह से ही पदोन्न्ति में आरक्षण का मुद्दा गरमा गया। पार्टी के सवर्ण और दलित नेताओं के अलग-अलग विचार सामने आए। बैठक का उद्घ्ााटन करते हुए प्रदेश प्रभारी डा. विनय सहस्त्रबुद्धे एवं प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान ने स्पष्ट कर दिया कि भाजपा की लाइन केन्द्र से लेकर राज्य तक स्पष्ट है। पदोन्न्ति में आरक्षण को यथावत रखा जाएगा।


इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान का पार्टी समर्थन करती है। पार्टी ने अपने राजनीतिक प्रस्ताव में भी इसकी विधिवत घोषणा कर दी। बैठक में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, थावरचन्द्र गहलोत, सांसद प्रभात झा, प्रदेश के संगठन महामंत्री सुहास भगत, प्रदेश मंत्रीमण्डल के सदस्य, सांसद, विधायक एवं पदाधिकारी मौजूद थे।


आपकी बातों से कचोट रही आत्मा....


सत्र के दौरान ही कुशवाह ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यहां बैठे 80 प्रतिशत लोग प्रस्ताव से सहमति नहीं हैं। आपकी बातों से उनकी आत्मा कचोट रही है। इसलिए राजनीतिक प्रस्ताव में संशोधन होना चाहिए। कुशवाह के इतना कहते ही मंत्री उमाशंकर गुप्ता, दीपक जोशी व सांसद संजर सहित कुछ और नेताओं ने इस मुद्दे पर अपने सुझाव रखने के लिए जब अनुमति मांगी तो अध्यक्ष चौहान पशोपेश में पड़ गए। मामले को गर्माते देख उन्होंने मंच पर ही मुख्यमंत्री से फुसफुसाते हुए कुछ चर्चा की और सभी को अनुमति देने से इंकार कर दिया।


अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में पार्टी अपना स्टैण्ड ले चुकी है। इसलिए इस पर और बहस करने की गुंजाइश नहीं। लेकिन बैठक के भीतर और बाहर नेताओं के बीच इस मुद्दे पर गरमा-गरम चर्चा चलती रही। बैठक की ब्रीफिंग करने आए उपाध्यक्ष अजय प्रताप सिंह पर पत्रकारों ने जब सवालों की बौछार की तो वह जवाब देने से बचते नजर आए। दरअसल चर्चा की शुरूआत सांसद मनोहर ऊटवाल ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए की। 

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