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Saturday, May 14, 2016
गुदडी के लाल :- "शहरों से आगे गांव; पैसे वालों से आगे गरीव; बेटों से आगे बेटियां और निजी स्कूलों से आगे सरकारी स्कूल।"
शहरों के निजी स्कूलों में अच्छी पढ़ाई का तैयार किया गया तिलिस्म गांव के बेटे- बेटियों ने तोड़ दिया। इस वर्ष 12वीं के रिजल्ट का संदेश है "शहरों से आगे गांव; पैसे वालों से आगे गरीव; बेटों से आगे बेटियां और निजी स्कूलों से आगे सरकारी स्कूल।"12वीं का परीक्षा परिणाम साबित कर गया है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक योग्य हैं और वे ही भारत का भविष्य हैं। सरकारों के जूतों की रखवाली; शौचालयों की गिनती या ऐसे ही तमाम मनोबल गिराने वाले फरमानों से यह निराश होने वाले नहीं हैं। वे शिक्षक हैं और उन्हें शिक्षक का दायित्व निभाना आता है यह उमरेठ के गरीब परिवार की बेटी ज्योति को राज्य स्तरीय प्रावीण्य सूची में पहुंचाकर साबित भी कर दिया।
गोदड़ी के लाल को सलाम , तिगांव के शासकीय संजय गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्र अमित शेण्डे पिता शिवाजी शेण्डे ने घोषित हुए परीक्षा परिणाम (गणित संकाय) में 94.2 अंक लाकर जिले की टॉप थ्री सूची में सफलता हासिल की है। अमित के माता-पिता मजदूरी करके उसकी पढ़ाई पूरी करा रहे हैं। रोजाना की तरह उसके माता-पिता मजदूरी करने गए हुए थे, लेकिन जब वे शाम को घर लौटे और बेटे का रिजल्ट सुना तो उनके चेहरे पर खुशी छा गई। बेटे के टॉप थ्री में नाम आने से खुशी के मारे उसका सीना फूल गया। उसके घर में बंधाई देने बालो का तांता लग गया।
वंशकार परिवार के तीन भाई बहन आये प्रथम बेटा बेटी की बहस उत्तम संतान पर हो विचार को तामिया के बेहद गरीब बंसकार परिवार ने सार्थक किया है झौपडी मे रहने वाली प्रतिभाये अपने दम पर सफल होकर समाज के लिये प्रेरणा बनती है| तामिया मे बांस का काम करने वाले मुल्लूसिंह ढोलेवार के दो पुत्रो रोहित तथा भूपेश कक्षा बारहवी मे गणित संकाय मे प्रथम श्रेणी में आकर समाज मे नई मिसाल पेश की है | वही इस मुल्लू की पुत्री मेघा ढोलेवार ने भी कन्या शाला से बायलोजी संकाय प्रथम स्थान प्राप्त किया है | जैसे तैसे बांस की टोकरी बनाकर जीवन यापन करने वाले इस परिवार की परेशानिया भी कम नही है | अपने बच्चो की सफलता से अभिभूत मुल्लु की पत्नी अनिता बताती है कि उनके तीनो बच्चे अभावो ने रहकर पढ रहे है उनके सबसे बडी पूंजी यही है | अपने छात्र जीवन में मुल्लू सिंघ ढोलेवार बेहद प्रतिभाशाली रहे तामिया के मात्र छात्र थे जो स्काउट कैम्प मे मलेशिया गये थे | आज यह परिवार बेहद परेशानियो से गुजर रहा है मुल्लू पढे लिखे होने के बाद पुस्तैनी बांस के काम से परिवार पाल रहे है वही इन दिनोये परिवार अपने बच्चो के जाति प्रमाण बनवाने की जद्दोजेहाद मे जुटा है प्रतिभाशाली तीन भाई बहनो के इस परिवार को कई शासकीय योजनायो का लाभ नही मिला है वही अब इन मेधावी बच्चो की आगे की पढाई का मामला भी गरीबी के भंवर मे फसा हुआ है | तामिया मुख्यमार्ग किनारे कच्चे मकान मे रहकर गुजर बसर करने वाले ढोलेवार परिवार को स्थानीय नागरिको ने सरकारी अदद दिलाने की मांग की है |
श्री वासुदेव शर्मा की फेस बुक वाल से साभार (लेखक छिंदवाड़ा में राज एक्स्प्रेस के ब्यूरो चीफ हैं )
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