Thursday, April 7, 2016

अध्यापक संवर्ग को स्वयं से व्यय से ,बी.एड./डी.एड.करने पर प्रोत्साहन स्वरूप अतिरिक्त वेतन वृद्धि क्यों नहीं मिलती ?


सवयं के व्यय पर DEd/BEd करने पर प्रोत्साहन

स्वरूप वेतन वृद्धि !


            साथियो मुझ से कई बार एक प्रश्नं  किया गया है, और स्वयं की भी  यह जिज्ञासा रही है  ,की अध्यापक संवर्ग को स्वयं से व्यय से ,बी.एड./डी.एड.करने पर प्रोत्साहन स्वरूप अतिरिक्त वेतन वृद्धि क्यों नहीं मिलती ? 
            
            जब मेने  इस प्रश्न का उत्तर तलाश किया  तो यह तथ्य सामने आया की राज्य शासन  की एक नीति हमारी इस मांग में रोड़ा बन रही है। इस नीति के द्वारा शासन ने  निर्णय  लिया गया की ,14 सितम्बर 2006 के बाद किसी भी कर्मचारी और अधिकारी को , एम फिल / पि एच डी ,लेखा प्रशिक्षण परीक्षा ,और कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए ,प्रोत्साहन स्वरूप दी जा रही वेतन वृद्धि  अब बंद कर दी जाए  ,अब राज्य शासन द्वारा केवल परिवार नियोजन के लिए ही प्रोत्साहन की वेतन वृद्धि  दी जा रही हैं। 14 सितम्बर 2006 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है की लेखा प्रशिक्षण परीक्षा ,और कम्प्यूटर प्रशिक्षण जैसे अन्य प्रशिक्षण जो की किसी संवर्ग के लिए अनिवार्य योग्यता हो उसके लिए प्रोत्सान स्वरूप वेतन वृद्धि नहीं दी जाना चाहिए। साथ ही अन्य संवर्गो के लिए एम फिल/ पि एच डी  की वेतन वृद्धि नहीं दी जाए ,सिर्फ UGS नियमो के अंतर्गत महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में कार्यरत सहायक प्राध्यापको और प्राध्यापको को छोड़कर।    
            
            साथियों जब हम अपने अध्यापक संवर्ग के नियमो का अध्ययन करेंगे तो यह बात सामने आएगी की अध्यापक बनने  के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण ( DEd/BEd ) अनिवार्य योग्यता है  ,संविदा शिक्षक जब तक प्रशिक्षित (DEd/BEd) नहीं होता अध्यापक संवर्ग में नही आता , साथ  ही कई शिक्षाकर्मी साथियों को 2007के बाद कोई वेतन वृद्धि नहीं लगी जब तक की उन्होंने प्रशिक्षण (DEd/BEd) नहीं कर लिया ,क्योकि कई शिक्षाकर्मी साथि जो हायर सेकंडरी और हाईस्कूल में कार्यरत थे वे उन्हें आपरेशन  क्वालिटी अंतर्गत DEd करने  अवसर नहीं मिला था। 
            
           इसके बाद भी कई जगह कई निकायों ने उच्च न्यायलय के निर्णय  के प्रकाश में प्रोत्साहन की वेतन वृध्दि दी है ,जिसे बाद में शासन  के 18 जुलाई 2011 के आदेश द्वारा रोक दिया गया है।  शासन  ने यह भी कहा  है की यदि कोई वेतन वृद्धि प्राप्त करता है तो वह स्वय  जिम्मेदार रहेगा। 
           
         साथियों इस विश्लेषण के बाद मेरा मत तो यही है की न्यायलय के अंतिम निर्णय और शासन के आदेश की प्रतीक्षा करनी चाहीये। आप का साथी सुरेश यादव कार्यकारी जिलाध्यक्ष राज्य अध्यापकं संघ रतलाम 9926809650

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Thursday, April 7, 2016

अध्यापक संवर्ग को स्वयं से व्यय से ,बी.एड./डी.एड.करने पर प्रोत्साहन स्वरूप अतिरिक्त वेतन वृद्धि क्यों नहीं मिलती ?


सवयं के व्यय पर DEd/BEd करने पर प्रोत्साहन

स्वरूप वेतन वृद्धि !


            साथियो मुझ से कई बार एक प्रश्नं  किया गया है, और स्वयं की भी  यह जिज्ञासा रही है  ,की अध्यापक संवर्ग को स्वयं से व्यय से ,बी.एड./डी.एड.करने पर प्रोत्साहन स्वरूप अतिरिक्त वेतन वृद्धि क्यों नहीं मिलती ? 
            
            जब मेने  इस प्रश्न का उत्तर तलाश किया  तो यह तथ्य सामने आया की राज्य शासन  की एक नीति हमारी इस मांग में रोड़ा बन रही है। इस नीति के द्वारा शासन ने  निर्णय  लिया गया की ,14 सितम्बर 2006 के बाद किसी भी कर्मचारी और अधिकारी को , एम फिल / पि एच डी ,लेखा प्रशिक्षण परीक्षा ,और कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए ,प्रोत्साहन स्वरूप दी जा रही वेतन वृद्धि  अब बंद कर दी जाए  ,अब राज्य शासन द्वारा केवल परिवार नियोजन के लिए ही प्रोत्साहन की वेतन वृद्धि  दी जा रही हैं। 14 सितम्बर 2006 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है की लेखा प्रशिक्षण परीक्षा ,और कम्प्यूटर प्रशिक्षण जैसे अन्य प्रशिक्षण जो की किसी संवर्ग के लिए अनिवार्य योग्यता हो उसके लिए प्रोत्सान स्वरूप वेतन वृद्धि नहीं दी जाना चाहिए। साथ ही अन्य संवर्गो के लिए एम फिल/ पि एच डी  की वेतन वृद्धि नहीं दी जाए ,सिर्फ UGS नियमो के अंतर्गत महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में कार्यरत सहायक प्राध्यापको और प्राध्यापको को छोड़कर।    
            
            साथियों जब हम अपने अध्यापक संवर्ग के नियमो का अध्ययन करेंगे तो यह बात सामने आएगी की अध्यापक बनने  के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण ( DEd/BEd ) अनिवार्य योग्यता है  ,संविदा शिक्षक जब तक प्रशिक्षित (DEd/BEd) नहीं होता अध्यापक संवर्ग में नही आता , साथ  ही कई शिक्षाकर्मी साथियों को 2007के बाद कोई वेतन वृद्धि नहीं लगी जब तक की उन्होंने प्रशिक्षण (DEd/BEd) नहीं कर लिया ,क्योकि कई शिक्षाकर्मी साथि जो हायर सेकंडरी और हाईस्कूल में कार्यरत थे वे उन्हें आपरेशन  क्वालिटी अंतर्गत DEd करने  अवसर नहीं मिला था। 
            
           इसके बाद भी कई जगह कई निकायों ने उच्च न्यायलय के निर्णय  के प्रकाश में प्रोत्साहन की वेतन वृध्दि दी है ,जिसे बाद में शासन  के 18 जुलाई 2011 के आदेश द्वारा रोक दिया गया है।  शासन  ने यह भी कहा  है की यदि कोई वेतन वृद्धि प्राप्त करता है तो वह स्वय  जिम्मेदार रहेगा। 
           
         साथियों इस विश्लेषण के बाद मेरा मत तो यही है की न्यायलय के अंतिम निर्णय और शासन के आदेश की प्रतीक्षा करनी चाहीये। आप का साथी सुरेश यादव कार्यकारी जिलाध्यक्ष राज्य अध्यापकं संघ रतलाम 9926809650

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