शिक्षा और उस से जुड़े संवर्ग की सेवाओं से जुडी जानकारीयां ,आप तक आसानी से पहुंचाने का एक प्रयास है अध्यापक जगत
Wednesday, April 27, 2016
गणना पत्रक को लेकर अध्यापक समाज में इतनी व्याकुलता क्यों ? :- सुरेश यादव
गणना पत्रक को लेकर अध्यापक समाज में इतनी व्याकुलता क्यों ? गणना पत्रक जारी करना न करना सरकार की जिम्मेदारी है । अध्यापक संगठनो की जिम्मेदारी उसके बाद प्रारंभ होगी। आदेश का विश्लेषण करे,यदि कमी हो तो सुधार कराये ।आप को जानकारी होगी की 25 फरवरी 2016 को, 1 जनवरी 2016 से वेतनमान प्रदान करने का आदेश जारी कर दिया गया है ।आदेश में स्पष्ठ है की जनवरी से मार्च तक का एरियर वित्त वर्ष 2016-17 में कभी भी और अप्रैल का वेतन मई से नगद भुगतान किया जाएगा । इस से स्पष्ठ होता है की अप्रैल के बाद जब भी वेतन मिलेगा अप्रैल के वेतन का अंतर, नगद लाभ के रूप में वेतन के साथ मिलेगा । अर्थात नगद लाभ 1 जनवरी 2016 से मिलना तय है । फिर इस विषय को लेकर व्याकुलता का कोई प्रश्न नहीं बनता । साथ ही सहायक अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक का न्यूनतम वेतन भी चिंता का विषय है ,सरकार यह नहीं देती है तो क्रमोन्नति - पदोन्नति में तो अगले पद का वेतन देना ही होगा ,इस प्रकार एक और विसंगति उत्पन्न होगी ,साथियो शासन ने 25 फरवरी के आदेश में 6 टा वेतन मान देने का कहा है,अर्थात 6 टे वेतन मान के समस्त आदेश निर्देश का पालन होगा इस लिए में इस विषय पर 50-50 % का मत रखता हूँ ।
अध्यापक संवर्ग को नविन वेतन मान का आदेश जारी होने के बाद गणना पत्रक में विलम्ब की समस्त जिम्मेदारी सरकार की है। हमारे साथी अन्य व्यक्ति या संगठनों को जिम्मेदार ठहरा रहे है क्या यह उचित है ? साथियो अब गणना पत्रक आ भी जाए तब भी हमें नया वेतन मिलने में निश्चित रूप से लम्बा समय लगने वाला है क्योंकि केबिनेट की जो संक्षेपिका लिक हुई थी उसमे उल्लेख था की अब वेतन निर्धारण पत्रक सम्परीक्षा निधि कार्यालय जाएंगे । इस पूरी प्रक्रिया में लम्बा समय भी लगना तय है क्योकि यह कार्यालय संभागीय मुख्यालय पर होता है ,और एक संभाग में कितने DDO है आप कल्पना कीजिये।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Comments system
Wednesday, April 27, 2016
गणना पत्रक को लेकर अध्यापक समाज में इतनी व्याकुलता क्यों ? :- सुरेश यादव
गणना पत्रक को लेकर अध्यापक समाज में इतनी व्याकुलता क्यों ? गणना पत्रक जारी करना न करना सरकार की जिम्मेदारी है । अध्यापक संगठनो की जिम्मेदारी उसके बाद प्रारंभ होगी। आदेश का विश्लेषण करे,यदि कमी हो तो सुधार कराये ।आप को जानकारी होगी की 25 फरवरी 2016 को, 1 जनवरी 2016 से वेतनमान प्रदान करने का आदेश जारी कर दिया गया है ।आदेश में स्पष्ठ है की जनवरी से मार्च तक का एरियर वित्त वर्ष 2016-17 में कभी भी और अप्रैल का वेतन मई से नगद भुगतान किया जाएगा । इस से स्पष्ठ होता है की अप्रैल के बाद जब भी वेतन मिलेगा अप्रैल के वेतन का अंतर, नगद लाभ के रूप में वेतन के साथ मिलेगा । अर्थात नगद लाभ 1 जनवरी 2016 से मिलना तय है । फिर इस विषय को लेकर व्याकुलता का कोई प्रश्न नहीं बनता । साथ ही सहायक अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक का न्यूनतम वेतन भी चिंता का विषय है ,सरकार यह नहीं देती है तो क्रमोन्नति - पदोन्नति में तो अगले पद का वेतन देना ही होगा ,इस प्रकार एक और विसंगति उत्पन्न होगी ,साथियो शासन ने 25 फरवरी के आदेश में 6 टा वेतन मान देने का कहा है,अर्थात 6 टे वेतन मान के समस्त आदेश निर्देश का पालन होगा इस लिए में इस विषय पर 50-50 % का मत रखता हूँ ।
अध्यापक संवर्ग को नविन वेतन मान का आदेश जारी होने के बाद गणना पत्रक में विलम्ब की समस्त जिम्मेदारी सरकार की है। हमारे साथी अन्य व्यक्ति या संगठनों को जिम्मेदार ठहरा रहे है क्या यह उचित है ? साथियो अब गणना पत्रक आ भी जाए तब भी हमें नया वेतन मिलने में निश्चित रूप से लम्बा समय लगने वाला है क्योंकि केबिनेट की जो संक्षेपिका लिक हुई थी उसमे उल्लेख था की अब वेतन निर्धारण पत्रक सम्परीक्षा निधि कार्यालय जाएंगे । इस पूरी प्रक्रिया में लम्बा समय भी लगना तय है क्योकि यह कार्यालय संभागीय मुख्यालय पर होता है ,और एक संभाग में कितने DDO है आप कल्पना कीजिये।
आप सभी की चिंताओं के बारे में तो मेने अपनी राय रख दी है लेकिन मेरी फ़िक्र इस विषय को लेकर है की सेवा पुस्तिका में वेतन निर्धारण कब से किया जाएगा , आज तक जिस दिनाक से कर्मचारीयो को अंतरिम राहत मिलती है सेवा पुस्तिका में वेतन मान भी उसी दिंनाक से परिवर्तित होता है। इस बार भी ऐसा ही होना चाहिए ,यदि यह नहीं होता है तो हम ठगे जाएंगे और ठग होगी सरकार , 2013 की अंतरिम राहत के आदेश अनुसार वेतन मान की गणना 1 अप्रैल 2007 की स्थिति से की जाना चाहिए। इसके साथ ही वेतन निर्धारण पत्रक सम्परीक्षा निधि कार्यालय जाएंगे तो सभी का वेतन समान हो जाएगा ।
असमान वेतन के कुछ प्रकरण या कारण मेरे समक्ष आये है वे इस प्रकार हैं :-
( 1 ) परिवीक्षा अवधि की वेतन वृद्धि :- शासन उच्च न्यायालय के इस निर्णय के खिलाफ सर्वोच्च न्यायलय तक गया,अंत में न्यायालय ने 2007 में वेतन वृद्धि में कटौती का कहा लेकिन 1998 से 2007 तक वसूली नहीं करने के आदेश दिए , 2007 से समान स्थिति करने के आदेश दिए परन्तु कुछ साथि 2007 के पश्चात भी इस वेतन में इसका लाभ ले रहे है।
( 2 ) स्वयं के व्यय पर डीएड / बीएड :- स्वयं के व्यय पर डीएड / बीएड करने पर कई साथी वेतन वृद्धि प्राप्त कर रहे है जबकि शासन ने इस मामले पर रोक लगा दी है।
( 3 ) 2001 से वेतनमान की गणना :- 2001 से वेतनमान की गणना इस मामले में भी कई जगह पर अध्यापक साथियो ने लाभ ले लिया है परन्तु शासन ने इस पर भी रोक लगा दी है ।
( 4 ) गुरूजी को 1998 से शिक्षा कर्मी के समान वेतन मान :- गुरूजी को 1998 से शिक्षा कर्मी के समान वेतनमान इस मामले में भी न्यायलय ने अभ्यवें का निराकरण करने का आदेश दिया गया था परन्तु कई साथी इसका लाभ ले चुके है सरकार द्वारा अपील की जा चुकी है और भुगतान रोक दि गयी है ।
( 5 ) संविदा शिक्षक को 3 वर्ष की एक वेतन वृद्धि :- संविदा शिक्षक को 3 वर्ष की एक वेतन वृद्धि देने को लेकर एक फर्जी आदेश भी जारी हुआ था जीस पर प्रकरण दर्ज है ,कुछ साथी न्यायलय भी गए सरकार ने देने से इंकार किया है ।
( 6 ) संविदा शिक्षक को देर से प्रशिक्षण प्राप्त करने पर भी 3 वर्ष बाद से अध्यापक संवर्ग का वेतन :- कई जिलोन में 2006 व 2007 और उसके पश्चात संविदा शाळा शिक्षकों को निर्धारित समय पश्चात प्रशिक्षण प्राप्त करने पर भी 3 वर्ष की सेवा उपरांत अध्यापक संवर्ग में सम्मिलित किया गया है ,जबकी यह आदेश सिर्फ वर्ष 2001 और 2003 में नियुक्त संविदा शिक्षकों के ही था की वे जुलाई 2011 तक प्रशिक्षण प्राप्त करते है तब भी उन्हें 1 अप्रैल 2007 से अध्यापक संवर्ग में माना जाएगा और वेतन प्रदान किया जाएगा।
मित्रो अभी भी कई साथियो ने इस प्रकार के आदेशो का लाभ लेकर ,वेतन प्राप्त किया है और लाभ ले रहे हैं ।परंतु आगामी वेतन निर्धारण के आदेश में स्पष्ठ उल्लेख है की ,हर अध्यापक का वेतन निर्धारण ,"संपरीक्षा निधि कार्यालय" तक जायेगा । अब तय है की वेतन एक समान किया जाएगा ।में नहीं कह सकता की इस असमान वेतन की वसूली होगी या नहीं होगी लेकिन ,भविष्य में सभी अध्यापको का वेतन जरूर सामान हो जाएगा ।
साथियो इस लिए साथियो अपनी ऊर्जा को बचाएँ रखें असली लड़ाई तो गणना पत्रक जारी बाद प्रारम्भ होगी ।
सुरेश यादव ,कार्यकारी जिलाध्यक्ष राज्य अध्यापक संघ जिला रतलाम
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment